योशिय्याह ने कहा, “महयाजक हिलकिय्याह के पास जाओ। उससे कहो कि उसे वह धन लेना चाहिये जिसे लोग यहोवा के मन्दिर में लाये हैं। द्वारपालों ने उस धन को लोगों से इकट्ठा किया था।
एज्रा 7:1 - पवित्र बाइबल फारस के राजा अर्तक्षत्र के शासनकाल में इन सब बातों के हो जाने के बाद एज्रा बाबेल से यरूशलेम आया। एज्रा सरायाह का पुत्र था। सरायाह अजर्याह का पुत्र था। अजर्याह हिलिकय्याह का पुत्र था। Hindi Holy Bible इन बातों के बाद अर्थात फारस के राजा अर्तक्षत्र के दिनों में, एज्रा बाबेल से यरूशलेम को गया। वह सरायाह का पुत्र था। और सरायाह अजर्याह का पुत्र था, अजर्याह हिल्किय्याह का, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इन घटनाओं के पश्चात् फारस के सम्राट अर्तक्षत्र के शासन-काल में एज्रा नामक व्यक्ति बेबीलोन देश से यरूशलेम नगर को गया। एज्रा की वंशावली इस प्रकार है : वह सरायाह का पुत्र और अजर्याह का पौत्र था। अजर्याह हिल्कियाह का पुत्र था, और पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इन बातों के बाद अर्थात् फारस के राजा अर्तक्षत्र के दिनों में, एज्रा बेबीलोन से यरूशलेम को गया। वह सरायाह का पुत्र था। सरायाह अजर्याह का पुत्र था, अजर्याह हिल्किय्याह का, सरल हिन्दी बाइबल इन घटनाओं के बाद फारस के राजा अर्तहषस्ता के शासनकाल में एज़्रा बाबेल से लौट आए. एज़्रा सेराइयाह के पुत्र थे, सेराइयाह अज़रियाह का, अज़रियाह हिलकियाह का, हिलकियाह शल्लूम का, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इन बातों के बाद अर्थात् फारस के राजा अर्तक्षत्र के दिनों में, एज्रा बाबेल से यरूशलेम को गया। वह सरायाह का पुत्र था। सरायाह अजर्याह का पुत्र था, अजर्याह हिल्किय्याह का, |
योशिय्याह ने कहा, “महयाजक हिलकिय्याह के पास जाओ। उससे कहो कि उसे वह धन लेना चाहिये जिसे लोग यहोवा के मन्दिर में लाये हैं। द्वारपालों ने उस धन को लोगों से इकट्ठा किया था।
महायाजक हिलकिय्याह ने शास्त्री शापान से कहा, “देखो! मुझे व्यवस्था की पुस्तक यहोवा के मन्दिर में मिली है।” हिलकिय्याह ने इस पुस्तक को शापान को दिया और शापान ने इसे पढ़ा।
तब नबूजरदान ने मन्दिर से महायाजक सरायाह, द्वितीय याजक सपन्याह और तीन द्वार रक्षकों को लिया।
अजर्याह हिलकिय्याह का पुत्र था। हिलकिय्याह मशुल्लाम का पुत्र था। मशुल्लाम सादोक का पुत्र था। सादोक मरायोत का पुत्र था। मरायोत अहीतूब परमेश्वर के मन्दिर के लिये विशेष उत्तरदायी अधिकारी था।
हिल्किय्याह ने सचिव शापान से कहा, “मैंने यहोवा के मन्दिर में व्यवस्था की पुस्तक पाई है!” हिल्कय्याह ने शापान को पुस्तक दी।
वे लोग महा याजक हिल्किय्याह के पास आए। उन्होंने वह धन उसे दिया जो लोगों ने परमेश्वर के मन्दिर के लिये दिया था। लेवीवंशी द्वारपालों ने यह धन मनश्शे, एप्रैम और बचे सभी इस्राएलियों से इकट्ठा किया। उन्होंने यह धन सारे यहूदा, बिन्यामीन और यरूशलेम में रहने वाले सभी लोगों से भी इकट्ठा किया।
बाद में, जब अर्तक्षत्र फारस का नया राजा हुआ, इन लोगों में से कुछ ने यहूदियों के विरुद्ध शिकायत करते हुए एक और पत्र लिखा। जिन लोगों ने वह पत्र लिखा, वे ये थे: बिशलाम, मिथदात, ताबेल और उसके दल के अन्य लोग। उन्होंने पत्र राजा अर्तक्षत्र को अरामी में अरामी लिपि का उपयोग करते हुए लिखा।
अत: यहूदी अग्रजों (प्रमुखों) ने निर्माण कार्य जारी रखा और वे सफल हुए क्योंकि हाग्गै नबी और इद्दो के पुत्र जकर्याह ने उन्हें प्रोत्साहित किया। उन लोगों ने मन्दिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया। यह इस्राएल के परमेश्वर के आदेश का पालन करने के लिये किया गया। यह फारस के राजाओं, कुस्रू, दारा और अर्तक्षत्र ने जो आदेश दिये थे उनका पालन करने के लिये किया गया।
एज्रा ने अपना पूरा समय और ध्यान यहोवा के नियमों को पढ़ने और उनके पालन करने में दिय। एज्रा इस्राएल के लोगों को यहोवा के नियमों और आदेशों की शिक्षा देना चाहता था और वह इस्राएल में लोगों को उन नियमों का अनुसरण करने में सहायता देना चाहता था।
राजा अर्तक्षत्र की ओर से, याजक एज्रा को जो स्वर्ग के परमेशवर के नियमों का शिक्षक है: अभिवादन!
अब मैं, राजा अर्तक्षत्र यह आदेश देता हूँ: मैं उन सभी लोगों को जो फरात नदी के पश्चिमी क्षेत्र में राजा के कोषपाल हैं, आदेश देता हूँ कि वे एज्रा को जो कुछ भी वह माँगे दें। एज्रा स्वर्ग के परमेश्वर के नियमों का शिक्षक और याजक है। इस आदेश का शीघ्र और पूर्ण रूप से पालन करो।
तथा सरायाह जो हिलकियाह का पुत्र था। (हिल्किय्याह सादोक के पुत्र मशुल्लाम का पुत्र था और सादोक अहीतूब के पुत्र मरायोत का पुत्र) अहीतूब परमेश्वर के भवन की देखभाल करने वाला था।
राजा अर्तक्षत्र के बीसवें वर्ष के नीसान नाम के महीने में राजा के लिये थोड़ी दाखमधु लाई गयी। मैंने उस दाखमधु को लिया और राजा को दे दिया। मैं जब पहले राजा के साथ था तो दु:खी नहीं हुआ था किन्तु अब मैं उदास था।
फिर साल के सातवें महीने में इस्राएल के सभी लोग आपस में इकट्ठे हुए। वे सभी एक थे और इस प्रकार एकमत थे जैसे मानो वे कोई एक व्यक्ति हो। जलद्वार के सामने के खुले चौक में वे आपस में मिले। एज्रा नाम के शिक्षक से उन सभी लोगों ने मूसा की व्यवस्था के विधान की पुस्तक को लाने के लिये कहा। यह वही व्यवस्था का विधान है जिसे इस्राएल के लोगों को यहोवा ने दिया था।