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उत्पत्ति 2:17 - पवित्र बाइबल

लेकिन तुम अच्छे और बुरे की जानकारी देने वाले पेड़ का फल नहीं खा सकते। यदि तुमने उस पेड़ का फल खा लिया तो तुम मर जाओगे।”

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Hindi Holy Bible

पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाए उसी दिन अवश्य मर जाएगा॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पर भले-बुरे के ज्ञान के पेड़ का फल न खाना; क्‍योंकि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, तुम अवश्‍य मर जाओगे।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा।”

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल तू कभी न खाना, क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा तू अवश्य मर जाएगा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

लेकिन भले या बुरे के ज्ञान का जो पेड़ है उसका फल तुम कभी न खाना, क्योंकि जिस दिन तुम इसमें से खाओगे, निश्चय तुम मर जाओगे.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना: क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा।”

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उत्पत्ति 2:17
43 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा परमेश्वर ने हर एक सुन्दर पेड़ और भोजन के लिए सभी अच्छे पेड़ों को उस बाग में उगाया। बाग के बीच में परमेश्वर ने जीवन के पेड़ को रखा और उस पेड़ को भी रखा जो अच्छे और बुरे की जानकारी देता है।


इसलिए इब्राहीम को उसकी पत्नी लौटा दो। इब्राहीम एक नबी है। वह तुम्हारे लिए प्रार्थना करेगा और तुम जीवित रहोगे किन्तु यदि तुम सारा को नहीं लौटाओगे तो मैं शाप देता हूँ कि तुम मर जाओगे। तुम्हारा सारा परिवार तुम्हारे साथ मर जाएगा।”


यहोवा परमेश्वर ने पुरुष से पूछा, “तुम्हें किसने बताया कि तुम नंगे हो? तुम किस कारण से शरमाए? क्या तुमने उस विशेष पेड़ का फल खाया जिसे मैंने तुम्हें न खाने की आज्ञा दी थी?”


तब यहोवा परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, “मैंने आज्ञा दी थी कि तुम विशेष पेड़ का फल न खाना। किन्तु तुमने अपनी पत्नी की बातें सुनीं और तुमने उस पेड़ का फल खाया। इसलिए मैं तुम्हारे कारण इस भूमि को शाप देता हूँ अपने जीवन के पूरे काल तक उस भोजन के लिए जो धरती देती है। तुम्हें कठिन मेहनत करनी पड़ेगी।


तुम अपने भोजन के लिए कठिन परिश्रम करोगे। तुम तब तक परिश्रम करोगे जब तक माथे पर पसीना ना आ जाए। तुम तब तक कठिन मेहनत करोगे जब तक तुम्हारी मृत्यु न आ जाए। उस समय तुम दुबारा मिट्टी बन जाओगे। जब मैंने तुमको बनाया था, तब तुम्हें मिट्टी से बनाया था और जब तुम मरोगे तब तुम उसी मिट्टी में पुनः मिल जाओगे।”


यदि तुम नगर को छोड़ोगे और किद्रोन के नाले के पार जाओगे तो तुम मार डाले जाओगे और यह तुम्हारा दोष होगा।”


इसलिये सुलैमान ने उसे बुलवाया। सुलैमान ने कहा, “मैंने यहोवा के नाम पर तुमसे यह प्रतिज्ञा की थी कि यदि तुम यरूशलेम छोड़ोगे, तो मारे जाओगे। मैंने चेतावनी दी थी कि यदि तुम अन्य कहीं जाओगे तो तुम्हारे मारे जाने का दोष तुम्हारा होगा और मैंने जो कुछ कहा था तुमने उसे स्वीकार किया था। तुमने कहा कि तुम मेरी आज्ञा का पालन करोगे।


यिर्मयाह ने वह सब कुछ कहना पूरा किया जिसे यहोवा ने लोगों से कहने का आदेश दिया था। तब याजकों, नबियों और लोगों ने यिर्मयाह को पकड़ लिया। उन्होंने कहा, “ऐसी भयंकर बात करने के कारण तुम मरोगे।


किसी व्यक्ति को उस पापी पुत्र से ऋण लेने की आवश्यकता हो सकती है। वह पुत्र उसे मुद्रा ऋण दे सकता है, किन्तु वह उस व्यक्ति को उस ऋण पर ब्याज देने के लिये विवश करेगा। अत: वह पापी पुत्र जीवित नहीं रहेगा। उसने भयंकर पाप किये अत: मार दिया जाएगा और अपनी मृत्यु के लिये वह स्वयं ही उत्तरदायी है।


मैं तुम्हें मारना नहीं चाहता! तुम हमारे पास आओ और रहो!” वे बातें मेरे स्वामी यहोवा ने कहीं।


मैं सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार करुँगा। यह महत्वपूर्ण नहीं होगा कि वह व्यक्ति माता—पिता है अथवा सन्तान। जो व्यक्ति पाप करेगा वह व्यक्ति मरेगा!


