यहोवा कहता है, “यरूशलेम की सड़कों पर ऊपर नीचे जाओ। चारों ओर देखो और इन चीजों के बारे में सोचो। नगर के सार्वजनिक चौराहो को खोजो, पता करो कि क्या तुम किसी एक अच्छे व्यक्ति को पा सकते हो, ऐसे व्यक्ति को जो ईमानदारी से काम करता हो, ऐसा जो सत्य की खोज करता हो। यदि तुम एक अच्छे व्यक्ति को ढूँढ निकालोगे तो मैं यरूशलेम को क्षमा कर दूँगा!
“मैंने लोगों से कहा कि तुम लोग अपना जीवन बदलो और अपने देशों की रक्षा करो। मैंने लोगों को दीवारों को दृढ़ करने के लिये कहा। मैं चाहता था कि वे दीवारों के छेदों पर खड़े रहें और अपने नगर की रक्षा करें। किन्तु कोई व्यक्ति सहायता के लिये नहीं आया!
यहोवा कहता है, “अँगूरों में जब नयी दाखमधु हुआ करती है, तब लोग उसे निचोड़ लिया करते हैं, किन्तु वे अँगूरों को पूरी तरह नष्ट तो नहीं कर डालते। वे इसलिये ऐसा करते हैं कि अँगूरों का उपयोग तो फिर भी किया जा सकता है। अपने सेवकों के साथ मैं ऐसा ही करूँगा। मैं उन्हें पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।
तुम्हारे व्यक्ति असंख्य हैं। वे सागर के रेत कणों के समान हैं; किन्तु उनमें से कुछ ही यहोवा की ओर फिर वापस मुड़ आने के लिये बचे रहेंगे। वे लोग परमेश्वर की ओर मुड़ेंगे किन्तु उससे पहले तुम्हारे देश का विनाश हो जायेगा। परमेश्वर ने घोषणा कर दी है कि वह उस धरती का विनाश करेगा और उसके बाद उस धरती पर नेकी का आगमन इस प्रकार होगा जैसे कोई भरपूर नदी बहती है।
उस प्रदेश में दस प्रतिशत लोग फिर भी बचे रह जायेंगे किन्तु उनको भी फिर से नष्ट कर दिया जायेगा क्योंकि ये लोग बांजवृक्ष के उस पेड़ के समान होंगे जिसके काट दिये जाने के बाद भी उसका तना बचा रह जाता है और ये (बचे हुए लोग) उसी तने के समान होंगे जो फिर से फुटाव ले लेता है।