तब अब्राम ने उस जगह को छोड़ा और बेतेल के पूर्व पहाड़ों तक यात्रा की। अब्राम ने वहाँ अपना तम्बू लगाया। बेतेल नगर पश्चिम में था। ये नगर पूर्व में था। उस जगह अब्राम ने यहोवा के लिए दूसरी वेदी बनाई और अब्राम ने वहाँ यहोवा की उपासना की।
उत्पत्ति 12:7 - पवित्र बाइबल यहोव अब्राम के सामने आया यहोवा ने कहा, “मैं यह देश तुम्हारे वंशजों को दूँगा।” यहोवा अब्राम के सामने जिस जगह पर प्रकट हुआ उस जगह पर अब्राम ने एक वेदी यहोवा की उपासना के लिए बनाया। Hindi Holy Bible तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, यह देश मैं तेरे वंश को दूंगा: और उसने वहां यहोवा के लिये जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, ‘मैं यह देश तेरे वंश को दूँगा।’ अत: अब्राम ने प्रभु के लिए, जिसने उन्हें दर्शन दिया था, वहाँ एक वेदी बनाई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, “यह देश मैं तेरे वंश को दूँगा।” और उसने वहाँ यहोवा के लिये, जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। नवीन हिंदी बाइबल फिर यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, “यह देश मैं तेरे वंश को दूँगा।” इसलिए उसने वहाँ यहोवा के लिए एक वेदी बनाई, जिसने उसे दर्शन दिया था। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह ने अब्राम को दर्शन दिया और कहा, “तुम्हारे वंश को मैं यह देश दूंगा.” तब अब्राम ने उस स्थान पर याहवेह के सम्मान में, जो उन पर प्रकट हुए थे, एक वेदी बनाई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोवा ने अब्राम को दर्शन देकर कहा, “यह देश मैं तेरे वंश को दूँगा।” और उसने वहाँ यहोवा के लिये, जिसने उसे दर्शन दिया था, एक वेदी बनाई। (गला. 3:16) |
तब अब्राम ने उस जगह को छोड़ा और बेतेल के पूर्व पहाड़ों तक यात्रा की। अब्राम ने वहाँ अपना तम्बू लगाया। बेतेल नगर पश्चिम में था। ये नगर पूर्व में था। उस जगह अब्राम ने यहोवा के लिए दूसरी वेदी बनाई और अब्राम ने वहाँ यहोवा की उपासना की।
यह सारी भूमि, जिसे तुम देखते हो, मैं तुमको और तुम्हारे बाद जो तुम्हारे लोग रहेंगे उनको देता हूँ। यह प्रदेश सदा के लिए तुम्हारा है।
इस तरह अब्राम ने अपना तम्बू हटाया। वह मम्रे के बड़े पेड़ों के पास रहने लगा। यह हेब्रोन नगर के करीब था। उस जगह पर अब्राम ने एक वेदी यहोवा की उपासना के लिए बनायी।
इस तरह उस दिन यहोवा ने अब्राम को वचन दिया और उसके साथ वाचा की। यहोवा ने कहा, “मैं यह प्रदेश तुम्हारे वंशजों को दूँगा। मैं मिस्र की नदी और बड़ी नदी परात के बीच का प्रदेश उनको दूँगा।
जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, यहोवा ने उससे बात की। यहोवा ने कहा, “मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ। मेरे लिए ये काम करो। मेरी आज्ञा मानो और सही रास्ते पर चलो।
और मैं यह प्रदेश तुमको और तुम्हारे सभी वंशजों को दूँगा। मैं वह प्रदेश तुम्हें दूँगा जिससे होकर तुम यात्रा कर रहे हो। मैं तुम्हें कनान प्रदेश दूँगा। मैं तुम्हें यह प्रदेश सदा के लिए दूँगा और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा।”
बाद में यहोवा फिर इब्राहीम के सामने प्रकट हुआ। इब्राहीम मस्रे के बांज के पेड़ों के पास रहता था। एक दिन, दिन के सबसे गर्म पहर में इब्राहीम अपने तम्बू के दरवाज़े पर बैठा था।
