मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ, इसलिए अपने आपको शुद्ध करके पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ। तुम पृथ्वी पर रेंगनेवाले किसी भी जंतु के द्वारा अपने आपको अशुद्ध न करना।
लैव्यव्यवस्था 20:7 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए तुम अपने आपको पवित्र करो और पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। पवित्र बाइबल “विशेष बनो। अपने को पवित्र बनाओ। क्यों? क्योंकि मैं पवित्र हूँ! मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ! Hindi Holy Bible इसलिये तुम अपने आप को पवित्र करो; और पवित्र बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए तुम अपने आपको शुद्ध करो; पवित्र बनो, क्योंकि मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर पवित्र हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये तुम अपने आप को पवित्र करो; और पवित्र बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘इसलिये तुम स्वयं को शुद्ध करो और पवित्र बनो, क्योंकि मैं याहवेह ही तुम्हारा परमेश्वर हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए तुम अपने आपको पवित्र करो; और पवित्र बने रहो; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ। (1 पत. 1:16) |
मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ, इसलिए अपने आपको शुद्ध करके पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ। तुम पृथ्वी पर रेंगनेवाले किसी भी जंतु के द्वारा अपने आपको अशुद्ध न करना।
मैं यहोवा हूँ, मैं ही तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया हूँ कि तुम्हारा परमेश्वर ठहरूँ। इसलिए तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।”
“इस्राएलियों की सारी मंडली से कह : तुम पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा पवित्र हूँ।
ताकि वह अपने लोगों के बीच अपने वंश को अपवित्र न करे; क्योंकि मैं उसका पवित्र करनेवाला यहोवा हूँ।”
परंतु अपने दोष के कारण वह न तो बीचवाले परदे के भीतर आए और न वेदी के निकट आए, ऐसा न हो कि वह मेरे पवित्रस्थानों को अपवित्र करे; क्योंकि मैं उनका पवित्र करनेवाला यहोवा हूँ।”
इसलिए तू याजक को पवित्र समझना, क्योंकि वह तेरे परमेश्वर का भोजन चढ़ाता है। वह तेरे लिए पवित्र ठहरे, क्योंकि मैं यहोवा, जो तुम्हें पवित्र करता है, पवित्र हूँ।
उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके सामने प्रेम में पवित्र और निर्दोष रहें,
अतः तुम परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, करुणा, दयालुता, दीनता, नम्रता और सहनशीलता को धारण करो।
सब के साथ मेल-मिलाप बनाए रखने और उस पवित्रता को पाने का यत्न करो, जिसके बिना कोई भी प्रभु को नहीं देख पाएगा।