ऐसा कौन मनुष्य है जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? सेला।
सभोपदेशक 8:8 - नवीन हिंदी बाइबल किसी व्यक्ति का अपने प्राण पर अधिकार नहीं होता कि उसे रोके रहे, और न ही किसी के पास मृत्यु के दिन पर अधिकार होता है; युद्ध के समय किसी को अवकाश नहीं मिल सकता, और न ही बुराई करनेवालों को उनकी बुराई बचा सकती है। पवित्र बाइबल आत्मा को इस देह को छोड़कर जाने से कोई नहीं रोके रख सकता है। अपनी मृत्यु को रोक दें, ऐसी शक्ति तो किसी भी व्यक्ति में नहीं है। जब युद्ध चल रहा हो तो किसी भी सैनिक को यह स्वतंत्रता नहीं है कि वह जहाँ चाहे वहाँ चला जाये। इसी प्रकार यदि कोई व्यक्ति पाप करता है तो वह पाप उस व्यक्ति को स्वतंत्रत नहीं रहने देता। Hindi Holy Bible ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसका वश प्राण पर चले कि वह उसे निकलते समय रोक ले, और न कोई मृत्यु के दिन पर अधिकारी होता है; और न उसे लड़ाई से छृट्टी मिल सकती है, और न दुष्ट लोग अपनी दुष्टता के कारण बच सकते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसा कौन मनुष्य है जिसका वश प्राण पर चले, और वह प्राण के निकलते समय उसको रोक ले? मृत्यु के दिन पर मरनेवाले का अधिकार नहीं होता। युद्ध से छुटकारा नहीं मिलता, और न दुर्जन व्यक्ति अपनी दुर्जनता के कारण मृत्यु से बच सकता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसका वश प्राण पर चले कि वह उसे निकलते समय रोक ले, और न कोई मृत्यु के दिन पर अधिकारी होता है; और न उसे लड़ाई से छुट्टी मिल सकती है, और न दुष्ट लोग अपनी दुष्टता के कारण बच सकते हैं। सरल हिन्दी बाइबल वायु को रोकने का अधिकार किसके पास है? और मृत्यु के दिन पर अधिकार कौन रखता है? युद्ध के समय छुट्टी नहीं होती, और जो बुराई करते हैं वे इसके प्रभाव से कैसे बचेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसका वश प्राण पर चले कि वह उसे निकलते समय रोक ले, और न कोई मृत्यु के दिन पर अधिकारी होता है; और न उसे लड़ाई से छुट्टी मिल सकती है, और न दुष्ट लोग अपनी दुष्टता के कारण बच सकते हैं। |
ऐसा कौन मनुष्य है जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? सेला।
दुष्टता करने के द्वारा कोई मनुष्य स्थिर नहीं होता, परंतु धर्मियों की जड़ कभी नहीं उखड़ती।
दुष्ट मनुष्य अपने दुष्कर्मों के द्वारा नष्ट हो जाता है, परंतु धर्मी अपनी मृत्यु के समय भी शरण पाता है।
कौन जानता है कि मनुष्यों का प्राण ऊपर की ओर चढ़ता है, और पशुओं का प्राण नीचे की ओर पृथ्वी में समाता है?
परंतु दुष्ट का भला नहीं होगा और न उसके दिन छाया के समान बढ़ सकेंगे, क्योंकि वह परमेश्वर का भय नहीं मानता।
इसके अतिरिक्त, मनुष्य नहीं जानता कि उसका समय कब आएगा। जैसे मछलियाँ जाल में, और पक्षी फंदे में फँस जाते हैं, वैसे ही मनुष्य ऐसे बुरे समय में फँस जाते हैं जो उन पर अचानक आ पड़ता है।
वह अनादर के साथ बोई जाती है और महिमा के साथ जिलाई जाती है; निर्बलता के साथ बोई जाती है और सामर्थ्य के साथ जिलाई जाती है।
वास्तव में वह निर्बलता में क्रूस पर चढ़ाया तो गया, फिर भी परमेश्वर के सामर्थ्य से जीवित है। हम भी उसमें निर्बल तो हैं, परंतु परमेश्वर के उस सामर्थ्य से जो तुम्हारे लिए है, हम उसके साथ जीएँगे।