दाऊद ने पवित्र सन्दूक के लिये एक तम्बू लगाया। इस्राएलियों ने यहोवा के सन्दूक को तम्बू में उसकी जगह पर रखा। तब दाऊद ने होमबलि और मेलबलि यहोवा को चढ़ाई।
1 इतिहास 6:31 - पवित्र बाइबल ये वे लोग हैं जिन्हें दाऊद ने यहोवा के भवन के तम्बू में साक्षीपत्र के सन्दूक रखे जाने के बाद संगीत के प्रबन्ध के लिये चुना। Hindi Holy Bible फिर जिन को दाऊद ने सन्दूक के ठिकाना पाने के बाद यहोवा के भवन में गाने के अधिकारी ठहरा दिया वे ये हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब मंजूषा प्रभु के भवन में प्रतिष्ठित हो गई, तब राजा दाऊद ने भजन गाने के लिए ये गायक नियुक्त किए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जिनको दाऊद ने सन्दूक के भवन में रखे जाने के बाद, यहोवा के भवन में गाने का अधिकारी ठहरा दिया वे ये हैं। सरल हिन्दी बाइबल निम्न लिखित पुरुष वे हैं, जिन्हें दावीद ने याहवेह के भवन में संदूक की स्थापना के बाद आराधना में गाने की जवाबदारी सौंप रखी थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जिनको दाऊद ने सन्दूक के भवन में रखे जाने के बाद, यहोवा के भवन में गाने का अधिकारी ठहरा दिया वे ये हैं। |
दाऊद ने पवित्र सन्दूक के लिये एक तम्बू लगाया। इस्राएलियों ने यहोवा के सन्दूक को तम्बू में उसकी जगह पर रखा। तब दाऊद ने होमबलि और मेलबलि यहोवा को चढ़ाई।
वे पवित्र तम्बू और तम्बू में की सभी चीज़ों सहित यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले आए। लेवीवंशियों ने याजकों की साहायता इन चीज़ों को ले चलने में की।
दाऊद ने दाऊद नगर में अपने लिये महल बनवाया। तब उसने साक्षीपत्र के सन्दूक के लिये एक स्थान बनाया। उसने इसके लिये एक तम्बू डाला।
दाऊद, इस्राएल के अग्रज (प्रमुख) और सेनापति साक्षीपत्र के सन्दूक को लेने गए। वे उसे ओबेदेदोम के घर से बाहर लाए। हर एक बहुत प्रसन्न था।
सभी लेवीवंशी जो साक्षीपत्र के सन्दूक को लेकर चल रहे थे, उत्तम सन के चोगे पहने थे। गायन का प्रबन्धक कनन्याह और सभी गायक उत्तन सन के चोगे पहने थे और दाऊद भी उत्तम सन का बना एपोद पहने था।
ये व्यक्ति पवित्र तम्बू पर गाकर सेवा करते थे। पवित्र तम्बू को मिलाप वाला तम्बू भी कहते हैं और इन लोगों ने तब तक सेवा की जब तक सुलैमान ने यरूशलेम में यहोवा का मन्दिर नहीं बनाया। उन्होंने अपने काम के लिये दिये गए नियमों का अनुसरण करते हुए सेवा की।
वे लेवी वंशी जो गायक थे और अपने परिवारों के प्रमुख थे, मन्दिर के कमरों में ठहरते थे। उन्हें अन्य काम नहीं करने पड़ते थे क्योंकि वे मन्दिर में दिन रात काम के लिये उत्तरदायी थे।
कारीगरों ने यहोवा के मन्दिर की नींव डालनी पूरी कर दी। जब नींव पड़ गई तब याजकों ने अपने विशेष वस्त्र पहने। तब उन्होंने अपनी तुरही ली और आसाप के पुत्रों ने अपने झाँझों को लिया। उन्होंने यहोवा की स्तुति के लिये अपने अपने स्थान ले लिये। यह उसी तरह किया गया जिस तरह करने के लिये भूतकाल में इस्राएल के राजा दाऊद ने आदेश दिया था।
यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा। मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
भीतरी आँगन के फाटक के बाहर दो कमरे थे। एक उत्तरी फाटक के साथ था। इसका सामना दक्षिण को था। दूसरा कमरा दक्षिण फाटक के साथ था। इसका सामना उत्तर को था।