उसके सेवकों ने उससे कहा, “हम लोगों ने सुना है कि इस्राएल कुल के राजा लोग दयालु हैं। हम लोग मोटे वस्त्र पहने और सिर पर रस्सी डाले। तब हम लोग इस्राएल के राजा के पास चलें। सभंव है, वह हमें जीवित रहने दे।”
एस्तेर 7:3 - पवित्र बाइबल इस पर महारानी एस्तेर ने जवाब दिया, “हे महाराज! यदि मैं तुम्हें भाती तुम्हारी कृपा पात्र हूँ और यदि यह तुम्हें अच्छा लगता हो तो कृपा करके मुझे जीने दीजिये और मैं तुमसे यह चाहती हूँ कि मेरे लोगों को भी जीने दीजिये! बस मैं यही माँगती हूँ। Hindi Holy Bible एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब रानी एस्तर ने उत्तर दिया, ‘महाराज, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, और यदि आप उचित समझें तो मेरी यह विनती है कि मुझे जीवन-दान मिले। मेरे निवेदन पर मेरी कौम को भी जीवन-दान दिया जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, “हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे माँगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले। सरल हिन्दी बाइबल रानी एस्तेर ने उत्तर दिया, “महाराज, यदि मुझ पर आपकी कृपा है, यदि महाराज मुझसे प्रसन्न हैं, मेरी विनती पर मुझे एवं मेरे सहजातियों को मेरे अनुरोध पर प्राण दान मिले, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, “हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे माँगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले। |
उसके सेवकों ने उससे कहा, “हम लोगों ने सुना है कि इस्राएल कुल के राजा लोग दयालु हैं। हम लोग मोटे वस्त्र पहने और सिर पर रस्सी डाले। तब हम लोग इस्राएल के राजा के पास चलें। सभंव है, वह हमें जीवित रहने दे।”
अहज्याह ने तीसरे सेनापति को पचास सैनिकों के साथ भेजा। पचास सैनिकों का सेनापति एलिय्याह के पास आया। सेनापति ने अपने घुटनों के बल झुककर उसको प्रणाम किया। सेनापति ने उससे यह कहते हुए प्रार्थना की, “परमेश्वर के जन मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ, कृपया मेरे जीवन और अपने इन पचास सेवकों के जीवन को अपनी दृष्टि में मूल्यवान मानें!
मोर्दकै ने हताक को यहूदियों की हत्या के लिये राजा के आदेश पत्र की एक प्रति भी दी। वह आदेश पत्र शूशन नगर में हर कहीं भेजा गया था। मोर्दकै यह चाहता था कि वह उस पत्र को एस्तेर को दिखा दे और हर बात उसे पूरी तरह बता दे और उसने उससे यह भी कहा कि वह एस्तेर को राजा के पास जाकर मोर्दकै और उसके अपने लोगों के लिये दया की याचना करने को प्रेरित करे।
यदि मुझे महाराज अनुमति दें और यदि जो मैं चाहूँ, वह मुझे देने से महाराज प्रसन्न हों तो मेरी इच्छा यह है कि महाराज और हामान कल मेरे यहाँ आयें। कल मैं महाराजा और हामान के लिये एक और भोज देना चाहती हूँ और उसी समय में यह बताऊँगी कि वास्तव में मैं क्या चाहती हूँ।”
राजा बहुत क्रोधित था। वह खड़ा हुआ। उसने अपना दाखमधु वहीं छोड़ दिया और बाहर बगीचे में चला गया। किन्तु हामान, रानी एस्तेर से अपने प्राणों की भीख माँगने के लिये भीतर ही ठहरा रहा। हामान यह जानता था कि राजा ने उसके प्राण लेने का निश्चय कर लिया है। इसलिये वह अपने प्राणों की भीख माँगता रहा।
फिर एस्तेर ने कहा, “महाराज, यदि तुम मुझे पसंद करते हो और यह तुम्हें अच्छा लगता है तो कृपा करके मेरे लिए यह कर दीजिये। यदि आपको यह किया जाना ठीक लगे तो इसे पूरा कर दीजिये। यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो कृपा करके एक आदेश पत्र लिखिये, जो उस आदेश पत्र को रद्द कर दे जिसे हामान ने भेजा था। अगागी हामान ने राजा के सभी प्रांतों में बसे यहूदियों को नष्ट करने की एक योजना सोची थी और उस योजना को क्रियान्वित करने के लिए उसने आज्ञा पत्र भिजवा दिये थे।
शैतान ने उत्तर दिया, “खाल के बदले खाल! एक व्यक्ति जीवित रहने के लिये, जो कुछ उसके पास है, सब कुछ दे डालता है।
यदि वे तुमसे ऐसा कहें तो उनसे कहना, ‘मैं राजा से प्रार्थना कर रहा था कि वे मुझे योनातान के घर के नीचे कूप—गृह में वापस न भेजें। यदि मुझे वहाँ वापस जाना पड़ा तो मैं मर जाऊँगा।’”