इसलिए मैं वहाँ जाऊँगा और देखूँगा कि क्या हालत उतनी ही खराब है जितनी मैंने सुनी है। तब मैं ठीक—ठीक जान लूँगा।”
उत्पत्ति 18:17 - पवित्र बाइबल यहोवा ने मन में कहा, “क्या मैं इब्राहीम से वह कह दूँ जो मैं अभी करूँगा? Hindi Holy Bible तब यहोवा ने कहा, यह जो मैं करता हूं सो क्या इब्राहीम से छिपा रखूं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने सोचा, ‘मैं जो कार्य करने जा रहा हूँ, क्या उसे अब्राहम से गुप्त रखूँ, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोवा ने कहा, “यह जो मैं करता हूँ, उसे क्या अब्राहम से छिपा रखूँ? नवीन हिंदी बाइबल तब यहोवा ने कहा, “मैं जो करने जा रहा हूँ, क्या उसे अब्राहम से छिपाए रखूँ? सरल हिन्दी बाइबल तब याहवेह ने सोचा, “जो काम मैं करनेवाला हूं, क्या मैं अब्राहाम से छिपा रखूं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोवा ने कहा, “यह जो मैं करता हूँ उसे क्या अब्राहम से छिपा रखूँ? |
इसलिए मैं वहाँ जाऊँगा और देखूँगा कि क्या हालत उतनी ही खराब है जितनी मैंने सुनी है। तब मैं ठीक—ठीक जान लूँगा।”
तब यहोवा ने कहा, “यदि मुझे सदोम नगर में पचास अच्छे लोग मिले तो मैं पूरे नगर को बचा लूँगा।”
और यहोवा ने सदोम और अमोरा को नष्ट करना आरम्भ किया। यहोवा ने आग तथा जलते हुए गन्धक को आकाश से नीचें बरसाया।
किन्तु शूनेमिन स्त्री पर्वत पर चढ़कर परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास पहुँची। वह प्रणाम करने झुकी और उसने एलीशा के पाँव पकड़ लिये। गेहजी शूनेमिन स्त्री को दूर खींच लेने के लिये निकट आया। किन्तु परमेश्वर के जन (एलीशा) ने गेहजी से कहा, “उसे अकेला छोड़ दो! वह बहुत परेशान है और यहोवा ने इसके बारे में मुझसे नहीं कहा। यहोवा ने यह खबर मुझसे छिपाई।”
तू हमारा परमेश्वर है। तूने इस प्रदेश में रहने वालों को इसे छोड़ने को विवश किया। यह तूने अपने इस्राएली लोगों के सामने किया। तूने यह भूमि इब्राहाम के वंशजों को सदैव के लिये दे दी। इब्राहाम तेरा मित्र था।
यहोवा अपने भक्तों पर अपने भेद खोलता है। वह अपने निज भक्तों को अपने वाचा की शिक्षा देता है।
मेरा स्वामी यहोवा कुछ भी करने का निश्चय कर सकता है। किन्तु कुछ भी करने से पहले वह अपने सेवक नबियों को अपनी छिपी योजना बतायेगा।
अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा क्योंकि कोई दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या कर रहा है बल्कि मैं तुम्हें मित्र कहता हूँ। क्योंकि मैंने तुम्हें वह हर बात बता दी है, जो मैंने अपने परम पिता से सुनी है।
इस प्रकार शास्त्र का यह कहा पूरा हुआ था, “इब्राहीम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और विश्वास के आधार पर ही वह धर्मी ठहरा” और इसी से वह “परमेश्वर का मित्र” कहलाया।