यदि उस नगर में पचास अच्छे लोग हों तो क्या होगा? क्या तब भी तू नगर को नष्ट कर देगा? निश्चय ही तू वहाँ रहने वाले पचास अच्छे लोगों के लिए उस नगर को बचा लेगा।
उत्पत्ति 18:25 - पवित्र बाइबल निश्चय ही तू नगर को नष्ट नहीं करेगा। बुरे लोगों को मारने के लिए तू पचास अच्छे लोगों को नष्ट नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो अच्छे और बुरे लोग एक ही हो जाएँगे, दोनों को ही दण्ड मिलेगा। तू पूरी पृथ्वी को न्याय देने वाला है। मैं जानता हूँ कि तू न्याय करेगा।” Hindi Holy Bible इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे: क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले, और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?” नवीन हिंदी बाइबल ऐसा कार्य करना तुझसे दूर रहे कि तू दुष्ट के साथ-साथ धर्मी को भी मार डाले, तथा धर्मी और दुष्ट दोनों की दशा एक समान हो जाए। यह बात तुझसे दूर ही रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी वह न करेगा जो न्यायसंगत हो?” सरल हिन्दी बाइबल इस प्रकार का काम करना आपसे दूर रहे—दुष्ट के साथ धर्मी को मार डालना, दुष्ट और धर्मी के साथ एक जैसा व्यवहार करना. ऐसा करना आपसे दूर रहे! क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार का काम करना तुझ से दूर रहे कि दुष्ट के संग धर्मी को भी मार डाले और धर्मी और दुष्ट दोनों की एक ही दशा हो। यह तुझ से दूर रहे। क्या सारी पृथ्वी का न्यायी न्याय न करे?” |
यदि उस नगर में पचास अच्छे लोग हों तो क्या होगा? क्या तब भी तू नगर को नष्ट कर देगा? निश्चय ही तू वहाँ रहने वाले पचास अच्छे लोगों के लिए उस नगर को बचा लेगा।
यहोवा के सामने वन के वृक्ष आनन्द से गायेंगे। क्यों क्योंकि यहोवा आ रहा है। वह संसार का न्याय करने आ रहा है।
तुम में से हर एक को अब यहोवा से डरना चाहिए। जो करो उसमें सावधान रहो क्योंकि हमारा यहोवा परमेश्वर न्यायी है। वह किसी व्यक्ति को अन्य व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण मानकर व्यवहार नही करता। वह अपने निर्णय को बदलने के लिये धन नही लेता।”
किन्तु हे परमेश्वर! जो कुछ भी घटना है साथ हमारे घटी उसके प्रति न्यायपूर्ण तू रहा। तू तो अच्छा ही रहा, बुरे तो हम रहे।
“अरे ओं लोगों जो समझ सकते हो, तो मेरी बात सुनो, परमेश्वर कभी भी बुरा नहीं करता है। सर्वशक्तिशाली परमेश्वर कभी भी बुरा नहीं करेगा।
किन्तु परमेश्वर किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नहीं त्यागेगा और वह बुरे व्यक्ति को सहारा नहीं देगा।
परमेश्वर सदा निष्पक्ष है। न्यायपूर्ण बातों को सर्वशक्तिशाली परमेश्वर कभी नहीं बदलता है।
जब ऐसा होता है, तो लोग कहने लगते है, “सज्जनों को उनका फल निश्चय मिलता है। सचमुच परमेश्वर जगत का न्यायकर्ता है!”