वे उस जगह पर पहुँचे जहाँ परमेश्वर ने पहुँचने को कहा था। वहाँ इब्राहीम ने एक बलि की वेदी बनाई। इब्राहीम ने वेदी पर लकड़ियाँ रखीं। तब इब्राहीम ने अपने पुत्र को बाँधा। इब्राहीम ने इसहाक को वेदी की लकड़ियों पर रखा।
यहोवा, स्वर्ग का परमेश्वर मुझे मेरी जन्मभूमि से यहाँ लाया। वह देश मेरे पिता और मेरे परिवार का घर था। किन्तु यहोवा ने यह वचन दिया कि वह नया प्रदेश मेरे परिवार वालों का होगा। यहोवा अपना एक दूत तुम्हारे सामने भेजे जिससे तुम मेरे पुत्र के लिए दुल्हन चुन सको।
इसलिए इसहाक ने उस जगह यहोवा की उपासना के लिए एक वेदी बनाई। इसहाक ने वहाँ पड़ाव डाला और उसके नौकरों ने एक कुआँ खोदा।
उसी देश में रहो और मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को यह सारा प्रदेश दूँगा। मैं वही करूँगा जो मैंने तुम्हारे पिता इब्राहीम को वचन दिया है।
याकूब ने स्वर्गदूतों को उस सीढ़ी पर चढ़ते उतरते देखा और यहोवा को सीढ़ी के पास खड़ा देखा। यहोवा ने कहा, “मैं तुम्हारे पितामह इब्राहीम का परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं इसहाक का परमेश्वर हूँ। मैं तुम्हें वह भूमि दूँगा जिस पर तुम अब सो रहे हो। मैं यह भूमि तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को दूँगा।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि जिस तरह परमेश्वर ने इब्राहीम को वरदान दिया था उसी तरह वह तुमको भी आशीर्वाद दे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि परमेश्वर तुम्हें इब्राहीम का आशीर्वाद दे, यानी वह तुम्हें और तुम्हारी आने वाली पीढ़ी को, यह जगह जहाँ तुम आज परदेशी की तरह रहते हो, हमेशा के लिए तुम्हारी सम्पत्ति बना दे।”
इसलिए याकूब ने उस जगह का नाम पनीएल रखा। याकूब ने कहा, “इस जगह मैंने परमेश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन किया है। किन्तु मेरे जीवन की रक्षा हो गई।”
याकूब ने परमेश्वर की उपासना के लिए वहाँ एक विशेष स्मरण स्तम्भ बनाया। याकूब ने जगह का नाम “एले, इस्राएल का परमेश्वर” रखा।
याकूब ने वहाँ एक वेदी बनायी। याकूब ने उस जगह का नाम “एलबेतेल” रखा। याकूब ने इस नाम को इसलिए चुना कि जब वह अपने भाई के यहाँ से भाग रहा था, तब पहली बार परमेश्वर यहीं प्रकट हुआ था।
जब यूसुफ मरने को हुआ, उसने अपने भाईयों से कहा, “मेरे मरने का समय आ गया। किन्तु मैं जानता हूँ कि परमेश्वर तुम लोगों की रक्षा करेगा। वह इस देश से तुम लोगों को बाहर ले जाएगा। परमेश्वर तुम लोगों को उस देश में ले जाएगा जिसे उसने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”
तब नूह ने यहोवा के लिए एक वेदी बनाई। उसने कुछ शुद्ध पक्षियों और कुछ शुद्ध जानवर को लिया और उनको वेदी पर परमेश्वर को भेंट के रूप में जलाया।
तब दाऊद ने वहाँ यहोवा के लिये एक वेदी बनाई। दाऊद ने होमबलि और मेलबलि चढ़ाई। यहोवा ने देश के लिये उसकी प्रार्थना स्वीकार की। यहोवा ने इस्राएल में बीमारी रोक दी।
एलिय्याह ने उन पत्थरों का उपयोग यहोवा को सम्मान देने के लिये वेदी के निर्माण में किया। एलिय्याह ने वेदी के चारों ओर एक छोटी खाई खोदी। यह इतनी चौड़ी और इतनी गहरी थी कि इसमें लगभग सात गैलन पानी आ सके।
यह वाचा है जिसे यहोवा ने इब्राहीम के साथ किया था। यह प्रतिज्ञा है जो यहोवा ने इसहाक के साथ की।
