लैव्यव्यवस्था 14:32 - नवीन हिंदी बाइबल कोढ़ के रोगी के लिए जो अपने शुद्ध ठहरने की सामग्री को लाने में असमर्थ है, यही व्यवस्था है।” पवित्र बाइबल ये भयानक चर्मरोग के ठीक होने के बाद किसी एक व्यक्ति को शुद्ध करने का नियम हैं। ये नियम उन व्याक्ति यों के लिए हैं जो शुद्ध करने के नियम हैं। ये नियम उन व्यक्तियों के लिए हैं जो शुद्ध होने के लिए सामान्य बलियों का व्यय नहीं उठा सकते। Hindi Holy Bible जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूंजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो व्यक्ति कुष्ठ-रोगी है और जिसके पास अपने शुद्धीकरण के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है, उसके लिए यह व्यवस्था है।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूंजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है।” सरल हिन्दी बाइबल “यह उस व्यक्ति के लिए एक विधि है, जिसमें कोढ़ रोग का संक्रमण है और जिसके अपने शुद्ध होने की आवश्यकताओं के लिए साधन सीमित हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिसे कोढ़ की व्याधि हुई हो, और उसके इतनी पूँजी न हो कि वह शुद्ध ठहरने की सामग्री को ला सके, तो उसके लिये यही व्यवस्था है।” (मर. 1:44, लूका 5:14, मत्ती 8:4) |
“जब किसी मनुष्य के शरीर की त्वचा पर सूजन या पपड़ी या कोई दाग हो, और यह उसकी त्वचा पर कोढ़ के रोग जैसा दिखाई दे, तो उसे हारून याजक के पास या उसके पुत्रों में से किसी एक के पास लाया जाए जो कि याजक हैं।
ऊन या मलमल के वस्त्र के ताने-बाने में, या चमड़े की किसी वस्तु पर यदि फफूंदी का कोढ़ हो, तो उसे शुद्ध और अशुद्ध ठहराने की यही व्यवस्था है।
“आठवें दिन वह भेड़ के दो निर्दोष बच्चे, और भेड़ की एक वर्ष की निर्दोष बच्ची, तथा अन्नबलि के लिए तेल से सना हुआ एपा का तीन दहाई भाग मैदा, और एक लोज तेल लाए।
“परंतु यदि वह निर्धन हो और इन्हें लाने में असमर्थ हो, तो वह अपने प्रायश्चित्त हेतु हिलाए जाने की भेंट के रूप में भेड़ का एक बच्चा दोषबलि के लिए, और तेल से सना हुआ एपा का दसवाँ भाग मैदा अन्नबलि के लिए, और एक लोज तेल भी लाए।
जो भी वह ला सकता हो, उनमें से एक को पापबलि के लिए और दूसरे को अन्नबलि सहित होमबलि के लिए चढ़ाए। इस रीति से याजक शुद्ध होनेवाले के लिए यहोवा के सम्मुख प्रायश्चित्त करे।
‘अंधे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, तथा मृतक जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।’