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1 राजाओं 9:1 - पवित्र बाइबल

इस प्रकार सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर और अपने महल का बनाना पूरा किया। सुलैमान ने उन सभी को बनाया जिनका निर्माण वह करना चाहता था।

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Hindi Holy Bible

जब सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उसने करना चाहा था, उसे कर चुका,

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जब सुलेमान प्रभु का भवन, राजमहल तथा वे भवन, जिनको वह बनाना चाहता था, बना सुका,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उसने करना चाहा था, उसे कर चुका,

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सरल हिन्दी बाइबल

जब शलोमोन ने याहवेह के भवन, राजमहल और जो कुछ भी करने की योजना बनाई थी, और उसे पूरा कर चुके,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब सुलैमान यहोवा के भवन और राजभवन को बना चुका, और जो कुछ उसने करना चाहा था, उसे कर चुका,

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1 राजाओं 9:1
18 क्रॉस रेफरेंस  

सुलैमान ने मिस्र के राजा फ़िरौन की पुत्री के साथ विवाह करके उसके साथ सन्धि की। सुलैमान उसे दाऊद नगर को ले आया। इस समय अभी भी सुलैमान अपना महल तथा यहोवा का मन्दिर बनवा रहा था। सुलैमान यरूशलेम की चहारदीवारी भी बनवा रहा था।


उन्होंने वर्ष के दूसरे महीने जिब माह में मन्दिर का निर्माण आरम्भ किया। इस्राएल के लोगों पर सुलैमान के शासन के चौथे वर्ष में यह हुआ।


राजा सुलैमान ने अपने लिये एक महल भी बनवाया। सुलैमान के महल के निर्माण को पूरा करने में तेरह वर्ष लगे।


उसने उस इमारत को भी बनाया जिसे, “लबानोन का वन” कहा जाता है। यह डेढ़ सौ फुट लम्बा, पचहत्तर फुट चौड़ा, और पैंतालीस फुट ऊँचा था। इसमें देवदारू के स्तम्भों की चार पंक्तियाँ थीं। हर एक पंक्ति के सिरे पर एक देवदारु का शीर्ष था।


इस प्रकार सुलैमान ने, यहोवा के मन्दिर के लिये जो काम वह करना चाहता था, पूरा किया। तब सुलैमान ने वे सभी चीज़ें लीं जिन्हें उसके पिता दाऊद ने इस उद्देश के लिये सुरक्षित रखी थीं। वह इन चीज़ों को मन्दिर में लाया। उसने चाँदी और सोना यहोवा के मन्दिर के कोषागारों में रखा।


अगले दिन सुलैमान ने लोगों से घर जाने को कहा। सभी लोगों ने राजा को धन्यवाद दिया, विदा ली और वे घर चले गये। वे प्रसन्न थे क्योंकि यहोवा ने अपने सेवक दाऊद के लिये और इस्राएल के लोगों के लिये बहुत सारी अच्छी चीज़ें की थीं।


यहोवा का मन्दिर और अपना महल बनाने में सुलैमान को बीस वर्ष लगे


और बीस वर्ष के बाद राजा सुलैमान ने सोर के राजा हीराम को गलील में बीस नगर दिये। सुलैमान ने राजा हीराम को वे नगर दिये क्योंकि हीराम ने मन्दिर और महल बनाने में सुलैमान की सहायता की। हीराम ने सुलैमान को उतने सारे देवदारु और चीड़ के वृक्ष तथा सोना दिया। जितना उसने चाहा।


राजा सुलैमान ने वे नगर भी बनाये जहाँ वह अन्य और चीज़ों का भण्डार बना सकता था और उसने अपने रथों और घोड़ों के लिये भी स्थान बनाये। सुलैमान ने अन्य बहुत सी चीज़ें भी बनाईं जिन्हें वह यरूशलेम, लबानोन और अपने शासित अन्य सभी स्थानों में चाहता था।


जब सुलैमान ने प्रार्थना पूरी की तो आकाश से आग उतरी और उसने होमबलि और बलियों को जलाया। यहोवा के तेज ने मन्दिर को भर दिया।


सुलैमान ने यहोवा का मन्दिर और राजमहल को पूरा कर लिया। सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर और अपने आवास में जो कुछ करने की योजना बनाई थी उसमें उसे सफलता मिली।


यहोवा के मन्दिर को बनाने और अपना महल बनाने में सुलैमान को बीस वर्ष लगे।


सुलैमान ने बालात नगर को फिर बनाया और अन्य नगरों को भी जहाँ उसने चीजों का संग्रह किया। उसने सभी नगरों को बनाया जहाँ रथ रखे गए थे तथा जहाँ सभी नगरों में घुड़सवार रहते थे। सुलैमान ने यरूशलेम, लेबानोन और उन सभी देशों में जहाँ वह राजा था, जो चाहा बनाया।


मेरी आँखों ने जो कुछ देखा और चाहा उसे मैंने प्राप्त किया। मैं जो कुछ करता, मेरा मन सदा उससे प्रसन्न रहा करता और यह प्रसन्नता मेरे कठिन परिश्रम का प्रतिफल थीं।


फिर मैंने बड़े—बड़े काम करने शुरू किये। मैंने अपने लिये भवन बनवाएँ और अँगूर के बाग लगवाए।


वे वस्तुएँ जो तुम्हारे पास है, उनमें सन्तोष करना अच्छा है बजाय इसके कि और लगन लगी रहे। सदा अधिक की कामना करते रहना निरर्थक है। यह वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ने का प्रयत्न करना।