चाहे उन्होंने बना लिया सोने का बछड़ा और कहा, ‘बछड़ा अब देव है तुम्हारा’ इसी ने निकाला था, तुम्हें मिस्र से बाहर किन्तु उन्हें तूने त्यागा नहीं!
आमोस 5:25 - पवित्र बाइबल इस्राएल, तुमने चालीस वर्ष तक मरूभूमि में मुझे बलि और भेंट चढ़ाई। Hindi Holy Bible हे इस्राएल के घराने, तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि क्या मुझी को चढ़ाते रहे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ इस्राएल के वंशजो! क्या तुम्हारे पूर्वजों ने चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में पशु-बलि और अन्न-बलि चढ़ाई थी? कदापि नहीं! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे इस्राएल के घराने, तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि क्या मुझी को चढ़ाते रहे? सरल हिन्दी बाइबल “हे इस्राएल के वंशजों, निर्जन प्रदेश में चालीस साल तक क्या तुमने मुझे बलिदान और भेंट चढ़ाया? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे इस्राएल के घराने, तुम जंगल में चालीस वर्ष तक पशुबलि और अन्नबलि क्या मुझी को चढ़ाते रहे? |
चाहे उन्होंने बना लिया सोने का बछड़ा और कहा, ‘बछड़ा अब देव है तुम्हारा’ इसी ने निकाला था, तुम्हें मिस्र से बाहर किन्तु उन्हें तूने त्यागा नहीं!
तूने रखा उनका ध्यान चालीस वरसों तक मरुस्थल में। उन्हें मिली हर वस्तु जिसकी उनको दरकार थी। वस्त्र उनके फटे तक नहीं पैरों में उनके कभी नहीं आई सूजन कभी किसी पीड़ा में।
“‘इस्राएल के लोगों ने मेरे नियमों का पालन करने से इन्कार किया। उन्होंने मेरे नियमों का अनुसरण नहीं किया। उन्होंने मेरे विश्राम के दिनों को ऐसे लिया मानो वे महत्व नहीं रखते। उन्होंने ये सभी काम इसलिये किये कि उनका हृदय उन गन्दी देवमूर्तियों का हो चुका था।
“‘इस्राएल के लोगों ने मेरे आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने मेरे नियमों को मानने से इन्कार कर दिया। उन्होंने मेरे विशेष विश्राम के दिनों को ऐसे लिया मानो वे महत्व न रखते हों। उन्होंने अपने पूर्वजों की गन्दी देवमूर्तियों को पूजा।
किन्तु वे मेरे विरुद्ध हो गये और उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने अपनी भयंकर देवमूर्तियों को नहीं फेंका। उन्होंने अपनी गन्दी देवमूर्तियों को मिस्र में नहीं छोड़ा। इसलिये मैंने (परमेश्वर ने) उन्हें मिस्र में नष्ट करने का निर्णय किया अर्थात् अपने क्रोध की पूरी शक्ति का अनुभव कराना चाहा।
उन्हें आगे अब कोई भी भेंट ‘बकरे की मूर्तियों’ को नहीं चढ़ानी चाहिए। ये लोग उन अन्य देवताओं के पीछे लग चुके हैं। इस प्रकार उन्होंने वेश्याओं जैसा काम किया है। ये नियम सदैव ही रहेंगे!
“याजकों और इस देश के अन्य लोगों से यह कहो: जो उपवास और शोक पिछले सत्तर वर्ष से वर्ष के पाँचवें और सातवें महीने में तुम करते आ रहे हो, क्या वह उपवास, सच ही, मेरे लिये थानहीं!
तब यहोशू ने लोगों से कहा, “अब तुम लोगों ने यहोवा का कथन सुन लिया है। इसलिये तुम्हें यहोवा का सम्मान करना चाहिए और उसकी सच्ची सेवा करनी चाहिए। उन असत्य देवताओं को फेंक दो जिन्हें तुम्हारे पूर्वज पूजते थे। यह सब कुछ बहुत समय पहले फरात नदी की दूसरी ओर, मिस्र में भी हुआ था। अब तुम्हें यहोवा की सेवा करनी चाहिये।