प्रेरितों के काम 25:11 - पवित्र बाइबल यदि मैं किसी अपराध का दोषी हूँ और मैंने कुछ ऐसा किया है, जिसका दण्ड मृत्यु है तो मैं मरने से बचना नहीं चाहूँगा, किन्तु यदि ये लोग मुझ पर जो अभियोग लगा रहे हैं, उनमें कोई सत्य नहीं है तो मुझे कोई भी इन्हें नहीं सौंप सकता। यही कैसर से मेरी प्रार्थना है।” Hindi Holy Bible यदि अपराधी हूं और मार डाले जाने योग्य कोई काम किया है; तो मरने से नहीं मुकरता; परन्तु जिन बातों का ये मुझ पर दोष लगाते हैं, यदि उन में से कोई बात सच न ठहरे, तो कोई मुझे उन के हाथ नहीं सौंप सकता: मैं कैसर की दोहाई देता हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि मैंने प्राणदण्ड के योग्य कोई अपराध किया, तो मैं मरने से मुँह नहीं मोड़ता। किन्तु यदि इनके द्वारा मुझ पर लगाये गये अभियोगों में कोई सच्चाई नहीं है, तो कोई मुझे इनके हवाले नहीं कर सकता। मैं सम्राट की दुहाई देता हूँ!” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि मैं अपराधी हूँ और मार डाले जाने योग्य कोई काम किया है, तो मरने से नहीं मुकरता; परन्तु जिन बातों का ये मुझ पर दोष लगाते हैं, यदि उनमें से कोई भी बात सच न ठहरे, तो कोई मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता। मैं कैसर की दोहाई देता हूँ।” नवीन हिंदी बाइबल यदि मैंने कुछ बुरा किया है और मृत्युदंड के योग्य कोई कार्य किया है तो मैं मरने से इनकार नहीं करता; परंतु यदि ऐसी कोई बात नहीं है जिनका ये मुझ पर आरोप लगाते हैं, तो कोई भी मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता। मैं कैसर से अपील करता हूँ।” सरल हिन्दी बाइबल यदि मैं अपराधी ही हूं और यदि मैंने मृत्यु दंड के योग्य कोई अपराध किया ही है, तो मुझे मृत्यु दंड स्वीकार है. किंतु यदि इन यहूदियों द्वारा मुझ पर लगाए आरोप सच नहीं हैं तो किसी को यह अधिकार नहीं कि वह मुझे इनके हाथों में सौंपे. यहां मैं अपनी सुनवाई की याचिका कयसर के न्यायालय में भेज रहा हूं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि अपराधी हूँ और मार डाले जाने योग्य कोई काम किया है, तो मरने से नहीं मुकरता; परन्तु जिन बातों का ये मुझ पर दोष लगाते हैं, यदि उनमें से कोई बात सच न ठहरे, तो कोई मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता। मैं कैसर की दुहाई देता हूँ।” |
तब यिर्मयाह ने राजा सिदकिय्याह से कहा, “मैंने कौन सा अपराध किया है मैंने कौन सा अपराध तुम्हारे, तुम्हारे अधिकारियों या यरूशलेम के विरुद्ध किया है तुमने मुझे बन्दीगृह में क्यों फेंका
किन्तु पौलुस ने उन सिपाहियों से कहा, “यद्यपि हम रोमी नागरिक हैं पर उन्होंने हमें अपराधी पाये बिना ही सब के सामने मारा-पीटा और जेल में डाल दिया। और अब चुपके-चुपके वे हमें बाहर भेज देना चाहते हैं, निश्चय ही ऐसा नहीं होगा। होना तो यह चाहिये के वे स्वयं आ कर हमें बाहर निकालें!”
पौलुस अभी अपना मुँह खोलने को ही था कि गल्लियो ने यहूदियो से कहा, “अरे यहूदियों, यदि यह विषय किसी अन्याय या गम्भीर अपराध का होता तो तुम्हारी बात सुनना मेरे लिये न्यायसंगत होता।
किन्तु जब वे उसे कोड़े लगाने के लिये बाँध रहे थे तभी वहाँ खड़े सेनानायक से पौलुस ने कहा, “किसी रोमी नागरिक को, जो अपराधी न पाया गया हो, कोड़े लगाना क्या तुम्हारे लिये उचित है?”
पौलुस ने कहा, “इस समय मैं कैसर की अदालत के सामने खड़ा हूँ। मेरा न्याय यहीं किया जाना चाहिये। मैंने यहूदियों के साथ कुछ बुरा नहीं किया है, इसे तू भी बहुत अच्छी तरह जानता है।
अपनी परिषद् से सलाह करने के बाद फेस्तुस ने उसे उत्तर दिया, “तूने कैसर से पुनर्विचार की प्रार्थना की है, इसलिये तुझे कैसर के सामने ही ले जाया जायेगा।”
किन्तु पौलुस ने जब प्रार्थना की कि उसे सम्राट के न्याय के लिये ही वहाँ रखा जाये, तो मैंने आदेश दिया, कि मैं जब तक उसे कैसर के पास न भिजवा दूँ, उसे यहीं रखा जाये।”
किन्तु मैंने जाँच लिया है कि इसने ऐसा कुछ नहीं किया है कि इसे मृत्युदण्ड दिया जाये। क्योंकि इसने स्वयं सम्राट से पुनर्विचार की प्रार्थना की है इसलिये मैंने इसे वहाँ भेजने का निर्णय लिया है।
अग्रिप्पा ने फेस्तुस से कहा, “यदि इसने कैसर के सामने पुनर्विचार की प्रार्थना न की होती, तो इस व्यक्ति को छोड़ा जा सकता था।”
किन्तु जब यहूदियों नेआपत्ति की तो मैं कैसर से पुनर्विचार की प्रार्थना करने को विवश हो गया। इसलिये नहींकि मैं अपने ही लोगों पर कोई आरोप लगाना चाहता था।
जिन्होंने प्रभु यीशु को मार डाला और नबियों को बाहर खदेड़ दिया। वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते वे तो समूची मानवता के विरोधी हैं।
“हमारा परमेश्वर यहोवा है! हम लोग फिर दुहराते हैं कि हमारा परमेश्वर यहोवा है और परमेश्वर जानता है कि हम लोगों ने यह क्यों किया। हम लोग चाहते हैं कि तुम लोग भी यह जानो। तुम लोग उसका निर्णय कर सकते हो जो हम लोगों ने किया है। यदि तुम लोगों को यह विश्वास है कि हम लोगों ने पाप किया है तो तुम लोग हमे अभी मार सकते हो।
किन्तु दाऊद ने अपने मन में सोचा, “शाऊल मुझे किसी दिन पकड़ लेगा। सर्वोत्तम बात मैं यही कर सकता हूँ कि पलिश्तियों के देश में बच निकलूँ। तब शाऊल मेरी खोज इस्राएल में बन्द कर देगा। इस प्रकार मैं शाऊल से बच निकलूँगा।”