यहोवा ने इस्राएल से कहा, थाः “मैं कनान देश तुझे दूँगा। यह प्रतिज्ञा का प्रदेश तुम्हारा होगा।”
किन्तु देख कि वे लोग हमें उन्हें नष्ट न करने का किस प्रकार का पुरस्कार दे रहे हैं। वे हमें तेरी भूमि से बाहर होने के लिए विवश करने आए हैं। यह भूमि तूने हमें दी है।
तू हमारा परमेश्वर है। तूने इस प्रदेश में रहने वालों को इसे छोड़ने को विवश किया। यह तूने अपने इस्राएली लोगों के सामने किया। तूने यह भूमि इब्राहाम के वंशजों को सदैव के लिये दे दी। इब्राहाम तेरा मित्र था।
तब योसादाक के पुत्र येशू और उसके साथ याजकों तथा शालतीएल के पुत्र जरूब्बाबेल और उसके साथ के लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर की वेदी बनाई। उन लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर के लिये वेदी इसलिए बनाई ताकि वे इस पर बलि चढ़ा सकें। उन्होंने उसे ठीक मूसा के नियमों के अनुसार बनाया। मूसा परमेश्वर का विशेष सेवक था।
इसलिए मूसा ने यहोवा के सभी आदेशों को चर्म पत्र पर लिखा। अगली सुबह मूसा उठा और पर्वत की तलहटी के समीप उसने एक वेदी बनाई और उसने बारह शिलाएँ इस्राएल के बारह कबीलों के लिए स्थापित कीं।
तू अपने सेवक इब्राहीम, इसहाक और इस्राएत (याकूब) को याद कर। तूने अपने नाम का उपयोग किया और तूने उन लोगों को वचन दिया। तूने कहा, ‘मैं तुम्हारे लोगों कों उतना अनगिनत बनाऊँगा जितने आकाश में तारे हैं। मैं तुम्हारे लोगों को वह सारी धरती दूँगा जिसे मैंने उनको देने का वचन दिया है। यह धरती सदा के लिए उनकी होगी।’”
तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तुम और तुम्हारे वे लोग जिन्हें तुम मिस्र से लाए हो उस जगह को अवश्य छोड़ दो। और उस प्रदेश में जाओ जिसे मैंने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था। मैंने उन्हें वचन दिया मैंने कहा, ‘मैं वह प्रदेश तुम्हारे भावी वंशजों को दूँगा।
“मैं यहोवा हूँ। मैं इब्राहीम, इसहाक और याकूब के सामने प्रकट हुआ था। उन्होंने मुझे एल सद्दायी (सर्वशक्तिमान परमेश्वर) कहा। मैंने उनको यह नहीं बताया था कि मेरा नाम यहोवा (परमेश्वर) है।
मैंने उनके साथ एक साक्षीपत्र बनाया मैंने उनको कनान प्रदेश देने का वचन दिया। वे उस प्रदेश में रहते थे, किन्तु वह उनका अपना प्रदेश नहीं था।
उन दिनों यहूदा का परिवार इस्राएल के परिवार के साथ मिल जायेगा। वे उत्तर में एक देश से एक साथ आएंगे। वे उस देश में आएंगे जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था।”
“हर एक परिवार समूह को भूमि दी जाएगी। यह वही प्रदेश है जिसके लिए मैंने वचन दिया था। हर एक परिवार समूह उन लोगों के लिये पर्याप्त भूमि प्राप्त करेंगे जिन्हें गिना गया।
‘मिस्र से आने वाले लोगों और बीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस प्रदेश को नहीं देख पाएगा। मैंने इब्राहीम, इसहाक और याकूब को यह वचन दिया था। मैंने यह प्रदेश इन व्यक्तियों को देने का वचन दिया था। किन्तु इन्होंने मेरा अनुसरण पूरी तरह नहीं किया। इसलिए वे इस प्रदेश को नहीं पाएंगे।
परमेश्वर ने यहाँ उसे उत्तराधिकार में कुछ नहीं दिया, डग भर धरती तक नहीं। यद्यपि उसके कोई संतान नहीं थी किन्तु परमेश्वर ने उससे प्रतिज्ञा की कि यह देश वह उसे और उसके वंशजों को उनकी सम्पत्ति के रूप में देगा।
