गिनती 22:6 - पवित्र बाइबल6 आओ और इन लोगों के साथ निपटने में मेरी सहायता करो। वे मेरी शक्ति से बहुत अधिक शक्तिशाली हैं। संभव है कि तब इनको मैं हरा सकूँ। तब मैं उन्हें अपना देश छोड़ने को विवश कर सकता हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम बड़ी शक्ति रखते हो। यदि तुम किसी व्यक्ति को आशीर्वाद देते हो तो उसका भला हो जाता है। यदि तुम किसी व्यक्ति के विरुद्ध कहते हो तो उसका बुरा हो जाता है। इसलिए आओ और इन लोगों के विरुद्ध कुछ कहो।” अध्याय देखेंHindi Holy Bible6 इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे, क्योंकि वे मुझ से अधिक बलवन्त हैं, तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इन को अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह तो मैं जानता हूं कि जिस को तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिस को तू शाप देता है वह स्रापित होता है। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)6 अब कृपाकर, तुम आओ और मेरे हेतु इन लोगों को श्राप दो; क्योंकि ये मुझसे अधिक शक्तिशाली हैं। तब कदाचित् मैं इन्हें पराजित कर सकूंगा, और अपने देश से बाहर निकाल सकूंगा। यह मैं जानता हूं, जिस व्यक्ति को तुम आशिष देते हो, वह आशिष से परिपूर्ण हो जाता है, और जिस व्यक्ति को श्राप देते हो, वह श्रापित होता है।’ अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)6 इसलिये आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त शाप दे, क्योंकि वे मुझ से अधिक बलवन्त हैं; तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इनको अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह मैं जानता हूँ कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू शाप देता है वह स्रापित होता है।” अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल6 तब कृपा कर यहां पधारिए, मेरी ओर से इन्हें शाप दीजिए, क्योंकि ये हमारी तुलना में बहुत ही शक्तिशाली हैं. तब मेरे लिए यह संभव हो जाएगा कि मैं उन्हें पराजित कर हमारे देश से बाहर खदेड़ सकूं. क्योंकि इतना मुझे मालूम है कि आप जिनको आशीर्वाद देते हैं, वे फलवंत हो जाते हैं, तथा जिन्हें आप शाप देते हैं, वे शापित ही रह जाते हैं.” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20196 इसलिए आ, और उन लोगों को मेरे निमित्त श्राप दे, क्योंकि वे मुझसे अधिक बलवन्त हैं, तब सम्भव है कि हम उन पर जयवन्त हों, और हम सब इनको अपने देश से मारकर निकाल दें; क्योंकि यह तो मैं जानता हूँ कि जिसको तू आशीर्वाद देता है वह धन्य होता है, और जिसको तू श्राप देता है वह श्रापित होता है।” अध्याय देखें |