उत्पत्ति 2:14 - पवित्र बाइबल तीसरी नदी का नाम दजला है। यह नदी अश्शूर के पूर्व में बहती है। चौथी नदी फरात है। Hindi Holy Bible और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तीसरी नदी का नाम दजला है, जो असीरिया देश की पूर्व दिशा में बहती है। चौथी नदी का नाम फरात है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है। नवीन हिंदी बाइबल तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर देश के पूर्व की ओर बहती है। चौथी नदी का नाम फरात है। सरल हिन्दी बाइबल तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह अश्शूर के पूर्व में बहती है. चौथी नदी का नाम फरात है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है; यह वही है जो अश्शूर के पूर्व की ओर बहती है। और चौथी नदी का नाम फरात है। |
इस तरह उस दिन यहोवा ने अब्राम को वचन दिया और उसके साथ वाचा की। यहोवा ने कहा, “मैं यह प्रदेश तुम्हारे वंशजों को दूँगा। मैं मिस्र की नदी और बड़ी नदी परात के बीच का प्रदेश उनको दूँगा।
यहोवा ने मनुष्य को अदन के बाग में रखा। मनुष्य का काम पेड़—पौधे लगाना और बाग की देख—भाल करना था।
इश्माएल के लोग हवीला से लेकर शूर के पास मिस्र की सीमा और उससे भी आगे अश्शूर के किनारे तक, घूमते रहे और अपने भाईयों और उनसे सम्बन्धित देशों में आक्रमण करते रहे।
मैं उन सभी लोगों को बाबुल से, विशेषकर कसदी लोगों को, लाऊँगा। मैं पकोद, शो और कोआ से लोगों को लाऊँगा और मैं उन सभी लोगों को अश्शूर से लाऊँगा। इस प्रकार मैं सभी प्रमुखों, और अधिकारियों को लाऊँगा। वे सभी चाहने योग्य, रथपति विशेष योग्यता के लिये चुने घुड़सवार थे।
यहाँ से चलने के लिए हर एक चीज तैयार कर लो। एमोरी लोगों के यरदन घाटी, पहाड़ी क्षेत्र, पश्चिमी ढाल—अराबा का पहाड़ी प्रदेश, नीची भूमी, नेगेव और समुद्र से लगे क्षेत्रों में जाओ। कनानी लोगों के देश में तथा लबानोन में परात नामक बड़ी नदी तक जाओ।
वह सारा प्रदेश जिस पर तुम चलोगे, तुम्हारा होगा। तुम्हारा देश दक्षिण में मरुभूमि से लेकर लगातार उत्तर में लबानोन तक होगा। यह पूर्व में फरात नदी से लेकर लगातार भूमध्य सागर तक होगा।
तुरही लिए हुए उस छठे स्वर्गदूत से उस आवाज़ ने कहा, “उन चार स्वर्गदूतों को मुक्त कर दो जो फरात महानदी के पास बँधे पड़े हैं।”