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यशायाह 41:29 - पवित्र बाइबल

29 वे सभी देवता बिल्कुल ही व्यर्थ हैं! वे कुछ नहीं कर पाते वे पूरी तरह मूल्यहीन हैं!

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Hindi Holy Bible

29 सुनो, उन सभों के काम अनर्थ हैं; उनके काम तुच्छ हैं, और उनकी ढली हुई मूर्तियां वायु और मिथ्या हैं॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

29 देखो, उनका अस्‍तित्‍व व्‍यर्थ है, उनके कार्य व्‍यर्थ हैं, उनकी ढली हुई मूर्तियाँ कोरी हवा हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

29 सुनो, उन सभों के काम अनर्थ हैं; उनके काम तुच्छ हैं, और उनकी ढली हुई मूर्तियाँ वायु और मिथ्या हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

29 यह समझ लो कि वे सभी अनर्थ हैं! व्यर्थ हैं उनके द्वारा किए गए काम; उनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां केवल वायु एवं खोखली हैं.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

29 सुनो, उन सभी के काम अनर्थ हैं; उनके काम तुच्छ हैं, और उनकी ढली हुई मूर्तियाँ वायु और मिथ्या हैं।

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यशायाह 41:29
16 क्रॉस रेफरेंस  

अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं, किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया।


लोग उन वेदियों पर विश्वास करना समाप्त कर देंगे जिनको उन्होंने स्वयं अपने हाथों से बनाया था। अशेरा देवी के जिन खम्भों और धूप जलाने की वेदियों को उन्होंने अपनी उँगलियों से बनाया था, वे उन पर भरोसा करना बंद कर देंगे।


उनकी धरती पर मूर्तियाँ भरी पड़ी हैं, लोग जिनकी पूजा करते हैं। लोगों ने ही इन मूर्तियों को बनाया है और वे ही उन की पूजा करते हैं।


अश्शूर के राजाओं ने उन देशों के देवताओं को जला डाला है किन्तु वे सच्चे देवता नहीं थे। वे तो केवल ऐसे मूर्ती थे जिन्हें लोगों ने बनाया था। वे तो कोरी लकड़ी थे, कोरे पत्थर थे। इसलिये वे समाप्त हो गये। वे नष्ट हो गये।


“देखो झूठे देवताओं, तुम बेकार से भी ज्यादा बेकार हो! तुम कुछ भी तो नहीं कर सकते। केवल बेकार के भ्रष्ट लोग ही तुम्हें पूजना चाहते हैं!”


वे लोग झूठे देवता को अपने कन्धों पर रख कर ले चलते हैं। वह झूठा देवता तो बेकार है। लोगों को उसे ढोना पड़ता है। लोग उस झूठे देवता को धरती पर स्थापित करते हैं। किन्तु वह झूठा देवता हिल—डुल भी नहीं पाता। वह झूठा देवता अपने स्थान से चल कर कहीं नहीं जाता। लोग उसके सामने चिल्लाते हैं किन्तु वह कभी उत्तर नहीं देगा। वह झूठा देवता तो बस मूर्ति है। वह लोगों को उनके कष्टों से नहीं उबार सकता।


विदेशी देवमूर्तियों में वर्षा लाने की शक्ति नहीं हैं, आकाश में पानी बरसाने की शक्ति नहीं है। केवल तू ही हमारी आशा है, एकमात्र तू ही है जिसने यह सब कुछ बनाया है।


झूठे नबी मरे प्राण हैं। परमेश्वर का सन्देश उनमें नहीं उतरा है। विपत्तियाँ उन पर आयेंगी।”


उसका यह झूठा देवता, उसकी रक्षा नहीं कर पायेगा क्योंकि वह तो बस एक ऐसी मूर्ति है जिसे किसी मनुष्य ने धातु से मढ़ दिया है। वह मात्र एक मूर्ति है। इसलिये जो व्यक्ति स्वयं उसका निर्माता करता है, उससे सहायता की अपेक्षा नहीं कर सकता। वह मूर्ति तो बोल तक नहीं सकता!


ये जादुगर अपनी छोटी मूर्तियों और जादू का उपयोग भविष्य की घटनाओं को जानने के लिए करते हैं, किन्तु यह सब व्यर्थ है। वे लोग दर्शन करते हैं और अपने स्वपनों के बारे में कुछ कहते हैं, किन्तु यह सब व्यर्थ झुठ के अलावा कुछ नहीं हैं। अत: लोग भेङों की तरह इधर —उधर सहायता के लिये पुकारते हुए भटक रहे हैं। किन्तु उनको रास्ता दिखाने वाला कोई गङेरया नहीं।


पाँचों गुप्तचर घर में गए। उन्होंने खुदाई वाली मूर्ति, एपोद, घरेलू मूर्तियों और ढाली गई मूर्ति को लिया। जब वे ऐसा कर रहे थे तब लेवीवंशी युवक याजक और युद्ध के लिये तैयार छः सौ व्यक्ति फाटक के द्वार के साथ खड़े थे। लेवीवंशी युवक याजक ने उनसे पूछा, “तुम क्या कर रहे हो?”


देवमूर्तियाँ मात्र मूर्तियाँ हैं, वे तुम्हारी सहायता नहीं करेंगी। इसलिए उनकी पूजा मत करो। देवमूर्तियाँ न तुम्हारी सहयता कर सकती हैं, न ही रक्षा कर सकती हैं। वे कुछ भी नहीं हैं!


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