लैव्यव्यवस्था 11:2 - नवीन हिंदी बाइबल “इस्राएलियों से कहो : पृथ्वी पर जितने पशु हैं उन सब में से तुम इन पशुओं का मांस खा सकते हो। पवित्र बाइबल “इस्राएल के लोगों से कहो: ये जानवर हैं जिन्हें तुम खा सकते हो: Hindi Holy Bible इस्त्राएलियों से कहो, कि जितने पशु पृथ्वी पर हैं उन सभों में से तुम इन जीवधारियों का मांस खा सकते हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इस्राएली समाज से कहो : तुम पृथ्वी के समस्त जीवित पशुओं में से इन पशुओं को खा सकते हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इस्राएलियों से कहो : जितने पशु पृथ्वी पर हैं उन सभों में से तुम इन जीवधारियों का मांस खा सकते हो। सरल हिन्दी बाइबल “इस्राएल की प्रजा को यह आदेश दो, ‘पृथ्वी पर के सारे पशुओं में से इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इस्राएलियों से कहो: जितने पशु पृथ्वी पर हैं उन सभी में से तुम इन जीवधारियों का माँस खा सकते हो। (इब्रा. 9:10) |
क्योंकि वे तुम्हारे लिए घृणित हैं इसलिए तुम उनके मांस में से कुछ न खाना, और उनकी लोथों को भी घृणित समझना।
“तुम पक्षियों में से इन्हें घृणित समझना, इन्हें न खाया जाए क्योंकि ये घृणित हैं : उकाब, गिद्ध, बाज,
परंतु तुम पंखवाले कीड़ों में से जो चार पैरों के बल चलते हैं केवल उन्हीं को खा सकते हो, जिनके भूमि पर कूदने फाँदने के लिए पैर और टाँगें होती हैं।
“पृथ्वी पर रेंगनेवाले जंतुओं में से ये तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं : नेवला, चूहा, और सब प्रकार के गोह,
पशुओं में से जितने चिरे या फटे खुर के होते हैं और जुगाली करते हैं, उन्हें तुम खा सकते हो।
और किसी खाने योग्य वस्तु पर यदि वह पानी पड़ जाए तो वह वस्तु अशुद्ध ठहरे; फिर यदि ऐसे पात्र में पीने के लिए कुछ हो तो वह भी अशुद्ध ठहरे।
“फिर यदि उन पशुओं में से कोई मरता है जिनके खाने की आज्ञा तुम्हें दी गई है, तो जो कोई उनकी लोथ को छुए वह साँझ तक अशुद्ध ठहरेगा।
परंतु जुगाली करनेवालों या चिरे खुरवालों में से इन पशुओं को न खाना, अर्थात् ऊँट को जो जुगाली तो करता है परंतु उसके खुर चिरे हुए नहीं होते, इसलिए वह तुम्हारे लिए अशुद्ध है;
“जल-जंतुओं में से तुम इन सब को खा सकते हो, अर्थात् समुद्र या नदियों के जल-जंतुओं में से जितनों के पंख और शल्क हों, उन्हें तुम खा सकते हो।
जो मुँह में जाता है वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, बल्कि जो मुँह से निकलता है वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।”
तुम भिन्न-भिन्न प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के द्वारा भरमाए न जाओ; क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन भोजन संबंधी नियमों से जिनका पालन करनेवाले लोगों को कुछ लाभ नहीं हुआ।
क्योंकि ये केवल खाने-पीने और भाँति-भाँति की स्नान-विधियों से संबंधित शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिए ही निर्धारित हैं।