अर्थात यह नहीं है कि प्राकृतिक तौर पर शरीर से पैदा होने वाले बच्चे परमेश्वर के वंशज है, बल्कि परमेश्वर के वचन से प्रेरित होने वाले उसके वंशज माने जाते हैं।
वैसे ही इब्राहीम और उसके भावी वंशज के साथ की गयी प्रतिज्ञा के संदर्भ में भी है। (देखो, शास्त्र यह नहीं कहता, “और उसके वंशजों को” यदि ऐसा होता तो बहुतों की ओर संकेत होता किन्तु शास्त्र में एक वचन का प्रयोग है। शास्त्र कहता है, “और तेरे वंशज को” जो मसीह है।)
देखो, मैंने यह सारा देश तुम्हें दिया है। अन्दर जाओ, और स्वयं उस पर अधिकार करो। यह वही देश है जिसे देने का वचन मैंने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को दिया था। मैंने यह प्रदेश उन्हें तथा उनके वंशजों को देने का वजन दिया था।’”
तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए और उसकी आज्ञा माननी चाहिए। उससे कभी विमुख न हो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा जीवन है, और यहोवा तुम्हें उस देश में लम्बा जीवन देगा जिसे उसने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”
यहोवा ने मूसा से कहा, “यह वह देश है जिसे मैंने इब्राहिम, इसहाक, और याकूब को वचन दिया था कि, ‘मैं इस देश को तुम्हारे वंशजों को दूँगा।’ मैंने तुम्हें इस देश को दिखाया। किन्तु तुम वहाँ जा नहीं सकते।”
“यहोवा तुम्हरा परमेश्वर तुम्हें उस देश में ले जाएगा जिसके लिए उसने तुम्हारे पूर्वजों—इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था। तब वह तुम्हें बड़े और सम्पन्न नगर देगा जिनहें तुमने नहीं बनाया।
तुम उनका देश लेने के लिए जा रहे हो, किन्तु इसलिए नहीं कि तुम अच्छे हो और उचित ढंग से रहते थे। तुम उस देश में जा रहे हो और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर चाहता है कि जो वचन उसने तुम्हारे पूर्वजों—इब्राहीम, इसहाक और याकूब को दिया वह पूरा हो।
विश्वास को अपने मन में लिए हुए ये लोग मर गए। जिन वस्तुओं की प्रतिज्ञा दी गयी थी, उन्होंने वे वस्तुएँ नहीं पायीं। उन्होंने बस उन्हें दूर से ही देखा और उनका स्वागत किया तथा उन्होंने यह मान लिया कि वे इस धरती पर परदेसी और अनजाने हैं।
विश्वास के कारण ही, जब इब्राहीम को ऐसे स्थान पर जाने के लिए बुलाया गया था, जिसे बाद में उत्तराधिकार के रूप में उसे पाना था, यद्यपि वह यह जानता तक नहीं था कि वह कहाँ जा रहा है, फिर भी उसने आज्ञा मानी और वह चला गया।
“यहोशू, तुम्हें दृढ़ और साहसी होना चाहिये! तुम्हें इन लोगों का अगुवा होना चाहिये जिससे वे अपना देश ले सकें। यह वही देश है जिसे मैंने उन्हें देने के लिये उनके पूर्वजों को वचन दिया था।
रूबेन, गाद और मनश्शे के लोगों ने गोत्र नामक स्थान की यात्रा की। यह यरदन नदी के किनारे कनान प्रदेश में था। उस स्थान पर लोगों ने एक सुन्दर वेदी बनाई।
तब यहोशू ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के लिए एक वेदी बनाई। उसने यह वेदी एबाल पर्वत पर बनायी।
इसलिए गिदोन ने यहोवा की उपासना के लिए उस स्थान पर एक वेदी बनाई। गिदोन ने उस वेदी का नाम “यहोवा शान्ति है” रखा। वह वेदी अब तक ओप्रा में खड़ी है। ओप्रा वहीं है जहाँ एजेरी लोग रहते हैं।
किन्तु शमूएल का घर रामा में था। इसलिए शमूएल सदा रामा को लौट जाता था। शमूएल ने उसी नगर से इस्राएल का न्याय और शासन किया और शमूएल ने रामा में यहोवा के लिये एक वेदी बनाई।