ढाँचे के ठीक नीचे चाँदी के दो आधार हर एक तख़्ते के लिए होने चाहिए। इसलिए तुम्हें तख़्तों के लिए चाँदी के चालीस आधार बनाने चाहिए।
निर्गमन 38:27 - पवित्र बाइबल पौने चार टन चाँदी का उपयोग पवित्र तम्बू के सौ आधारों और कनातों को बनाने में हुआ था। उन्होंने पचहत्तर पौंड चाँदी हर एक आधार में लगायी। Hindi Holy Bible और वह सौ किक्कार चांदी पवित्रस्थान और बीच वाले पर्दे दोनों की कुसिर्यों के ढालने में लग गई; सौ किक्कार से सौ कुसिर्यां बनीं, एक एक कुर्सी एक किक्कार की बनी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) लगभग साढ़े तीन हजार किलो चांदी पवित्र-स्थान की आधार-पीठिकाओं तथा अन्त:पट की आधार-पीठिकाओं को ढालने में प्रयुक्त हुई। एक आधार-पीठिका में लगभग पैंतीस किलो चांदी लगी। इस प्रकार साढ़े तीन हजार किलो से सौ आधार-पीठिकाएँ बनीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वह सौ किक्कार चाँदी पवित्रस्थान और बीचवाले परदे दोनों की कुर्सियों के ढालने में लग गई; सौ किक्कार से सौ कुर्सियाँ बनीं, एक एक कुर्सी एक किक्कार की बनी। नवीन हिंदी बाइबल पवित्रस्थान और परदे दोनों के खांचों को ढालने में वह सौ किक्कार चाँदी लग गई; एक सौ किक्कार से एक सौ खांचे बने, अर्थात् एक खांचा एक किक्कार से। सरल हिन्दी बाइबल पवित्र स्थान तथा बीच के पर्दों के लिए लगभग साढ़े तीन हजार किलो चांदी उपयोग की गई थी—एक सौ कुर्सियां साढ़े तीन हजार किलो चांदी से बनीं—एक कुर्सी के लिए लगभग पैंतीस किलो चांदी लगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह सौ किक्कार चाँदी पवित्रस्थान और बीचवाले पर्दे दोनों की कुर्सियों के ढालने में लग गई; सौ किक्कार से सौ कुर्सियाँ बनीं, एक-एक कुर्सी एक किक्कार की बनी। |
ढाँचे के ठीक नीचे चाँदी के दो आधार हर एक तख़्ते के लिए होने चाहिए। इसलिए तुम्हें तख़्तों के लिए चाँदी के चालीस आधार बनाने चाहिए।
इस प्रकार सब मिलाकर आठ तख्ते तम्बू के सिरे के लिए होंगे और हर तख़्ते के नीचे दो आधारों के होने से सोलह चाँदी के आधार पश्चिमी छोर के लिए होंगे।”
बबूल की लकड़ी के चार खम्भे बनाओ। चारों खम्भों पर सोने की बनी खूँटियाँ लगाओ। खम्भों को सोने से मढ़ दो। खम्भों के नीचे चाँदी के चार आधार रखो। तब सोने की खूँटियों में पर्दा लटकाओ।
यह चाँदी उनके द्वारा कर वसूल करने से आई। लेवी पुरुषों ने बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की गणना की। छः लाख तीन हज़ार पाँच सौ पचास लोग थे और हर एक पुरुष को एक बेका चाँदी कर के रूप में देनी थी। (मन्दिर के अधिकारिक बाट के अनुसार एक बेका आधा शेकेल होता था।)
अन्य पचास पौंड़ चाँदी का उपयोग खूँटियों कनातों की छड़ों और खम्भों के सिरों को बनाने में हुआ था।