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लैव्यव्यवस्था 19:5 - नवीन हिंदी बाइबल

“जब तुम यहोवा के लिए मेलबलि चढ़ाओ, तो इस रीति से चढ़ाओ कि तुम ग्रहण किए जाओ।

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पवित्र बाइबल

“जब तुम यहोवा को मेलबलि चढ़ाओ तो तुम उसे ऐसे चढ़ाओ कि तुम यहोवा द्वारा स्वीकार किए जा सको।

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Hindi Holy Bible

जब तुम यहोवा के लिये मेलबलि करो, तब ऐसा बलिदान करना जिससे मैं तुम से प्रसन्न हो जाऊं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘जब तुम सहभागिता-बलि के पशु को मेरे लिए बलि करोगे, तब उसको इस प्रकार बलि करना कि मैं तुमसे प्रसन्न हो सकूँ।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“जब तुम यहोवा के लिये मेलबलि करो, तब ऐसा बलिदान करना जिससे मैं तुम से प्रसन्न हो जाऊँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

“ ‘जब तुम याहवेह को मेल बलि भेंट करो, तो इसे इस रीति से भेंट करो कि वह स्वीकार किए जाओ.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“जब तुम यहोवा के लिये मेलबलि करो, तब ऐसा बलिदान करना जिससे मैं तुम से प्रसन्न हो जाऊँ।

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लैव्यव्यवस्था 19:5
16 क्रॉस रेफरेंस  

फिर उसने इस्राएली जवानों को भेजा, जिन्होंने यहोवा के लिए होमबलियाँ चढ़ाईं और मेलबलियों के रूप में बैलों को चढ़ाया।


“यदि उसका बलिदान गाय-बैलों में से होमबलि हो, तो वह निर्दोष नर को चढा़ए; वह उसे मिलापवाले तंबू के द्वार पर चढ़ाए कि वह यहोवा के सम्मुख ग्रहणयोग्य ठहरे।


तुम मूर्तियों की ओर न फिरना, और न अपने लिए देवताओं की प्रतिमाएँ ढालकर बनाना; मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।


उसका मांस बलिदान के दिन और अगले दिन खाया जाए, परंतु जो तीसरे दिन तक बच जाए वह आग में जला दिया जाए।


तो वे बैलों या भेड़ों या बकरियों में से निर्दोष नर हों, तब वे ग्रहणयोग्य ठहरेंगी।


जब कोई मन्‍नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छाबलि के रूप में गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से यहोवा को मेलबलि चढ़ाए, तो ग्रहणयोग्य ठहरने के लिए उसका निर्दोष होना अवश्‍य है, उसमें कोई दोष न हो।


तुम उस गाय-बैल या भेड़-बकरी को स्वेच्छाबलि के रूप में चढ़ा सकते हो जिसका कोई अंग अधिक बड़ा या छोटा हो, परंतु मन्‍नत के लिए वह ग्रहणयोग्य न होगा।


जब तुम यहोवा के लिए धन्यवाद का बलिदान चढ़ाओ, तो उसे ऐसे चढ़ाना कि तुम ग्रहणयोग्य ठहरो।


परंतु यदि उसकी भेंट का बलिदान मन्‍नत या स्वेच्छा का है, तो उसे उसी दिन खाया जाए जिस दिन उसका बलिदान चढ़ाया जाता है, और उसमें से जो बच जाए वह दूसरे दिन खाया जाए।


यदि उसके मेलबलि के मांस में से कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो उसके चढ़ानेवाले को ग्रहण नहीं किया जाएगा, और न इसे उसके हित में गिना जाएगा। यह घृणित कार्य समझा जाएगा, और जो कोई उसे खाएगा उसके अधर्म का भार उसी पर पड़ेगा।