यशायाह 31:1 - पवित्र बाइबल1 उन लोगों को धिक्कार है जो सहायता पाने के लिये मिस्र की ओर उतर रहे हैं। ये लोग घोड़े चाहते हैं। उनका विचार है, घोड़े उन्हें बचा लेंगे। लोगों को आशा है कि मिस्र के रथ और घुड़सवार सैनिक उन्हें बचा लेंगे। लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित इसलिये हैं कि वह एक विशाल सेना है। लोग इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) पर भरोसा नहीं रखते। लोग यहोवा से सहायता नहीं माँगते। अध्याय देखेंHindi Holy Bible1 हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर, क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं! अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)1 ओ इस्राएलियो, धिक्कार है तुम्हें! तुम मिस्र-देश से सहायता मांगने जाते हो; तुम उसकी अश्व-शक्ति का सहारा लेते हो। तुम्हें उसके रथों पर भरोसा है; क्योंकि उसके पास असंख्य रथ हैं। तुम्हें उसके घुड़सवारों पर विश्वास है; क्योंकि वे बहुत बलवान हैं। ओ इस्राएलियो, धिक्कार है तुम्हें! तुम इस्राएल के पवित्र परमेश्वर की ओर सहायता के लिए नहीं देखते; तुम प्रभु का मार्गदर्शन नहीं खोजते। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)1 हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं! अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल1 हाय उन पर जो मिस्र देश में सहायता के लिए जाते हैं, और जो घोड़ों पर आश्रित होते हैं, उनका भरोसा रथों पर है क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर क्योंकि वे बलवान है, किंतु वे इस्राएल के पवित्र परमेश्वर की ओर सहायता के लिए नहीं देखते, और न ही वे याहवेह को खोजते हैं. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20191 हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर, क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं! अध्याय देखें |
अब मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम सहायता पाने के लिये किस पर भरोसा करते हो क्या तुम सहायता के लिये मिस्र पर निर्भर हो मिस्र तो एक टूटी हुई लाठी के समान है। यदि तुम सहारा पाने को उस पर टिकोगे तो वह तुम्हें बस हानि ही पहुँचायेगी और तुम्हारे हाथ में एक छेद बना देगी। मिस्र के राजा फिरौन पर किसी भी व्यक्ति के द्वारा सहायता पाने के लिये भरोसा नहीं किया जा सकता।
“इस्राएल के लोगों का परमेश्वर यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘यहूकल और सपन्याह मैं जानता हूँ कि यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने तुम्हें मेरे पास प्रश्न पूछने को भेजा है। राजा सिदकिय्याह को यह उत्तर दो, फिरौन की सेना यहाँ आने और बाबुल की सेना के विरुद्ध तुम्हारी सहायता के लिये मिस्र से कूच कर चुकी है। किन्तु फिरौन की सेना मिस्र लौट जाएगी।
किन्तु इस नये राजा ने किसी भी प्रकार नबूकदनेस्सर के विरुद्ध विद्रोह करने का प्रयत्न किया। उसने सहायता माँगने के लिये मिस्र को दूत भेजे। नये राजा ने बहुत से घोड़े और सैनिक मांगे। इस दशा में, क्या तुम समझते हो कि यहूदा का राजा सफल होगा क्या तुम समझते हो कि नये राजा के पास पर्याप्त शक्ति होगी कि वह सन्धि को तोड़कर दण्ड से बच सकेगा”