परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र कुछ भी नहीं हैं। परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र बिल्कुल मूल्यहीन हैं।
1 कुरिन्थियों 10:19 - पवित्र बाइबल इस बात को मेरे कहने का प्रयोजन क्या है? क्या मैं यह कहना चाहता हूँ कि मूर्तियों पर चढ़ाया गया भोजन कुछ है या कि मूर्ति कुछ भी नहीं है। Hindi Holy Bible फिर मैं क्या कहता हूं क्या यह कि मूरत का बलिदान कुछ है, या मूरत कुछ है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं यह नहीं कहता कि मूर्ति को चढ़ाये हुए मांस की कोई विशेषता है अथवा यह कि मूर्ति का कुछ महत्व है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर मैं क्या कहता हूँ? क्या यह कि मूर्ति पर चढ़ाया गया बलिदान कुछ है, या मूर्ति कुछ है? नवीन हिंदी बाइबल मेरे कहने का अर्थ क्या है? क्या मूर्ति को चढ़ाया हुआ बलिदान कुछ है? क्या मूर्ति कुछ है? सरल हिन्दी बाइबल क्या है मेरे कहने का मतलब? क्या मूर्ति को चढ़ाई हुई वस्तु का कोई महत्व है या उस मूर्ति का कोई महत्व है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर मैं क्या कहता हूँ? क्या यह कि मूर्ति का बलिदान कुछ है, या मूरत कुछ है? |
परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र कुछ भी नहीं हैं। परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र बिल्कुल मूल्यहीन हैं।
तुम देख सकते हो और सुन सकते हो कि इस पौलुस ने न केवल इफिसुस में बल्कि लगभग एशिया के समूचे क्षेत्र में लोगों को बहका फुसला कर बदल दिया है। वह कहता है कि मनुष्य के हाथों के बनाये देवता सच्चे देवता नहीं है।
परमेश्वर ने संसार में उन्हीं को चुना जो नीच थे, जिनसे घृणा की जाती थी और जो कुछ भी नहीं है। परमेश्वर ने इन्हें चुना ताकि संसार जिसे कुछ समझता है, उसे वह नष्ट कर सके।
यदि मुझमें परमेश्वर की ओर से बोलने की शक्ति हो और मैं परमेश्वर के सभी रहस्यों को जानता होऊँ तथा समूचा दिव्य ज्ञान भी मेरे पास हो और इतना विश्वास भी मुझमें हो कि पहाड़ों को अपने स्थान से सरका सकूँ, किन्तु मुझमें प्रेम न हो
इस प्रकार न तो वह जिसने बोया, बड़ा है, और न ही वह जिसने उसे सींचा। बल्कि बड़ा तो परमेश्वर है जिसने उसकी बढ़वार की।
सो मूर्तियों पर चढ़ाये गये भोजन के बारे में हम जानते हैं कि इस संसार में वास्तविक प्रतिमा कहीं नहीं है। और यह कि परमेश्वर केवल एक ही है।
मैं मूर्खों की तरह बतियाता रहा हूँ किन्तु ऐसा करने को मुझे विवश तुमने किया। तुम्हें तो मेरी प्रशंसा करनी चाहिए थी यद्यपि वैसे तो मैं कुछ नहीं हूँ पर तुम्हारे उन “महा प्रेरितों” से मैं किसी प्रकार भी छोटा नहीं हूँ।
मूर्तियों की पूजा करके उन्होंने मुझमें ईर्ष्या उत्पन्न की वे मूर्तियाँ ईश्वर नहीं हैं। तुच्छ मूर्तियों को पूज कर उन्होंने मुझे क्रुद्ध किया है! अब मैं इस्राएल को बनाऊँगा ईर्ष्यालु। मैं उन लोगों का उपयोग करूँगा, जो गठित नहीं हुये हैं राष्ट्र में। मैं करूगाँ प्रयोग मूर्ख राष्ट्र का और लोगों से उन पर क्रोध बरसाऊँगा।