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सभोपदेशक 6:8 - नवीन हिंदी बाइबल

बुद्धिमान व्यक्‍ति किस बात में मूर्ख से बढ़कर है? और उस दरिद्र को क्या लाभ जो यह जानता है कि लोगों के सामने कैसा व्यवहार करना चाहिए?

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पवित्र बाइबल

इस प्रकार से एक बुद्धिमान व्यक्ति भी एक मूर्ख मनुष्य से किसी प्रकार उत्तम नहीं है। ऐसे दीन—हीन मनुष्य होने का भी क्या फायदा हो सकता।

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Hindi Holy Bible

जो बुद्धिमान है वह मूर्ख से किस बात में बढ़कर है? और कंगाल जो यह जानता है कि इस जीवन में किस प्रकार से चलना चाहिये, वह भी उस से किस बात में बढ़कर है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अत: बुद्धिमान व्यक्‍ति किस बात में मूर्ख मनुष्‍य से श्रेष्‍ठ हुआ? गरीब मनुष्‍य, जो यह जानता है कि जीवन में कैसा आचरण करना चाहिए, उससे किस बात में श्रेष्‍ठ सिद्ध हुआ?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जो बुद्धिमान है वह मूर्ख से किस बात में बढ़कर है? और कंगाल जो यह जानता है कि इस जीवन में किस प्रकार से चलना चाहिए, वह भी उससे किस बात में बढ़कर है?

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सरल हिन्दी बाइबल

बुद्धिमान को निर्बुद्धि से क्या लाभ? और गरीब को यह मालूम होने से क्या लाभ कि उसे बुद्धिमानों के सामने कैसा व्यवहार करना है?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जो बुद्धिमान है वह मूर्ख से किस बात में बढ़कर है? और कंगाल जो यह जानता है कि इस जीवन में किस प्रकार से चलना चाहिये, वह भी उससे किस बात में बढ़कर है?

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सभोपदेशक 6:8
9 क्रॉस रेफरेंस  

जब अब्राम निन्यानवे वर्ष का हुआ, तो यहोवा ने उसे दर्शन देकर कहा, “मैं सर्वशक्‍तिमान ईश्‍वर हूँ। तू मेरे सम्मुख चल और सिद्ध होता जा।


मैं बुद्धिमानी से सिद्ध मार्ग पर चलूँगा। तू कब मेरे पास आएगा? मैं अपने घर में मन की खराई के साथ आचरण करूँगा।


इसलिए मैं यहोवा के सामने जीवितों के देश में चलता रहूँगा।


खराई से चलनेवाला निर्धन मनुष्य उससे अच्छा है जो कुटिल बातें करता है और मूर्ख है।


जब संपत्ति बढ़ती है तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं। अतः उसके स्वामी को इसके अतिरिक्‍त क्या लाभ होगा कि वह संपत्ति को अपनी आँखों से देखकर तृप्‍त हो?


मन के भटकने से अच्छा आँखों से देख लेना है; यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ने के समान है।


वे दोनों परमेश्‍वर की दृष्‍टि में धर्मी थे, और प्रभु की सारी आज्ञाओं और नियमों का पालन करने में निर्दोष थे।


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अहंकारी न बनें और अनिश्‍चित धन पर नहीं बल्कि परमेश्‍वर पर आशा रखें जो हमारे आनंद के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।