वह वस्तु सत्य है, तू इसको किसी भी मोल पर खरीद ले। ऐसे ही विवेक, अनुशासन और समझ भी प्राप्त कर; तू इनको कभी भी किसी मोल पर मत बेच।
2 तीमुथियुस 1:13 - पवित्र बाइबल उस उत्तम शिक्षा को जिसे तूने मुझसे यीशु मसीह में प्राप्त होने वाले विश्वास और प्रेम के साथ सुना है तू जो सिखाता है उसका आदर्श वही उत्तम शिक्षा है। Hindi Holy Bible जो खरी बातें तू ने मुझ से सुनी हैं उन को उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो हितकारी उपदेश तुम को मुझ से मिला, उसे अपना मापदण्ड मान लो और येशु मसीह की संगति के विश्वास तथा प्रेम में दृढ़ बने रहो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो खरी बातें तू ने मुझ से सुनी हैं उनको उस विश्वास और प्रेम के साथ, जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख। नवीन हिंदी बाइबल जो खरे वचन तूने मुझसे सुने हैं उन्हें उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाए रख। सरल हिन्दी बाइबल जो सच्ची शिक्षा तुमने मुझसे प्राप्त की है, उसे उस विश्वास और प्रेम में, जो मसीह येशु में बसा है, अपना आदर्श बनाए रखो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो खरी बातें तूने मुझसे सुनी हैं उनको उस विश्वास और प्रेम के साथ जो मसीह यीशु में है, अपना आदर्श बनाकर रख। |
वह वस्तु सत्य है, तू इसको किसी भी मोल पर खरीद ले। ऐसे ही विवेक, अनुशासन और समझ भी प्राप्त कर; तू इनको कभी भी किसी मोल पर मत बेच।
बुद्धि उनके लिये जीवन वृक्ष है जो इसे अपनाते हैं, वे सदा धन्य रहेंगे जो दृढ़ता से बुद्धि को थामे रहते हैं!
अबोध लोगों को सिखाने वाला है, बच्चों का उपदेशक है क्योंकि व्यवस्था में तुझे साक्षात् ज्ञान और सत्य ठोस रूप में प्राप्त है,
किन्तु प्रभु का धन्यवाद है कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, तुमने अपने मन से उन उपदेशों की रीति को माना जो तुम्हें सौंपे गये थे।
किन्तु हर प्रकार से ऐसा करो कि तुम्हारा आचरण मसीह के सुसमाचार के अनुकूल रहे। जिससे चाहे मैं तुम्हारे पास आकर तुम्हें देखूँ और चाहे तुमसे दूर रहूँ, तुम्हारे बारे में यही सुनूँ कि तुम एक ही आत्मा में दृढ़ता के साथ स्थिर हो और सुसमाचार से उत्पन्न विश्वास के लिए एक जुट होकर संघर्ष कर रहे हो।
जिसे तुमने मुझसे सीखा है, पाया है या सुना है या जिसे करते मुझे देखा है। उन बातों का अभ्यास करते रहो। शांति का स्रोत परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।
क्योंकि हमने मसीह यीशु में तुम्हारे विश्वास तथा सभी संत जनों के प्रति तुम्हारे प्रेम के बारे में सुना है।
व्यभिचारियों, समलिंग कामुको, शोषण कर्ताओं, मिथ्या वादियों, कसम तोड़ने वालों या ऐसे ही अन्य कामों के लिए हैं, जो उत्तम शिक्षा के विरोध में हैं।
और प्रभु का अनुग्रह मुझे बहुतायत से मिला और साथ ही वह विश्वास और प्रेम भी जो मसीह यीशु में है।
यदि कोई इनसे भिन्न बातें सिखाता है तथा हमारे प्रभु यीशु मसीह के उन सद्वचनों को नहीं मानता है तथा भक्ति से परिपूर्ण शिक्षा से सहमत नहीं है
पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है और जिसे यीशु मसीह में जीवन पाने की प्रतिज्ञा का प्रचार करने के लिए भेजा गया है:
हमारे भीतर निवास करने वाली पवित्र आत्मा के द्वारा तू उस बहुमूल्य धरोहर की रखवाली कर जिसे तुझे सौंपा गया है।
बहुत से लोगों की साक्षी में मुझसे तूने जो कुछ सुना है, उसे उन विश्वास करने योग्य व्यक्तियों को सौंप दे जो दूसरों को भी शिक्षा देने में समर्थ हों।
किन्तु तुमने जिन बातों को सीखा और माना है, उन्हें करते जाओ। तुम जानते हो कि उन बातों को तुमने किनसे सीखा है।
मैं यह इसलिए बता रहा हूँ कि एक समय ऐसा आयेगा जब लोग उत्तम उपदेश को सुनना तक नहीं चाहेंगे। वे अपनी इच्छाओं के अनुकूल अपने लिए बहुत से गुरु इकट्ठे कर लेंगे, जो वही सुनाएँगे जो वे सुनना चाहते हैं।
उसे उस विश्वास करने योग्य संदेश को दृढ़ता से धारण किये रहना चाहिए जिसकी उसे शिक्षा दी गयी है, ताकि वह लोगों को सद्शिक्षा देकर उन्हें प्रबोधित कर सके। तथा जो इसके विरोधी हों, उनका खण्डन कर सके।
ऐसी सद्वाणी का प्रयोग करो, जिसकी आलोचना न की जा सके ताकि तेरे विरोधी लज्जित हों क्योंकि उनके पास तेरे विरोध में बुरा कहने को कुछ नहीं होगा।
तो आओ जिस आशा को हमने अंगीकार किया है, हम अडिग भाव से उस पर डटे रहें क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वासपूर्ण है।
किन्तु परमेश्वर के घराने में मसीह तो एक पुत्र के रूप में विश्वास करने योग्य है और यदि हम अपने साहस और उस आशा में विश्वास को बनाये रखते हैं तो हम ही उसका घराना हैं।
इसलिए क्योंकि परमेश्वर का पुत्र यीशु एक ऐसा महान् महायाजक है, जो स्वर्गों में से होकर गया है तो हमें अपने अंगीकृत एवं घोषित विश्वास को दृढ़ता के साथ थामे रखना चाहिए।
प्रिय मित्रो, यद्यपि मैं बहुत चाहता था कि तुम्हें उस उद्धार के विषय में लिखूँ, जिसके हम भागीदार हैं। मैंने तुम्हें लिखने की और तुम्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता अनुभव की ताकि तुम उस विश्वास के लिए संघर्ष करते रहो जिसे परमेश्वर ने संत जनों को सदा-सदा के लिए दे दिया है।
“मैं बहुत जल्दी आ रहा हूँ। जो कुछ तुम्हारे पास है, उस पर डटे रहो ताकि तुम्हारे विजय मुकुट को कोई तुमसे न ले ले।
सो जिस उपदेश को तूने सुना है और प्राप्त किया है, उसे याद कर। उसी पर चल और मनफिराव कर। यदि तू जागा नहीं तो अचानक चोर के समान मैं चला आऊँगा। मैं तुझे कब अचरज में डाल दूँ, तुझे पता भी नहीं चल पाएगा।