किन्तु यूसुफ ने जो बातें कही थीं, भाईयों ने हर एक बात अपने पिता से कही। तब याकूब ने उन गाड़ियों को देखा जिन्हें यूसुफ ने उसे मिस्र की वापसी यात्रा के लिए भेजा था। तब याकूब भाबुक हो गया और अत्यन्त प्रसन्न हुआ।
नीतिवचन 25:25 - पवित्र बाइबल किसी दूर देश से आई कोई अच्छी खबर ऐसी लगती है जैसे थके मादे प्यासे को शीतल जल। Hindi Holy Bible जैसा थके मान्दे के प्राणों के लिये ठण्डा पानी होता है, वैसा ही दूर देश से आया हुआ शुभ समाचार भी होता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसे प्यासे प्राण के लिए शीतल जल स्फूर्तिदायक होता है; वैसे ही दूर देश से आया शुभ समाचार। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा थके मांदे के प्राणों के लिये ठण्डा पानी होता है, वैसा ही दूर देश से आया हुआ शुभ समाचार भी होता है। नवीन हिंदी बाइबल जैसे थके मांदे प्राणी के लिए ठंडा जल, वैसे ही दूर देश से मिला शुभ समाचार होता है। सरल हिन्दी बाइबल दूर देश से आया शुभ संदेश वैसा ही होता है, जैसा प्यासी आत्मा को दिया गया शीतल जल. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दूर देश से शुभ सन्देश, प्यासे के लिए ठंडे पानी के समान है। |
किन्तु यूसुफ ने जो बातें कही थीं, भाईयों ने हर एक बात अपने पिता से कही। तब याकूब ने उन गाड़ियों को देखा जिन्हें यूसुफ ने उसे मिस्र की वापसी यात्रा के लिए भेजा था। तब याकूब भाबुक हो गया और अत्यन्त प्रसन्न हुआ।
दाऊद की बड़ी इच्छा थी कि उसे उस के नगर का पानी मिले जहाँ उसका घर था। दाऊद ने कहा, “ओह, मैं चाहता हूँ कि कोई व्यक्ति बेतलेहेम के नगर—द्वार के पास के कुँए का पानी मुझे दे।” दाऊद सचमुच यह चाहता नहीं था, वह बातें ही बना रहा था।
हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है। वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ। जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है।
होरेब (सीनै) पहाड़ पर मैं तुम्हारे सामने एक चट्टान पर खड़ा होऊँगा। लाठी को चट्टान पर मारो और इससे पानी बाहर आ जाएगा। तब लोग पी सकते हैं।” मूसा ने वही बातें कीं और इस्राएल के बुजुर्गों (नेताओं) ने इसे देखा।
गाद भरे झरने अथवा किसी दूषित कुँए सा होता वह धर्मी पुरूष जो किसी दुष्ट के आगे झुक जाता है।
सुसमाचार के साथ पहाड़ों के ऊपर से आते हुए सन्देशवाहक को देखना निश्चय ही एक अद्भुत बात है। किसी सन्देशवाहक को यह घोषणा करते हुए सुनना कितना अद्भुत है: “वहाँ शांति का निवास है, हम बचा लिये गये हैं! तुम्हारा परमेश्वर राजा है!”
“हे प्यासे लोगों, जल के पास आओ। यदि तुम्हारे पास धन हीं है तो इसकी चिन्ता मत करो। आओ, खाना लो और खाओ। आओ, भोजन लो। तुम्हें इसकी कीमत देने की आवश्यकता नहीं है। बिना किसी कीमत के दूध और दाखमधु लो।
तुम जानते हो कि चट्टानों कभी स्वत: मैदान नहीं छोड़तीं। तुम जानते हो कि लबानोन के पहाड़ों के ऊपर की बर्फ कभी नहीं पिघलती। तुम जानते हो कि शीतल बहने वाले झरने कभी नहीं सूखते।
देख यहूदा! देख वहाँ, पहाड़ के ऊपर से कोई आ रहा है, कोई हरकारा सुसंदेश लेकर आ रहा है! देखो वह कह रहा है कि यहाँ पर शांति है! यहूदा, तू अपने विशेष अवकाश दिवस मना ले। यहूदा, तू अपनी मन्रते मना ले। अब फिर कभी दुर्जन तुझ पर वार न करेंगे और वे तुझको हरा नहीं पायेंगे। उन सभी दुर्जनों का अन्त कर दिया गया है!
पर्व के अन्तिम और महत्वपूर्ण दिन यीशु खड़ा हुआ और उसने ऊँचे स्वर में कहा, “अगर कोई प्यासा है तो मेरे पास आये और पिये।
और उपदेशक तब तक उपदेश कैसे दे पायेंगे जब तक उन्हें भेजा न गया हो? जैसा कि शास्त्रों में कहा है: “सुसमाचार लाने वालों के चरण कितने सुन्दर हैं।”
यह कथन सत्य है और हर किसी के स्वीकार करने योग्य है कि यीशु मसीह इस संसार में पापियों का उद्धार करने के लिए आया है। फिर मैं तो सब से बड़ा पापी हूँ।
इस्राएल के लोग भी सन्तुष्ट हो गए। वे प्रसन्न थे और उन्होंने परमेश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने निर्णय लिया कि वे रूबेन, गाद और मनश्शे के लोगों के विरुद्ध जाकर नहीं लड़ेंगे। उन्होंने उन प्रदेशों को नष्ट न करने का निर्णय किया।
वह मुझसे फिर बोला, “सब कुछ पूरा हो चुका है। मैं ही अल्फा हूँ और मैं ही ओमेगा हूँ। मैं ही आदि हूँ और मैं ही अन्त हूँ। जो भी प्यासा है मैं उसे जीवन-जल के स्रोत से सेंत-मेंत में मुक्त भाव से जल पिलाऊँगा।
आत्मा और दुल्हिन कहती है, “आ!” और जो इसे सुनता है, वह भी कहे, “आ!” और जो प्यासा हो वह भी आये और जो चाहे वह भी इस जीवन दायी जल के उपहार को मुक्त भाव से ग्रहण करें।