अबीमेलेक ने कहा, “इसके बारे में मैंने यह पहली बार सुना है! मुझे नहीं पता है, कि यह किसने किया है, और तुमने भी इसकी चर्चा मुझसे इससे पहले कभी नहीं की।”
प्रेरितों के काम 3:17 - पवित्र बाइबल “हे भाईयों, अब मैं जानता हूँ कि जैसे अनजाने में तुमने वैसा किया, वैसे ही तुम्हारे नेताओं ने भी किया। Hindi Holy Bible और अब हे भाइयो, मैं जानता हूं कि यह काम तुम ने अज्ञानता से किया, और वैसा ही तुम्हारे सरदारों ने भी किया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “भाइयो! मैं जानता हूँ कि आप लोग, और आपके शासक भी, यह नहीं जानते थे कि वे क्या कर रहे हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “अब हे भाइयो, मैं जानता हूँ कि यह काम तुम ने अज्ञानता में किया, और वैसा ही तुम्हारे सरदारों ने भी किया। नवीन हिंदी बाइबल “अब हे भाइयो, मैं जानता हूँ कि तुमने यह अज्ञानता में किया, वैसे ही तुम्हारे अधिकारियों ने भी किया; सरल हिन्दी बाइबल “प्रियजन, मैं यह जानता हूं कि आपने मसीह येशु के विरुद्ध यह सब अज्ञानता के कारण किया है, ठीक जैसा आपके शासकों ने भी किया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “और अब हे भाइयों, मैं जानता हूँ कि यह काम तुम ने अज्ञानता से किया, और वैसा ही तुम्हारे सरदारों ने भी किया। |
अबीमेलेक ने कहा, “इसके बारे में मैंने यह पहली बार सुना है! मुझे नहीं पता है, कि यह किसने किया है, और तुमने भी इसकी चर्चा मुझसे इससे पहले कभी नहीं की।”
किन्तु यूसुफ ने मना कर दिया। उसने कहा, “मेरा मालिक घर की अपनी हर चीज़ के लिए मुझ पर विश्वास करता है। उसने यहाँ की हर एक चीज़ की ज़िम्मेदारी मुझे दी है।
यूसुफ ने उनसे कहा, “तुम लोगों ने यह क्यों किया? क्या तुम लोगों को पता नहीं है कि गुप्त बातों को जानने का मेरा विशेष ढंग है। मुझसे बढ़कर अच्छी तरह कोई दूसरा यह नहीं कर सकता।”
लोगों ने देखा कि लम्बा समय निकल गया और मूसा पर्वत से नीचे नहीं उतरा। इसलिए लोग हारून के चारों ओर इकट्ठा हुए। उन्होंने उससे कहा, “देखो, मूसा ने हमें मिस्र देश से बाहर निकाला। किन्तु हम यह नहीं जानते कि उसके साथ क्या घटित हुआ है। इसलिए कोई देवता हमारे आगे चलने और हमें आगे ले चलने वाला बनाओ।”
आओ और इन लोगों के साथ निपटने में मेरी सहायता करो। वे मेरी शक्ति से बहुत अधिक शक्तिशाली हैं। संभव है कि तब इनको मैं हरा सकूँ। तब मैं उन्हें अपना देश छोड़ने को विवश कर सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम बड़ी शक्ति रखते हो। यदि तुम किसी व्यक्ति को आशीर्वाद देते हो तो उसका भला हो जाता है। यदि तुम किसी व्यक्ति के विरुद्ध कहते हो तो उसका बुरा हो जाता है। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो।”
इस पर यीशु बोला, “हे परम पिता, इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।” फिर उन्होंने पासा फेंक कर उसके कपड़ों का बटवारा कर लिया।
पर वे मेरे कारण तुम्हारे साथ ये सब कुछ करेंगे क्योंकि वे उसे नहीं जानते जिसने मुझे भेजा है।
उत्तर में उन्होंने उससे कहा, “क्या तू भी तो गलील का ही नहीं है? शास्त्रों को पढ़ तो तुझे पता चलेगा कि गलील से कोई नबी कभी नहीं आयेगा।”
यरूशलेम में रहने वालों और उनके शासकों ने यीशु को नहीं पहचाना। और उसे दोषी ठहरा दिया। इस तरह उन्होंने नबियों के उन वचनों को ही पूरा किया जिनका हर सब्त के दिन पाठ किया जाता है।
“स्वयं महायाजक और बुजुर्गों की समूची सभा इसे प्रमाणित कर सकती है। मैंने दमिश्क में इनके भाइयों के नाम इनसे पत्र भी लिया था और इस पंथ के वहाँ रह रहे लोगों को पकड़ कर बंदी के रूप में यरूशलेम लाने के लिये मैं गया भी था ताकि उन्हें दण्ड दिलाया जा सके।
“मैं भी सोचा करता था नासरी यीशु के नाम का विरोध करने के लिए जो भी बन पड़े, वह बहुत कुछ करूँ।
यहूदी नेताओं ने पौलुस से कहा, “तुम्हारे बारे में यहूदिया से न तो कोई पत्र ही मिला है, और न ही वहाँ सेआने वाले किसी भी भाई ने तेरा कोई समाचार दिया और न तेरे बारे में कोई बुरी बात कही।
उन्होंने औरों से कहा था, ‘हमारे लिये ऐसे देवताओं की रचना करो जो हमें मार्ग दिखायें। इस मूसा के बारे में, जो हमें मिस्र से बाहर निकाल लाया, हम नहीं जानते कि उसके साथ क्या कुछ घटा।’
परमेश्वर ने अपने लोगों को नहीं नकारा जिन्हें उसने पहले से ही चुना था। अथवा क्या तुम नहीं जानते कि एलिय्याह के बारे में शास्त्र क्या कहता है: कि जब एलिय्याह परमेश्वर से इस्राएल के लोगों के विरोध में प्रार्थना कर रहा था?
और जिसे इस युग के किसी भी शासक ने नहीं समझा क्योंकि यदि वे उसे समझ पाये होते तो वे उस महिमावान प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते।
किन्तु उनकी बुद्धि बन्द हो गयी थी, क्योंकि आज तक जब वे उस पुरानी वाचा को पढ़ते हैं, तो वही पर्दा उन पर बिना हटाये पड़ा रहता है। क्योंकि वह पर्दा बस मसीह के द्वारा ही हटाया जाता है।
उनकी बुद्धि अंधकार से भरी है। वे परमेश्वर से मिलने वाले जीवन से दूर हैं। क्योंकि वे अबोध हैं और उनके मन जड़ हो गये हैं।
किन्तु यदि मैं अपने इस शरीर से जीवित ही रहूँ तो इसका अर्थ यह होगा कि मैं अपने कर्म के परिणाम का आनन्द लूँ। सो मैं नहीं जानता कि मैं क्या चुनूँ।
यद्यपि पहले मैं उसका अपमान करने वाला, सताने वाला तथा एक अविनीत व्यक्ति था किन्तु मुझ पर दया की गयी क्योंकि एक अविश्वासी के रूप में यह नहीं जानते हुए कि मैं क्या कुछ कर रहा हूँ, मैंने सब कुछ किया