परमेश्वर महान है, किन्तु वह दीन जन का ध्यान रखता है। परमेश्वर को अहंकारी लोगों के कामों का पता है किन्तु वह उनसे दूर रहता है।
नीतिवचन 3:34 - पवित्र बाइबल वह गर्वीले उच्छृंखल की हंसी उड़ाता है किन्तु दीन जन पर वह कृपा करता है। Hindi Holy Bible ठट्ठा करने वालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है और दीनों पर अनुग्रह करता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूसरे को तुच्छ समझनेवाले को, प्रभु तुच्छ समझता है। पर जो मनुष्य नम्र और दीन है, उस पर प्रभु कृपा करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ठट्ठा करनेवालों से वह निश्चय ठट्ठा करता है, और दीनों पर अनुग्रह करता है। नवीन हिंदी बाइबल ठट्ठा करनेवालों को तो वह ठट्ठों में उड़ाता है, परंतु दीनों पर अनुग्रह करता है। सरल हिन्दी बाइबल वह स्वयं ठट्ठा करनेवालों का उपहास करते हैं किंतु दीन जन उनके अनुग्रह के पात्र होते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ठट्ठा करनेवालों का वह निश्चय ठट्ठा करता है; परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है। (याकू. 4:6, 1 पत. 5:5) |
परमेश्वर महान है, किन्तु वह दीन जन का ध्यान रखता है। परमेश्वर को अहंकारी लोगों के कामों का पता है किन्तु वह उनसे दूर रहता है।
हे यहोवा शुद्ध के साथ तू अपने को शुद्ध दिखाता है, और टेढ़ों के साथ तू तिछर बनता है। किन्तु, तू नीच और कुटिल जनों से भी चतुर है।
धनी और स्वाभिमानी लोगों के साथ सम्पत्ति बाँट लेने से, दीन और गरीब लोगों के साथ रहना उत्तम है।
ऐसे मनुष्य अहंकारी होता, जो निज को औरों से श्रेष्ठ समझता है, उस का नाम ही “अभिमानी” होता है। अपने ही कर्मो से वह दिखा देता है कि वह दुष्ट होता है।
यदि तू बुद्धिमान है, सदबुद्धि तुझे प्रतिफल देगी। यदि तू उच्छृंखल है, तो अकेला कष्ट पायेगा।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।”
इसी प्रकार हे नव युवकों! तुम अपने धर्मवृद्धों के अधीन रहो। तुम एक दूसरे के प्रति विनम्रता धारण करो, क्योंकि “परमेश्वर अभिमानियों का विरोध करता है किन्तु दीन जनों पर सदा अनुग्रह रहता है।”