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एस्तेर 7:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 तब रानी एस्‍तर ने उत्तर दिया, ‘महाराज, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, और यदि आप उचित समझें तो मेरी यह विनती है कि मुझे जीवन-दान मिले। मेरे निवेदन पर मेरी कौम को भी जीवन-दान दिया जाए।

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पवित्र बाइबल

3 इस पर महारानी एस्तेर ने जवाब दिया, “हे महाराज! यदि मैं तुम्हें भाती तुम्हारी कृपा पात्र हूँ और यदि यह तुम्हें अच्छा लगता हो तो कृपा करके मुझे जीने दीजिये और मैं तुमसे यह चाहती हूँ कि मेरे लोगों को भी जीने दीजिये! बस मैं यही माँगती हूँ।

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Hindi Holy Bible

3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, “हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे माँगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 रानी एस्तेर ने उत्तर दिया, “महाराज, यदि मुझ पर आपकी कृपा है, यदि महाराज मुझसे प्रसन्‍न हैं, मेरी विनती पर मुझे एवं मेरे सहजातियों को मेरे अनुरोध पर प्राण दान मिले,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, “हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे माँगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले।

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एस्तेर 7:3
9 क्रॉस रेफरेंस  

बेन-हदद के दरबरियों ने उससे कहा, ‘महाराज, हमने सुना है कि इस्राएल कुल के राजा वस्‍तव में दयालु होते हैं। आइए, हम पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपनी कमर में टाट और सिर पर रस्‍सी बाँधें, और यहां से निकलकर इस्राएली राजा के पास जाएं। शायद वह आपकी जान बख्‍श दे।’


राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों के तीसरे दल को तथा उनके सेना-नायक को भेजा। तीसरा सेना-नायक पहाड़ पर चढ़ा। वह एलियाह के समीप आया। उसने एलियाह के सम्‍मुख घुटने टेके, और उनसे यह निवेदन किया, “हे परमेश्‍वर के जन! कृपाकर, मेरे प्राण को और अपने पचास सेवकों के प्राण को अपनी दृष्‍टि में तुच्‍छ मत समझिए।


शूशन नगर में बसनेवाले यहूदियों का विनाश करने के लिए जो आदेश-पत्र भेजा गया था, उसकी एक प्रति भी मोरदकय ने हताख को दी ताकि वह एस्‍तर को दिखा दे, और उसका विवरण भी उसको बता दे। मोरदकय ने हताख के माध्‍यम से एस्‍तर को आदेश दिया कि वह अपनी कौम के भाई-बन्‍धुओं के प्राण बचाने के लिए सम्राट के पास जाए, और उससे अनुनय-विनय करे और उसके सम्‍मुख निवेदन करे।


यदि महाराज की मुझ पर कृपादृष्‍टि हुई है, यदि महाराज उचित समझते हैं कि मेरे निवेदन और मांग को पूरा किया जाए तो महाराज और हामान कल फिर भोजन के लिए आएं, जो मैं आप दोनों के लिए तैयार करूंगी। कल मैं अपनी इच्‍छा प्रकट करूंगी, जैसा महाराज ने आदेश दिया है।’


सम्राट क्रोधावेश में भोजन पर से उठ गया, और वह राजमहल के उद्यान में चला गया। किन्‍तु हामान वहीं ठहरा रहा और रानी एस्‍तर से अपने प्राणों की भीख मांगने लगा, क्‍योंकि उसने जान लिया था कि सम्राट ने उसका अनिष्‍ट करने का निश्‍चय कर लिया है।


एस्‍तर उठी, और वह सम्राट के सम्‍मुख खड़ी हुई। उसने सम्राट से कहा, ‘महाराज, यदि आप मुझसे प्रसन्न हैं, और यदि आप उचित समझें, और इस प्रस्‍ताव को ठीक समझें, और यदि मैं आपको अच्‍छी लगती हूँ तो जो आदेश-पत्र यहूदियों का विनाश करने के लिए अगागी वंशीय हामान बेन-हम्‍मदाता ने महाराज के लिए लिखे थे, उन पत्रों को रद्द करने के लिए महाराज नई आज्ञा प्रसारित करें।


शैतान ने प्रभु को उत्तर दिया, ‘खाल के बदले खाल, लेकिन मनुष्‍य अपना प्राण बचाने के लिए सब कुछ दे सकता है।


यिर्मयाह, यदि मेरे उच्‍चाधिकारी तुमसे पूछें तो तुम केवल यही कहना कि तुमने मुझसे विनती की है कि मैं तुम्‍हें योनातान के मकान में न भेजूं अन्‍यथा तुम मर जाओगे।’


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