इसलिए मैं विनती करता हूँ कि जो भेंट मैं देता हूँ उसे भी स्वीकार करो। परमेश्वर मेरे ऊपर बहुत कृपालु रहा है। मेरे पास अपनी आवश्यकता से अधिक है।” इस प्रकार याकूब ने एसाव से भेंट स्वीकार करने को विनती की। इसलिए एसाव ने भेंट स्वीकार की।
1 शमूएल 30:26 - पवित्र बाइबल दाऊद सिकलग में आया। तब उसने उन चीजों में से, जो अमालेकियों से ली थीं, कुछ को अपने मित्रों यहूदा नगर के प्रमुखों के लिये भेजा। दाऊद ने कहा, “ये भेटें आप लोगों के लिये उन चीज़ों में से हैं जिन्हें हम लोगों ने यहोवा के शत्रुओं से प्राप्त कीं।” Hindi Holy Bible सिकलग में पहुंचकर दाऊद ने यहूदी पुरनियों के पास जो उसके मित्र थे लूट के माल में से कुछ कुछ भेजा, और यह कहलाया, कि यहोवा के शत्रुओं से ली हुई लूट में से तुम्हारे लिये यह भेंट है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब दाऊद सिक्लग में आया तब उसने यहूदा प्रदेश के धर्मवृद्धों को, अपने मित्रों को लूट का कुछ माल भेजा। उसने यह सन्देश भेजा, ‘यह आपके लिए उपहार है। यह प्रभु के शत्रुओं से लूटे गए माल में से आपका हिस्सा है।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सिकलग में पहुँचकर दाऊद ने यहूदी पुरनियों के पास जो उसके मित्र थे लूट के माल में से कुछ कुछ भेजा, और यह संदेश भेजा, “यहोवा के शत्रुओं से ली हुई लूट में से तुम्हारे लिये यह भेंट है।” सरल हिन्दी बाइबल जब दावीद ज़िकलाग पहुंचे, उन्होंने लूट की सामग्री में से एक अंश यहूदिया के पुरनियों को भेज दिया, जो उनके मित्र भी थे. उसके साथ उन्होंने उन्हें यह संदेश भेजा, “याहवेह के शत्रुओं से लूट की सामग्री में से यह आपके लिए उपहार है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सिकलग में पहुँचकर दाऊद ने यहूदी पुरनियों के पास जो उसके मित्र थे लूट के माल में से कुछ कुछ भेजा, और यह सन्देश भेजा, “यहोवा के शत्रुओं से ली हुई लूट में से तुम्हारे लिये यह भेंट है।” |
इसलिए मैं विनती करता हूँ कि जो भेंट मैं देता हूँ उसे भी स्वीकार करो। परमेश्वर मेरे ऊपर बहुत कृपालु रहा है। मेरे पास अपनी आवश्यकता से अधिक है।” इस प्रकार याकूब ने एसाव से भेंट स्वीकार करने को विनती की। इसलिए एसाव ने भेंट स्वीकार की।
अमालेकियों को पराजित करने के बाद दाऊद सिकलग लौटा और वहाँ दो दिन ठहरा। यह शाऊल की मृत्यु के बाद हुआ।
नामान और उसका सारा समूह परमेश्वर के जन (एलीशा) के पास आया। वह एलीशा के सामने खड़ा हुआ और उससे कहा, “देखिये, अब मैं समझता हूँ कि इस्राएल के अतिरिक्त पृथ्वी पर कहीं परमेश्वर नहीं है! अब कृपया मेरी भेंट स्वीकार करें!”
कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे! वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”
वह ऊँचे पर चढ़ गया। उसने बंदियों कि अगुवाई की; उसने मनुष्यों से यहाँ तक कि अपने विरोधियों से भी भेंटे ली। यहोवा परमेश्वर वाहाँ रहने गया।
किन्तु एक अच्छा मुखिया अच्छे काम करने की योजना बनाता है और उसकी वे अच्छी बातें ही उसे एक अच्छा नेता बनाती हैं।
इसलिए मैंने भाईयों से यह कहना आवश्यक समझा कि वे हमसे पहले ही तुम्हारे पास जायें और जिन उपहारों को देने का तुम पहले ही वचन दे चुके हो उन्हें पहले ही से उदारतापूर्वक तैयार रखें। इसलिए यह दान स्वेच्छापूर्वक तैयार रखा जाये न कि दबाव के साथ तुमसे छीनी गयी किसी वस्तु के रूप में।
शाऊल दाऊद को मार डालना चाहता था। शाऊल ने दाऊद को धोखा देने का एक उपाय सोचा। शाऊल ने दाऊद से कहा, “यह मेरी सबसे बड़ी पुत्री मेरब है। मैं तुम्हें इससे विवाह करने दूँगा। तब तुम शक्तिशाली योद्धा हो जाओगे। तुम हमारे पुत्र के समान होओगे। तब तुम जाना और यहोवा के युद्धों को लड़ना।” यह एक चाल थी। शाऊल सचमुच अब यह सोच रहा थ, “इस प्रकार दाऊद को मुझे मारना नहीं पड़ेगा। मैं पलिश्तियों से उसे अपने लिए मरवा दूँगा!”
अब, मैं आपको यह भेंट लाई हूँ। कृपया इन चीज़ों को उन लोगों को दें जो आपका अनुसरण करते हैं।
अपराध करने के लिये मुझे क्षमा करें। मैं जानती हूँ कि यहोवा आपके परिवार को शक्तिशाली बनायेगा, आपके परिवार से अनेक राजा होंगे। यहोवा यह करेगा क्योंकि आप उसके लिये युद्ध लड़ते हैं। लोग तब आप में कभी बुराई नहीं पाएंगे जब तक आप जीवित रहेंगे।
दाऊद ने सारी भेड़ें और पशु ले लिये। दाऊद के व्यक्तियों ने इन जानवरों को आगे चलाया। दाऊद के लोगो ने कहा, “ये दाऊद के पुरस्कार हैं।”
दाऊद ने इसे इस्राएल के लिये आदेश और नियम बना दिया। यह नियम अब तक लागू है और चला आ रहा है।