यारोबाम ने अपने मन में सोचा, “यदि लोग यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर को जाते रहे तो वे दाऊद के परिवार द्वारा शासित होना चाहेंगे। लोग फिर यहूदा के राजा रहूबियाम का अनुसरण करना आरम्भ कर देंगे। तब वे मुझे मार डालेंगे।”
नीतिवचन 14:12 - पवित्र बाइबल ऐसी भी राह होती है जो मनुष्य को उचित जान पड़ती है; किन्तु परिणाम में वह मृत्यु को ले जाती। Hindi Holy Bible ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक देख पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक ऐसा भी मार्ग है, जो मनुष्य को उचित प्रतीत होता है; किन्तु वह पथिक को मृत्यु के द्वार पर पहुंचाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक जान पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है। नवीन हिंदी बाइबल ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है। सरल हिन्दी बाइबल एक ऐसा भी मार्ग है, जो उपयुक्त जान पड़ता है, किंतु इसका अंत है मृत्यु-द्वार. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ऐसा मार्ग है, जो मनुष्य को ठीक जान पड़ता है, परन्तु उसके अन्त में मृत्यु ही मिलती है। |
यारोबाम ने अपने मन में सोचा, “यदि लोग यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर को जाते रहे तो वे दाऊद के परिवार द्वारा शासित होना चाहेंगे। लोग फिर यहूदा के राजा रहूबियाम का अनुसरण करना आरम्भ कर देंगे। तब वे मुझे मार डालेंगे।”
इसलिये राजा ने अपने सलाहकारों से पूछा कि उसे क्या करना चाहिये उन्होंने उसे अपनी सलाह दी। अत: यारोबाम ने दो सुनहले बछड़े बनाये। राजा यारोबाम ने लोगों से कहा, “तुम्हें उपासना करने यरूशलेम नहीं जाना चाहिये। इस्राएलियो, ये देवता हैं जो तुम्हें मिस्र से बाहर ले आए।”
होते हैं ऐसे भी, जो अपनी आँखों में तो पवित्र बने रहते किन्तु अपवित्रता से अपनी नहीं धुले होते हैं।
“सँकरे द्वार से प्रवेश करने को हर सम्भव प्रयत्न करो, क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूँ कि भीतर जाने का प्रयत्न बहुत से करेंगे पर जा नहीं पायेंगे।
और देखो उस समय तुम्हें कैसा फल मिला? जिसके लिए आज तुम शर्मिन्दा हो, जिसका अंतिम परिणाम मृत्यु है।
यदि कोई व्यक्ति महत्त्वपूर्ण न होते हुए भी अपने को महत्त्वपूर्ण समझता है तो वह अपने को धोखा देता है।
देखो, तुम्हें कोरे शब्दों से कोई छल न ले। क्योंकि इन बातों के कारण ही आज्ञा का उल्लंघन करने वालों पर परमेश्वर का कोप होने को है।
परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।