मैं फ़िरौन का प्याला लिए था। इसलिए मैंने अंगूरों को लिया और प्याले में रस निचोड़ा। तब मैंने प्याला फ़िरौन को दिया।”
उत्पत्ति 40:1 - पवित्र बाइबल बाद में फ़िरौन के दो नौकरों ने फ़िरौन का कुछ नुकसान किया। इन नौकरों में से एक रोटी पकाने वाला तथा दूसरा फिरौन को दाखमधु देने वाले नौकर पर क्रोधित हुआ। Hindi Holy Bible इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ के राजा के पिलानेहारे और पकानेहारे ने अपने स्वामी का कुछ अपराध किया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इन घटनाओं के कुछ समय पश्चात् मिस्र देश के राजा फरओ के साकी और रसोइए ने अपने स्वामी के विरुद्ध अपराध किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि मिस्र के राजा के पिलानेहारे और पकानेहारे ने अपने स्वामी के विरुद्ध कुछ अपराध किया। नवीन हिंदी बाइबल इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि मिस्र के राजा के पिलानेवाले और पकानेवाले ने अपने स्वामी के विरुद्ध कुछ अपराध किया। सरल हिन्दी बाइबल कुछ समय बाद राजा फ़रोह के कटोरा-वाहक और उनके खाना बनानेवाले ने अपने स्वामी फ़रोह के विरुद्ध कुछ गलती की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इन बातों के पश्चात् ऐसा हुआ, कि मिस्र के राजा के पिलानेहारे और पकानेहारे ने अपने स्वामी के विरुद्ध कुछ अपराध किया। |
मैं फ़िरौन का प्याला लिए था। इसलिए मैंने अंगूरों को लिया और प्याले में रस निचोड़ा। तब मैंने प्याला फ़िरौन को दिया।”
तीन दिन बीतने के पहले फ़िरौन तुमको क्षमा करेगा और तुम्हें तुम्हारे काम पर लौटने देगा। तुम फ़िरौन के लिए वही काम करोगे जो पहले करते थे।
रोटी बनाने वाले ने देखा कि दूसरे नौकर का सपना अच्छा था। इसलिए रोटी बनाने वाले ने यूसुफ से कहा, “मैंने भी सपना देखा। मैंने देखा कि मेरे सिर पर तीन रोटियों की टोकरियाँ हैं।
इसलिए फ़िरौन ने उसी कारागार में उन्हें भेजा जिसमें यूसुफ था। फ़िरौन के अंगरक्षकों का नायक पोतीपर उस कारागार का अधिकारी था।
एक रात दोनों कैदियों ने एक सपना देखा। (दोनों कैदी मिस्र के राजा के राजा के रोटी पकानेवाले तथा दाखमधु देने वाले नौकर थे।) हर एक कैदी के अपने—अपने सपने थे और हर एक सपने का अपना अलग अलग अर्थ था।
तब दाखमधु देने वाले नौकर को यूसुफ याद आ गया। नौकर ने फ़िरौन से कहा, “मेरे साथ जो कुछ घटा वह मुझे याद आ रहा है।
इसलिए हे यहोवा, कृपा करके अब मेरी विनती सुन। मैं तेरा सेवक हूँ और कृपा करके अपने सेवकों की विनती पर कान दे जो तेरे नाम को मान देना चाहते हैं। कृपा करके आज मुझे सहारा दे। जब मैं राजा से सहायता माँगू तब तू मेरी सहायता कर। मुझे सफल बना। मुझे सहायता दे ताकि मैं राजा के लिए प्रसन्नतादायक बना रहूँ।” उस समय मैं राजा के दाखमधु सेवक था।
उस रात राजा सो नहीं पाया। सो उसने अपने एक दास से इतिहास की पुस्तक लाकर अपने सामने उसे पढ़ने को कहा। (राजाओं के इतिहास की पुस्तक में वह सब कुछ अंकित रहता है जो एक राजा के शासनकाल के दौरान घटित होता है।)