1 इतिहास 15:25 - पवित्र बाइबल25 दाऊद, इस्राएल के अग्रज (प्रमुख) और सेनापति साक्षीपत्र के सन्दूक को लेने गए। वे उसे ओबेदेदोम के घर से बाहर लाए। हर एक बहुत प्रसन्न था। अध्याय देखेंHindi Holy Bible25 और दाऊद और इस्राएलियों के पुरनिये और सहस्त्रपति सब मिल कर यहोवा की वाचा का सन्दूक ओबेदेदोम के घर से आनन्द के साथ ले आने के लिए गए। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)25 अत: दाऊद, इस्राएलियों के धर्मवृद्ध और सेनानायक ओबेद-एदोम के घर गए कि वे वहां से प्रभु की विधान-मंजूषा आनन्दपूर्वक लाएं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)25 दाऊद और इस्राएलियों के पुरनिये और सहस्रपति सब मिलकर यहोवा की वाचा का सन्दूक ओबेदेदोम के घर से आनन्द के साथ ले आने के लिये गए। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल25 इसलिये बहुत ही आनंद में भरकर दावीद, इस्राएल के पुरनिए और सहस्र पति ओबेद-एदोम के घर से याहवेह के संदूक को लाने के लिए गए. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 201925 दाऊद और इस्राएलियों के पुरनिये और सहस्त्रपति सब मिलकर यहोवा की वाचा का सन्दूक ओबेदेदोम के घर से आनन्द के साथ ले आने के लिए गए। अध्याय देखें |
“राजा तुम्हारे पुत्रों को सैनिक बनने के लिये विवश करेगा। उनमें से कुछ हजार व्यक्तियों के ऊपर अधिकारी होंगे और अन्य पचास व्यक्तियों के ऊपर अधिकारी होंगे। “राजा तुम्हारे पुत्रों में से कुछ को अपने खेत को जोतने और फसल काटने को विवश करेगा। वह तुम्हारे पुत्रों में से कुछ को अस्त्र—शस्त्र बनाने को विवश करेगा। वह उन्हें अपने रथ के लिये चीजें बनाने के लिये विवश करेगा।
उस स्थान पर जाओ जिसे यहोवा अपने विशेष निवास के रूप में चुनेगा। वहाँ तुम और तुम्हारे लोग, यहोवा अपने परमेश्वर के साथ आनन्द का समय बिताएंगे। अपने सभी लोगों, अपने पुत्रों, अपनी पुत्रियों और अपने सभी सेवकों को वहाँ ले जाओ और अपने नगर में रहने वाले लेवीवंशियों, विदेशियों, अनाथों और विधवाओं को भी साथ में ले जाओ।
तुम्हें उन भेंटों को केवल उसी स्थान पर खाना चाहिए जहाँ यहोवा तुम्हारा पमेश्वर तुम्हारे साथ हो। अर्थात् यहोवा तुम्हारा परमेश्वर जिस स्थान को चुने। तुम्हें वहीं जाना चाहिए और अपने पुत्रों, पुत्रियों, सभी सेवकों और तुम्हारे नगर में रहने वाले लेवीवंशियों के साथ मिलकर खाना चाहिए। यहोवा अपने परमेश्वर के साथ वहाँ आनन्द मनाओ। जिन चीज़ों के लिए काम किया है उनका आनन्द लो।