आप लोगों ने मुझ सेवक पर इतनी अधिक कृपा की है। आप लोगों ने मुझे बचाने की कृपा की है। लेकिन मैं पहाड़ी तक दौड़ नहीं सकता। अगर मैं आवश्यकता से अधिक धीरे दौड़ा तो कुछ बुरा होगा और मैं मारा जाऊँगा।
उत्पत्ति 33:10 - पवित्र बाइबल याकूब ने कहा, “नहीं! मैं तुमसे विनती करता हूँ। यदि तुम सचमुच मुझे स्वीकार करते हो तो कृपया जो भेटें देता हूँ तुम स्वीकार करो। मैं तुमको दुबारा देख कर बहुत प्रसन्न हूँ। यह तो परमेश्वर को देखने जैसा है। मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूँ कि तुमने मुझे स्वीकार किया है। Hindi Holy Bible याकूब ने कहा, नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब ने कहा, ‘नहीं, यदि मुझे तुम्हारी कृपा-दृष्टि प्राप्त हुई है तो तुम मेरे हाथ से मेरी भेंट स्वीकार करो। निस्सन्देह तुम्हारे मुख को देखना मानो परमेश्वर के मुख को देखना है; क्योंकि तुमने मुझे अपनाया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) याक़ूब ने कहा, “नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर; क्योंकि मैं ने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझ से प्रसन्न हुआ है। नवीन हिंदी बाइबल याकूब ने कहा, “नहीं नहीं, मेरी विनती सुन, यदि तेरी कृपादृष्टि मुझ पर हो तो मेरे हाथ से यह भेंट ग्रहण कर; क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तूने मुझे स्वीकार किया है। सरल हिन्दी बाइबल याकोब ने कहा, “नहीं! यदि आपका अनुग्रह मुझ पर है, तो मेरी ओर से इन उपहारों को स्वीकार कर लीजिए; क्योंकि आपको देखकर लगा कि मैंने परमेश्वर के दर्शन पा लिये, और आपने मुझे दिल से स्वीकारा भी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 याकूब ने कहा, “नहीं नहीं, यदि तेरा अनुग्रह मुझ पर हो, तो मेरी भेंट ग्रहण कर: क्योंकि मैंने तेरा दर्शन पाकर, मानो परमेश्वर का दर्शन पाया है, और तू मुझसे प्रसन्न हुआ है। |
आप लोगों ने मुझ सेवक पर इतनी अधिक कृपा की है। आप लोगों ने मुझे बचाने की कृपा की है। लेकिन मैं पहाड़ी तक दौड़ नहीं सकता। अगर मैं आवश्यकता से अधिक धीरे दौड़ा तो कुछ बुरा होगा और मैं मारा जाऊँगा।
इसलिए याकूब ने उस जगह का नाम पनीएल रखा। याकूब ने कहा, “इस जगह मैंने परमेश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन किया है। किन्तु मेरे जीवन की रक्षा हो गई।”
इसलिए मैं विनती करता हूँ कि जो भेंट मैं देता हूँ उसे भी स्वीकार करो। परमेश्वर मेरे ऊपर बहुत कृपालु रहा है। मेरे पास अपनी आवश्यकता से अधिक है।” इस प्रकार याकूब ने एसाव से भेंट स्वीकार करने को विनती की। इसलिए एसाव ने भेंट स्वीकार की।
किन्तु एसाव ने कहा, “भाई, तुम्हें मुझको कोई भेंट नहीं देनी चाहिए क्योंकि मेरे पास सब कुछ बहुतायत से है।”
किन्तु यहूदा ने याकूब से कहा, “उस देश के प्रसाशक ने हम लोगों को चेतावनी दी है। उसने कहा है, ‘यदि तुम लोग अपने भाई को मेरे पास वापस नहीं लाओगे तो मैं तुम लोगों से बात करने से मना भी कर दूँगा।’
वह समय आ गया जब इस्राएल (याकूब) समझ गया कि वह जल्दी ही मरेगा, इसलिए उसने अपने पुत्र यूसुफ को अपने पास बुलाया। उसने कहा, “यदि तुम मुझसे प्रेम करते हो तो तुम अपने हाथ मेरी जांघ के नीचे रख कर मुझे वचन दो। वचन दो कि तुम, जो मैं कहूँगा करोगे और तुम मेरे प्रति सच्चे रहोगे। जब मैं मरूँ तो मुझे मिस्र में मत दफनाना।
सत्तर दिन बाद शोक का समय समाप्त हुआ। इसलिए यूसुफ ने फ़िरौन के अधिकारियों से कहा, “कृपया फ़िरौन से यह कहो,
किन्तु राजा दाऊद ने कहा, “अबशालोम अपने घर को लौट सकता है। वह मुझसे मिलने नहीं आ सकता।” इसलिये अबशालोम अपने घर को लौट गया। अबशालोम राजा से मिलने नहीं जा सका।
अबशालोम ने योआब से कहा, “मैंने तुमको सन्देश भेजा। मैंने तुमसे यहाँ आने को कहा। मैं तुम्हें राजा के पास भेजना चाहता था। मैं उससे पूछना चाहता था कि उसने गशूर से मुझे घर क्यों बुलाया। मैं उससे मिल नहीं सकता, अत: मेरे लिये गशूर में रहना कहीं अधिक अच्छा था। अब मुझे राजा से मिलने दो। यदि मैंने पाप किया है तो वह मुझे मार सकता है।”
दाऊद ने उत्तर दिया, “ठीक है! मैं तुम्हारे साथ सन्धि करुँगा। किन्तु तुमसे मैं केवल एक बात कहता हूँ कि जब तुम मुझसे मिलने आओ तब शाऊल की पुत्री मीकल को अवश्य लाना।”
वह व्यक्ति परमेश्वर की स्तुति करेगा और परमेश्वर उसकी स्तुति का उत्तर देगा। वह फिर परमेश्वर को वैसा ही पायेगा जैसे वह उसकी उपासना करता है, और वह अति प्रसन्न होगा। क्योंकि परमेश्वर उसे निरपराध घोषित कर के पहले जैसा जीवन कर देगा।
हे यहोवा, यदि तू मेरे शत्रुओं को बुरा नहीं करने देगा, तो मैं समझूँगा कि तूने मुझे अपना लिया है।
यहोवा कहता है, “कुछ लोग, जो शत्रु की तलवार के घाट नहीं उतारे गए, वे लोग मरुभूमि में आराम पाएंगे। इस्राएल आराम की खोज में आएगा।”
“सो देखो, मेरे इन मासूम अनुयायियों में से किसी को भी तुच्छ मत समझना। मैं तुम्हें बताता हूँ कि उनके रक्षक स्वर्गदूतों की पहुँच स्वर्ग में मेरे परम पिता के पास लगातार रहती है।
तब रूत प्रणाम करने नीचे धरती तक झुकी। उसने बोअज से कहा, “मुझे आश्चर्य है कि आपने मुझ पर ध्यान दिया! मैं एक अजनबी हूँ, किन्तु आपने मुझ पर बडी दया की।”
किन्तु दाऊद ने उत्तर दिया, “तुम्हारे पिता अच्छी तरह जानते हैं कि मैं तुम्हारा मित्र हूँ। तुम्हारे पिता ने अपने मन में यह सोचा है, ‘योनातान को इस विषय में जानकारी नहीं होनी चाहिये। यदि वह जानेगा तो दाऊद से कह देगा।’ किन्तु जैसे यहोवा का होना सत्य है और तुम जीवित हो, उसी प्रकार यह भी सत्य है कि मैं मृत्यु के बहुत निकट हूँ!”