उस पर्व के हर दिन एज्रा उन लोगों के लिये व्यवस्था के विधान की पुस्तक में से पाठ करता रहा। उस पर्व के पहले दिन से अंतिम दिन तक एज्रा उन लोगों को व्यवस्था का विधान पढ़ कर सुनाता रहा। इस्राएल के लोगों ने सात दिनों तक उस पर्व को मनाया। फिर व्यवस्था के विधान के अनुसार आठवें दिन लोग एक विशेष सभा के लिए परस्पर एकत्र हुए।
मेरी संगिनी, हे मेरी दुल्हिन, मैंने अपने उपवन में अपनी सुगध सामग्री के साथ प्रवेश किया। मैंने अपना रसगंध एकत्र किया है। मैं अपना मधु छत्ता समेत खा चुका। मैं अपना दाखमधु और अपना दूध पी चुका। हे मित्रों, खाओ, हाँ प्रेमियों, पियो! प्रेम के दाखमधु से मस्त हो जाओ!
तू दया से बातें कर यरूशलेम से! यरूशलेम को बता दे, ‘तेरी दासता का समय अब पूरा हो चुका है। तूने अपने अपराधों की कीमत दे दी है।’ यहोवा ने यरूशलेम के किये हुए पापों का दुगना दण्ड उसे दिया है!”
एक वाणी मुखरित हुई, उसने कहा, “बोलो!” सो व्यक्ति ने पूछा, “मैं क्या कहूँ” वाणी ने कहा, “लोग सर्वदा जीवित नहीं रहेंगे। वे सभी रेगिस्तान के घास के समान है। उनकी धार्मिकता जंगली फूल के समान है।
“प्यासे लोगों के लिये मैं पानी बरसाऊँगा। सूखी धरती पर मैं जलधाराएँ बहाऊँगा। तेरी संतानों में मैं अपनी आत्मा डालूँगा। तेरे परिवार पर वह एक बहती जलधारा के समान होगी।
“हे प्यासे लोगों, जल के पास आओ। यदि तुम्हारे पास धन हीं है तो इसकी चिन्ता मत करो। आओ, खाना लो और खाओ। आओ, भोजन लो। तुम्हें इसकी कीमत देने की आवश्यकता नहीं है। बिना किसी कीमत के दूध और दाखमधु लो।
जो कुछ मैं कहता हूँ, ध्यान से सुनो। मुझ पर ध्यान दो कि तुम्हारा प्राण सजीव हो। तुम मेरे पास आओ और मैं तुम्हारे साथ एक वाचा करूँगा जो सदा—सदा के लिये बना रहेगा। यह वाचा वैसी ही होगी जैसी वाचा दाऊद के संग मैंने की थी। मैंने दाऊद को वचन दिया था कि मैं उस पर सदा करूणा करूँगा और तुम उस वाचा के भरोसे रह सकते हो।
जोर से पुकारो, जितना तुम पुकार सको! अपने को मत रोको! जोर से पुकारो जैसे नरसिंगा गरजता है! लोगों को उनके बुरे कामों के बारे में जो उन्होंने किये हैं, बताओ! याकूब के घराने को उनके पापों के बारे में बताओ!
हे यहोवा, तू मेरी शक्ति और गढ़ है। विपत्ति के समय भाग कर बचने की तू सुरक्षित शरण है। सारे संसार से राष्ट्र तेरे पास आएंगे। वे कहेंगे, “हमारे पिता असत्य देवता रखते थे। उन्होंने उन व्यर्थ देवमूर्तियों की पूजा की, किन्तु उन देवमूर्तियों ने उनकी कोई सहायता नहीं की।
“यिर्मयाह, जाओ और यरूशलेम के लोगों को सन्देश दो। उनसे कहो: “जिस समय तुम नव राष्ट्र थे, तुम मेरे विश्वासयोग्य थे। तुमने मेरा अनुगमन नयी दुल्हन सा किया। तुमने मेरा अनुगमन मरुभूमि में से होकर किया, उस प्रदेश में अनुगमन किया जिसे कभी कृषि भूमि न बनाया गया था।
तुम सात दिनों तक यहोवा के लिए आग द्वारा बलि चढ़ाओगे। आठवें दिन तुम दूसरी धर्म सभा करोगे। तुम यहोवा को आग द्वारा बलि चढ़ाओगे। यह एक धर्म सभा होगी। तुम्हें तब कोई काम नहीं करना चाहिए।
यहोवा की वाणी यरूशलेम नगर को पुकार रही है। बुद्धिमान व्यक्ति यहोवा के नाम को मान देता हैं। इसलिए सजा के राजदण्ड पर ध्यान दे और उस पर ध्यान दे, जिसके पास राजदण्ड है!
