जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और आँखों के लिए लुभावना, और बुद्धि प्राप्त करने के लिए मनभावना है; तब उसने उसका फल तोड़कर खाया और अपने साथ अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।
सभोपदेशक 7:16 - नवीन हिंदी बाइबल तू न तो अधिक धर्मी बन, और न अधिक बुद्धिमान। तू क्यों अपने ही नाश का कारण बने? पवित्र बाइबल सो अपने को हलकान क्यों करते हो? न तो बहुत अधिक धर्मी बनो और न ही बुद्धिमान अन्यथा तुम्हें एसी बातें देखने को मिलेगी जो तुम्हें आघात पहुँचाएगी न तो बहुत अधिक दुष्ट बनो और न ही मूर्ख अन्यथा समय से पहले ही तुम मर जाओगे। Hindi Holy Bible अपने को बहुत धर्मी न बना, और न अपने को अधिक बुद्धिमान बना; तू क्यों अपने ही नाश का कारण हो? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: अत्यधिक धार्मिक मत बनो, और न अत्यधिक बुद्धिमान! अन्यथा तुम अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारोगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपने को बहुत धर्मी न बना, और न अपने को अधिक बुद्धिमान बना; तू क्यों अपने ही नाश का कारण हो? सरल हिन्दी बाइबल बहुत धर्मी न होना, और न ही बहुत बुद्धिमान बनना. इस प्रकार तुम अपना ही विनाश क्यों करो? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपने को बहुत धर्मी न बना, और न अपने को अधिक बुद्धिमान बना; तू क्यों अपने ही नाश का कारण हो? |
जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और आँखों के लिए लुभावना, और बुद्धि प्राप्त करने के लिए मनभावना है; तब उसने उसका फल तोड़कर खाया और अपने साथ अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।
यदि तुझे मधु मिला है तो उतना ही खा जितना तेरे लिए आवश्यक हो, ऐसा न हो कि तू अधिक खाकर उसे उगल दे।
हे मेरे पुत्र, इन्हें छोड़ अन्य शिक्षाओं से चौकस रह। अनेक पुस्तकों की रचना का अंत नहीं होता, और बहुत पढ़ना देह को थका देता है।
“हे पाखंडी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम भविष्यवक्ताओं की कब्रों को बनाते और धर्मियों के स्मारकों को सजाते हो,
वे अपने सब कार्य लोगों को दिखाने के लिए करते हैं; इसलिए वे अपने तावीज़ों को चौड़ा करते हैं और अपने वस्त्र की झालरों को बढ़ाते हैं,
तब यूहन्ना के शिष्यों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी तो बहुत उपवास करते हैं, परंतु तेरे शिष्य उपवास नहीं करते?”
मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ, और जितना मुझे मिलता है उन सब का दशमांश देता हूँ।’
मैं उनके विषय में साक्षी देता हूँ कि उनमें परमेश्वर के प्रति धुन तो है, परंतु सच्चे ज्ञान के अनुसार नहीं;
हे भाइयो, कहीं तुम अपने आपको बुद्धिमान न समझ लो, इसलिए मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो कि जब तक गैरयहूदियों की संख्या पूर्ण न हो जाए तब तक इस्राएल का एक भाग कठोर बना रहेगा।
मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझे मिला है, तुममें से प्रत्येक से कहता हूँ कि कोई अपने आपको जितना समझना चाहिए उससे बढ़कर न समझे, बल्कि जैसा परमेश्वर ने प्रत्येक जन को विश्वास के परिमाण के अनुसार दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ समझे।
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुममें से कोई इस संसार में अपने आपको बुद्धिमान समझता है तो वह मूर्ख बने कि बुद्धिमान बन जाए;
उत्साह के विषय में यदि कहो तो कलीसिया को सतानेवाला, और व्यवस्था पर आधारित धार्मिकता के विषय में कहो तो निर्दोष था।
कोई भी जो झूठी दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा में लिप्त रहता है, तुम्हें प्रतिफल से वंचित न कर दे। ऐसा व्यक्ति देखी हुई बातों पर लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है,
ये वे बातें हैं, जो मनगढ़ंत भक्ति, झूठी दीनता और शारीरिक तपस्याओं में बुद्धि का वेश धारण किए हुए तो हैं, परंतु शारीरिक लालसाओं को रोकने में इनसे कोई लाभ नहीं।
वे विवाह करने से रोकेंगे, और कुछ भोजन वस्तुओं को त्यागने की आज्ञा देंगे जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए सृजा है कि विश्वासी और सत्य को जाननेवाले धन्यवाद के साथ खाएँ।
उन्होंने अपने सिरों पर धूल डाली और चिल्लाते, रोते और विलाप करते हुए कहा: हाय! हाय! यह महानगरी, जिसके धन से समुद्र के सब जहाज़वाले धनवान हो गए थे, वह घड़ी भर में ही नष्ट हो गई।