परमेश्वर जब कोई निर्णय ले लेता है, तो फिर वह अपना मन नहीं बदलता है। उसमें लोगों को दण्डित करने की क्षमता है। उसने मृत्यु के सब सामान साथ रखे हैं।
धरती और धरती की हर वस्तु डगमगा सकती है और गिरने को तैयार हो सकती है, किन्तु मैं ही उसे स्थिर रखता हूँ।
हे नदियों, ताली बजाओ! हे पर्वतो, अब सब साथ मिलकर गाओ! तुम यहोवा के सामने गाओ, क्योंकि वह जगत का शासन (न्याय) करने जा रहा है, वह जगत का न्याय नेकी और सच्चाई से करेगा।
इसलिये मैंने अपने मन से कहा, “हर बात के लिये परमेश्वर ने एक समय निश्चित किया है। मनुष्य जो कुछ करते हैं उसका न्याय करने के लिये भी परमेश्वर ने एक समय निश्चित किया है। परमेश्वर अच्छे लोगों और बुरे लोगों का न्याय करेगा।”
अपने छोटे से जीवन में मैंने सब कुछ देखा है। मैंने देखा है अच्छे लोग जवानी में ही मर जाते हैं। मैंने देखा है कि बुरे लोग लम्बी आयु तक जीते रहते हैं।
किन्तु यहोवा तू एक न्यायी न्यायाधीश है। तू लोगों के हृदय और मन की परीक्षा करना जानता है। मैं अपने तकर्ों को तेरे सामने प्रस्तुत करूँगा और मैं तुझको उन्हें दण्ड देने को कहूँगा जिसके वे पात्र हैं।
यहोवा यदि मैं तुझसे तर्क करता हूँ, तू सदा ही सही निकलता है। किन्तु मैं तुझसे उन सब के बारे में पूछना चाहता हूँ जो सही नहीं लगतीं। दुष्ट लोग सफल क्यों हैं जो तुझ पर विश्वास नहीं करते, उनका उतना जीवन सुखी क्यों है
परमेश्वर ने कहा, “तुम लोग कह सकते हो, ‘परमेश्वर हमारा स्वामी न्यायपूर्ण नहीं है!’ किन्तु इस्राएल के परिवारों, सुनो। मैं उसी प्रकार का हूँ। तुम लोग ऐसे हो कि जरुर बदलोगे!
लोगों, तुम मेरे पास वापस लौटोगे और तुम अच्छे और बुरे का अन्तर समझोगे। तुम परमेश्वर के भक्त और जो भक्त नहीं हैं उसके बीच के अन्तर को समझोगे।
किन्तु मूसा और हारून भूमि पर गिर पड़े और चिल्लाए, “हे परमेश्वर, तू जानता है कि लोग क्या सोच रहे हैं। कृपा करके इस पूरे समूह पर क्रोधित न हो। एक ही व्यक्ति ने सचमुच पाप किया है।”
हम सब को अपने शरीर में स्थित रह कर भला या बुरा, जो कुछ किया है, उसका फल पाने के लिये मसीह के न्यायासन के सामने अवश्य उपस्थित होना होगा।
“उस समय, मैंने तुम्हारे इन प्रमुखों को तुम्हारा न्यायाधीश बनाया था। मैंने उनसे कहा, ‘अपने लोगों के बीच के वाद—प्रतिवाद को सुनो। हर एक मुकदमे का फैसला सही—सही करो। इसका कोई महत्व नहीं कि मुकदमा दो इस्राएली लोगों के बीच है या इस्राएली और विदेशी के बीच। तुम्हें हर एक मुकदमे का फैसला सही करना चाहिए।
जब तुम फैसला करो तब यह न सोचो कि कोई व्यक्ति दूसरे की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। तुम्हें हर एक व्यक्ति का फैसला एक समान समझकर करना चाहिए। किसी से डरो नहीं क्योंकि तुम्हारा फैसला परमेश्वर से आया है। किन्तु यदि कोई मुकदमा इतना जटिल हो कि तुम फैसला ही न कर सको तो उसे मेरे पास लाओ और इसका फैसला मैं करूँगा।’
“वह (यहोवा) हमारी चट्टान है— उसके सभी कार्य पूर्ण हैं! क्यों? क्योंकि उसके सभी मार्ग सत्य हैं! वह विश्वसनीय निष्पाप परमेश्वर, करता जो उचित और न्याय है।
परमेश्वर की पहली संतानों, जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हैं, उनकी सभा के निकट पहुँच चुके हो। तुम सबके न्यायकर्ता परमेश्वर और उन धर्मात्मा, सिद्ध पुरुषों की आत्माओं,
इस्राएल के लोगों ने किसी के विरुद्ध कोई पाप नहीं किया है। किन्तु तुम इस्राएल के लोगों के विरुद्ध बहुत बड़ी बुराई कर रहे हो। यहोवा को, जो सच्चा न्यायाधीश है, निश्चय करने दो कि इस्राएल के लोग ठीक रास्ते पर हैं या अम्मोनी लोग।”