सर्वशक्तिमान यहोवा उनकी रक्षा करेगा। सैनिक पत्थर और गुलेल का उपयोग शत्रु को पराजित करने में करेंगे। वे अपने शत्रुओं का खुन बहायेंगे, यह दाखमधु जैसा बहेगा। यह वेदी के कानों पर फेंके गए खून जैसा होगा!
यह यूहन्ना वही है जिसके बारे में भविष्यवक्ता यशायाह ने चर्चा करते हुए कहा था: “जंगल में एक पुकारने वाले की आवाज है: ‘प्रभु के लिए मार्ग तैयार करो और उसके लिए राहें सीधी करो।’”
उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “यदि तू केवल इतना जानती कि परमेश्वर ने क्या दिया है और वह कौन है जो तुझसे कह रहा है, ‘मुझे जल दे’ तो तू उससे माँगती और वह तुझे स्वच्छ जीवन-जल प्रदान करता।”
स्त्री ने उससे कहा, “हे महाशय, तेरे पास तो कोई बर्तन तक नहीं है और कुआँ बहुत गहरा है फिर तेरे पास जीवन-जल कैसे हो सकता है? निश्चय तू हमारे पूर्वज याकूब से बड़ा है!
किन्तु वह जो उस जल को पियेगा, जिसे मैं दूँगा, फिर कभी प्यासा नहीं रहेगा। बल्कि मेरा दिया हुआ जल उसके अन्तर में एक पानी के झरने का रूप ले लेगा जो उमड़-घुमड़ कर उसे अनन्त जीवन प्रदान करेगा।”
तब यीशु ने उनसे कहा, “मैं ही वह रोटी हूँ जो जीवन देती है। जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा नहीं रहेगा और जो मुझमें विश्वास करता है कभी भी प्यासा नहीं रहेगा।
यीशु जब मन्दिर में उपदेश दे रहा था, उसने ऊँचे स्वर में कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो मैं कहाँ से आया हूँ। फिर भी मैं अपनी ओर से नहीं आया। जिसने मुझे भेजा है, वह सत्य है, तुम उसे नहीं जानते।
तुम प्रभु के कटोरे और दुष्टात्माओं के कटोरे में से एक साथ नहीं पी सकते। तुम प्रभु के भोजन की चौकी और दुष्टात्माओं के भोजन की चौकी, दोनों में एक साथ हिस्सा नहीं बटा सकते।
उनके भोजन कर चुकने के बाद इसी प्रकार उसने प्याला उठाया और कहा, “यह प्याला मेरे लहू के द्वारा किया गया एक नया वाचा है। जब कभी तुम इसे पिओ तभी मुझे याद करने के लिये ऐसा करो।”
क्योंकि चाहे हम यहूदी रहे हों, चाहे ग़ैर यहूदी, सेवक रहे हों या स्वतन्त्र। एक ही देह के विभिन्न अंग बन जाने के लिए हम सब को एक ही आत्मा द्वारा बपतिस्मा दिया गया और प्यास बुझाने को हम सब को एक ही आत्मा प्रदान की गयी।
वह मुझसे फिर बोला, “सब कुछ पूरा हो चुका है। मैं ही अल्फा हूँ और मैं ही ओमेगा हूँ। मैं ही आदि हूँ और मैं ही अन्त हूँ। जो भी प्यासा है मैं उसे जीवन-जल के स्रोत से सेंत-मेंत में मुक्त भाव से जल पिलाऊँगा।
आत्मा और दुल्हिन कहती है, “आ!” और जो इसे सुनता है, वह भी कहे, “आ!” और जो प्यासा हो वह भी आये और जो चाहे वह भी इस जीवन दायी जल के उपहार को मुक्त भाव से ग्रहण करें।