किन्तु येहू पूरे हृदय से यहोवा के नियमों का पालन करने में सावधान नहीं था। येहू ने यारोबाम के उन पापों को करना बन्द नहीं किया जिन्होंने इस्राएल से पाप कराए थे।
नीतिवचन 4:23 - पवित्र बाइबल सबसे बड़ी बात यह है कि तू अपने विचारों के बारे में सावधान रह। क्योंकि तेरे विचार जीवन को नियंत्रण में रखते हैं। Hindi Holy Bible सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। नवीन हिंदी बाइबल सब से अधिक अपने मन की चौकसी कर, क्योंकि जीवन का सोता उसी में है। सरल हिन्दी बाइबल सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा करते रहना, क्योंकि जीवन के प्रवाह इसी से निकलते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। |
किन्तु येहू पूरे हृदय से यहोवा के नियमों का पालन करने में सावधान नहीं था। येहू ने यारोबाम के उन पापों को करना बन्द नहीं किया जिन्होंने इस्राएल से पाप कराए थे।
जो अपनी वाणी के प्रति चौकसी रहता है, वह अपने जीवन की रक्षा करता है। पर जो गाल बजाता रहता है, अपने विनाश को प्राप्त करता है।
सज्जनों का राजमार्ग बदी से दूर रहता है। जो अपने राह की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की रखवाली करता है।
कुटिल की राहें काँटों से भरी होती है और वहाँ पर फंदे फैले होते हैं; किन्तु जो निज आत्मा की रक्षा करता है वह तो उनसे दूर ही रहता है।
मूर्ख को अपने पर बहुत भरोसा होता है। किन्तु जो ज्ञान की राह पर चलता है, सुरक्षित रहता है।
“बुद्धि का आरम्भ ये है: तू बुद्धि प्राप्त कर, चाहे सब कुछ दे कर भी तू उसे प्राप्त कर! तू समझबूझ प्राप्त कर।
बहुत बड़े दुःख की बात है एक जिसे मैंने इस जीवन में घटते देखा है। देखो एक व्यक्ति भविष्य के लिये धन बचा कर रखता है।
“व्यक्ति का दिमाग बड़ा कपटी होता है। दिमाग बहुत बीमार भी हो सकता है और कोई भी व्यक्ति दिमाग को ठीक ठीक नहीं समझता।
किन्तु जो मनुष्य के मुँह से बाहर आता है, वह उसके मन से निकलता है। यही उसको अपवित्र करता है।
क्योंकि बुरे विचार, हत्या, व्यभिचार, दुराचार, चोरी, झूठ और निन्दा जैसी सभी बुराईयाँ मन से ही आती हैं।
जागते रहो और प्रार्थना करो ताकि तुम किसी परीक्षा में न पड़ो। आत्मा तो चाहती है किन्तु शरीर निर्बल है।”
एक अच्छा मनुष्य उसके मन में अच्छाइयों का जो खजाना है, उसी से अच्छी बातें उपजाता है। और एक बुरा मनुष्य, जो उसके मन में बुराई है, उसी से बुराई पैदा करता है। क्योंकि एक मनुष्य मुँह से वही बोलता है, जो उसके हृदय से उफन कर बाहर आता है।
किन्तु तुम्हें सावधान रहना है। निश्चय कर लो कि जब तक तुम जीवित रहोगे, तब तक तुम देखी गई चीजों को नहीं भूलोगे। तुम्हें इन उपदेशों को अपने पुत्रों और पौत्रों को देना चाहिए।
इस बात का ध्यान रखो कि परमेश्वर के अनुग्रह से कोई भी विमुख न हो जाए और तुम्हें कष्ट पहुँचाने तथा बहुत लोगों को विकृत करने के लिए कोई झगड़े की जड़ न फूट पड़े।