तब शासक और सभी लोग बोल पड़े। उन लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, “यिर्मयाह, नहीं मारा जाना चाहिये। यिर्मयाह ने जो कुछ कहा है वह हमारे यहोवा परमेश्वर की ही वाणी है।”
प्रेरितों के काम 25:25 - पवित्र बाइबल किन्तु मैंने जाँच लिया है कि इसने ऐसा कुछ नहीं किया है कि इसे मृत्युदण्ड दिया जाये। क्योंकि इसने स्वयं सम्राट से पुनर्विचार की प्रार्थना की है इसलिये मैंने इसे वहाँ भेजने का निर्णय लिया है। Hindi Holy Bible परन्तु मैं ने जान लिया, कि उस ने ऐसा कुछ नहीं किया कि मार डाला जाए; और जब कि उस ने आप ही महाराजाधिराज की दोहाई दी, तो मैं ने उसे भेजने का उपाय निकाला। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु मैंने इस में प्राणदण्ड के योग्य कोई अपराध नहीं पाया और जब इसने महाराजाधिराज की दुहाई दी, तो मैंने इसे भेजने का निश्चय किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु मैं ने जान लिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया कि मार डाला जाए; और जबकि उसने आप ही महाराजाधिराज की दोहाई दी, तो मैं ने उसे भेजने का निर्णय किया। नवीन हिंदी बाइबल परंतु मैंने जान लिया कि इसने मृत्युदंड के योग्य कोई कार्य नहीं किया, और अब जबकि इसने स्वयं ही महाराजाधिराज से अपील की है तो मैंने उसे भेजने का निर्णय किया है। सरल हिन्दी बाइबल किंतु अपनी जांच में मैंने इसमें ऐसा कुछ भी नहीं पाया जिसके लिए उसे मृत्यु दंड दिया जाए और अब, जब उसने स्वयं सम्राट के न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की है, मैंने उसे रोम भेज देने का निश्चय किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु मैंने जान लिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया कि मार डाला जाए; और जबकि उसने आप ही महाराजाधिराज की दुहाई दी, तो मैंने उसे भेजने का निर्णय किया। |
तब शासक और सभी लोग बोल पड़े। उन लोगों ने याजकों और नबियों से कहा, “यिर्मयाह, नहीं मारा जाना चाहिये। यिर्मयाह ने जो कुछ कहा है वह हमारे यहोवा परमेश्वर की ही वाणी है।”
उसने उनसे कहा, “तुम इसे लोगों को भटकाने वाले एक व्यक्ति के रूप में मेरे पास लाये हो। और मैंने यहाँ अब तुम्हारे सामने ही इसकी जाँच पड़ताल की है और तुमने इस पर जो दोष लगाये हैं उनका न तो मुझे कोई आधार मिला है और
इस पर पिलातुस ने प्रमुख याजकों और भीड़ से कहा, “मुझे इस व्यक्ति पर किसी आरोप का कोई आधार दिखाई नहीं देता।”
पिलातुस ने उससे पूछा, “सत्य क्या है?” ऐसा कह कर वह फिर यहूदियों के पास बाहर गया और उनसे बोला, “मैं उसमें कोई खोट नहीं पा सका हूँ
मुझे पता चला कि उनकी व्यवस्था से संबंधित प्रश्नों के कारण उस पर दोष लगाया गया था। किन्तु उस परकोई ऐसा अभियोग नहीं था जो उसे मृत्यु दण्ड के योग्य या बंदी बनाये जाने योग्य सिद्ध हो।
वहाँ बहुत शोरगुल मचा। फरीसियों के दल में से कुछ धर्मशास्त्रि उठे और तीखी बहस करते हुए कहने लगे, “इस व्यक्ति में हम कोई खोट नहीं पाते हैं। यदि किसी आत्मा ने या किसी स्वर्गदूत ने इससे बातें की हैं तो इससे क्या?”
किन्तु इसके विषय में सम्राट के पास लिख भेजने को मेरे पास कोई निश्चित बात नहीं है। मैं इसे इसीलिये आप लोगों के सामने और विशेष रूप से हे महाराजा अग्रिप्पा! तुम्हारे सामने लाया हूँ ताकि इस जाँच पड़ताल के बाद लिखने को मेरे पास कुछ हो।
वहाँ से बाहर निकल कर वे आपस में बात करते हुए कहने लगे, इस व्यक्ति ने तो ऐसा कुछ नहीं किया है, जिससे इसे मृत्युदण्ड या कारावास मिल सके।
जब यह निश्चय हो गया कि हमें जहाज़ से इटली जाना है तो पौलुस तथा कुछ दूसरे बंदियों को सम्राट की सेना के यूलियस नाम के एक सेनानायक को सौंप दिया गया।
उन्होंने मेरी जाँच पड़ताल की और मुझे छोड़ना चाहा क्योंकि ऐसाकुछ मैंने किया ही नहीं था जो मृत्युदण्ड के लायक होता