“या यह हो सकता है कि मैं किसी पापी व्यक्ति के लिये कहूँगा कि वह मरेगा। किन्तु वह अपने जीवन को बदल सकता है। वह पाप करना छोड़ सकता है और ठीक—ठीक रहना आरम्भ कर सकता है। वह अच्छा और उचित हो सकता है।


मैं तुमसे कह सकता हूँ, ‘यह पापी व्यक्ति मरेगा।’ तब तुम्हें उस व्यक्ति के पास जाकर मेरे लिये उसे चेतावनी देनी चाहिए। यदि तुम उस पापी व्यक्ति को चेतावनी नहीं देते और उसे अपना जीवन बदलने को नहीं कहते, तो वह पापी व्यक्ति मरेगा, क्योंकि उसने पाप किया। किन्तु मैं तुम्हें उसकी मृत्यु का उत्तरदायी बनाऊँगा।


यह इसलिए हुआ कि यहोवा ने इस्राएल के लोगों से यह कहा था कि वे सभी मरुभूमि मे मरेंगे। जो केवल दो जीवित बचे थे यपुन्ने का पुत्र कालेब और नून का पुत्र यहोशू थे।


चाहे वे परमेश्वर की धर्मपूर्ण विधि को जानते हैं जो बताती है कि जो ऐसी बातें करते हैं, वे मौत के योग्य हैं, फिर भी वे न केवल उन कामों को करते है, बल्कि वैसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।


क्या तुम नहीं जानते कि जब तुम किसी की आज्ञा मानने के लिए अपने आप को दास के रूप में उसे सौंपते हो तो तुम दास हो। फिर चाहे तुम पाप के दास बनो, जो तुम्हें मार डालेगा और चाहे आज्ञाकारिता के, जो तुम्हें धार्मिकता की तरफ ले जायेगी।


क्योंकि पाप का मूल्य तो बस मृत्यु ही है जबकि हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन, परमेश्वर का सेंतमेतका वरदान है।


क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है।


क्योंकि ठीक वैसे ही जैसे आदम के कर्मों के कारण हर किसी के लिए मृत्यु आयी, वैसे ही मसीह के द्वारा सब को फिर से जिला उठाया जायेगा


पाप मृत्यु का दंश है और पाप को शक्ति मिलती है व्यवस्था से।


किन्तु वे सभी लोग जो व्यवस्था के विधानों के पालन पर निर्भर रहते हैं, वे तो किसी अभिशाप के अधीन हैं। शास्त्र में लिखा है: “ऐसा हर व्यक्ति शापित है जो व्यवस्था के विधान की पुस्तक में लिखी हर बात का लगन के साथ पालन नहीं करता।”


और जो कुछ दृश्यमान हो जाता है, वह स्वयं ज्योति ही बन जाता है। इसीलिए हमारा भजन कहता है: “अरे जाग, हे सोने वाले! मृतकों में से जी उठ बैठ, तेरे ही सिर स्वयं मसीह प्रकाशित होगा।”


“लेवीवंशी कहेंगे: ‘वह व्यक्ति अभिशप्त है जो इन नियमों का समर्थन नहीं करता और पालन करना स्वीकार नहीं करता!’ “तब सभी लोग कहेंगे, ‘आमीन!’


“मैंने आज तुम्हारे सम्मुख जीवन और मृत्यु, समृद्धि और विनाश रख दिया है।


“आज मैं तुम्हें दो मार्ग को चुनने की छूट दे रहा हूँ। मैं धरती—आकाश को तुम्हारे चुनाव का साक्षी बना रहा हूँ। तुम जीवन को चुन सकते हो, या तुम मृत्यु को चुन सकते हो। जीवन का चुनना वरदान लाएगा और मृत्यु को चुनना अभिशाप। इसलिए जीवन को चुनो। तब तुम और तुम्हारे बच्चे जीवित रहेंगे।


अपने पापों और अपने ख़तना रहित शरीर के कारण तुम मरे हुए थे किन्तु तुम्हें परमेश्वर ने मसीह के साथ-साथ जीवन प्रदान किया तथा हमारे सब पापों को मुक्त रूप से क्षमा कर दिया।


किन्तु विषय भोग की दास विधवा जीते जी मरे हुए के समान है।


फिर जब वह इच्छा गर्भवती होती है तो पाप पूरा बढ़ जाता है और वह मृत्यु को जन्म देता है।


यदि कोई देखता है कि उसका भाई कोई ऐसा पाप कर रहा है जिसका फल अनन्त मृत्यु नहीं है, तो उसे अपने भाई के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। परमेश्वर उसे जीवन प्रदान करेगा। मैं उनके लिए जीवन के विषय में बात कर रहा हूँ, जो ऐसे पाप में लगे हैं, जो उन्हें अनन्त मृत्यु तक नहीं पहुँचायेगा। ऐसा पाप भी होता है जिसका फल मृत्यु है। मैं तुमसे ऐसे पाप के सम्बन्ध में विनती करने को नहीं कह रहा हूँ।


“जो सुन सकता है वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रही है। जो विजयी होगा उसे दूसरी मृत्यु से कोई हानि नहीं उठानी होगी।


इसके बाद मृत्यु को और पाताल को आग की झील में झोंक दिया गया। यह आग की झील ही दूसरी मृत्यु है।


वह धन्य है और पवित्र भी है जो पहले पुनरुत्थान में भाग ले रहा है। इन व्यक्तियों पर दूसरी मृत्यु को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। बल्कि वे तो परमेश्वर और मसीह के अपने याजक होंगे और उसके साथ एक हज़ार वर्ष तक राज्य करेंगे।


किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”


मैं इस्राएल की रक्षा करने वाले यहोवा की शपथ खा कर यह प्रतिज्ञा करता हूँ। यदि मेरे अपने पुत्र योनातान ने भी पाप किया हो तो वह अवश्य मरेगा।” सेना में किसी ने भी कुछ नहीं कहा।


शाऊल ने कहा, “यदि मैं अपनी प्रतिज्ञा पूरा नहीं करता हूँ तो परमेश्वर मेरे लिये बहुत बुरा करे। योनातान को मरना चाहिये!”


जब तक यिशै का पुत्र जीवित रहेगा तब तक तुम कभी राजा नहीं बनोगे, न तुम्हारा राज्य होगा। अब दाऊद को हमारे पास लाओ। वह एक मरा व्यक्ति है!”


किन्तु राजा ने कहा, “अहीमेलेक, तुम्हें और तुम्हारे सभी सम्बन्धियों को मरना है।”