तब फ़िरौन ने उसके कारण अब्राम के साथ अच्छा व्यवहार किया; और उसे भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल, गधे-गधियाँ, दास-दासियाँ, और ऊँट दिए।
सभोपदेशक 5:11 - नवीन हिंदी बाइबल जब संपत्ति बढ़ती है तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं। अतः उसके स्वामी को इसके अतिरिक्त क्या लाभ होगा कि वह संपत्ति को अपनी आँखों से देखकर तृप्त हो? पवित्र बाइबल किसी व्यक्ति के पास जितना अधिक धन होगा उसे खर्च करने के लिये उसके पास उतने ही अधिक मित्र होंगे। सो उस धनी मनुष्य को वास्तव में प्राप्त कुछ नहीं होता है। वह अपने धन को बस देखता भर रह सकता है। Hindi Holy Bible जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खाने वाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आंखों से देखे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब सम्पत्ति बढ़ती है तब उसको खानेवाले भी बढ़ते हैं। अत: उसके स्वामी को उससे क्या लाभ? सिर्फ यह कि वह उसे केवल आंखों से देखे! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आँखों से देखे? सरल हिन्दी बाइबल जब अच्छी वस्तुएं बढ़ती हैं, तो वे भी बढ़ते हैं, जो उनको इस्तेमाल करते हैं. उनके स्वामी को उनसे क्या लाभ? सिवाय इसके कि वह इन्हें देखकर संतुष्ट हो सके. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब सम्पत्ति बढ़ती है, तो उसके खानेवाले भी बढ़ते हैं, तब उसके स्वामी को इसे छोड़ और क्या लाभ होता है कि उस सम्पत्ति को अपनी आँखों से देखे? |
तब फ़िरौन ने उसके कारण अब्राम के साथ अच्छा व्यवहार किया; और उसे भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल, गधे-गधियाँ, दास-दासियाँ, और ऊँट दिए।
क्या तू अपनी दृष्टि ऐसी वस्तु पर लगाएगा जो लुप्त हो जाती है? क्योंकि धन तो निश्चय ही पंख लगाकर उकाब के समान आकाश में उड़ जाता है।
हे जवान, अपनी जवानी में आनंद कर, और तेरी जवानी के दिनों में तेरा हृदय तुझे प्रसन्न रखे; अपने मन और अपनी आँखों की अभिलाषा के अनुसार चल। परंतु स्मरण रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्वर तेरा न्याय करेगा।
इस प्रकार मैं महान हो गया; और मैं उन सब से अधिक संपन्न हो गया जो मुझसे पहले यरूशलेम में हुए थे। मेरी बुद्धि भी मुझमें बनी रही।
श्रमिक चाहे थोड़ा खाए या बहुत, उसे मीठी नींद आती है; परंतु धनी को उसके धन की बहुतायत सोने नहीं देती।
क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात् शरीर की अभिलाषा, आँखों की लालसा और धन-संपत्ति का घमंड, वह सब पिता की ओर से नहीं बल्कि संसार की ओर से है।