लूका 8:47 - नवीन हिंदी बाइबल जब स्त्री ने यह देखा कि मैं छिप नहीं सकती, तो वह काँपती हुई आई और उसके सामने गिरकर सब लोगों के सामने बताया कि उसने किस कारण से उसे छुआ और कैसे वह तुरंत स्वस्थ हो गई। पवित्र बाइबल उस स्त्री ने जब देखा कि वह छुप नहीं पायी है, तो वह काँपती हुई आयी और यीशु के सामने गिर पड़ी। वहाँ सभी लोगों के सामने उसने बताया कि उसने उसे क्यों छुआ था। और कैसे तत्काल वह अच्छी हो गयी। Hindi Holy Bible जब स्त्री ने देखा, कि मैं छिप नहीं सकती, तब कांपती हुई आई, और उसके पांवों पर गिरकर सब लोगों के साम्हने बताया, कि मैं ने किस कारण से तुझे छूआ, और क्योंकर तुरन्त चंगी हो गई। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब स्त्री ने देखा कि वह छिप नहीं सकती, तब वह काँपती हुई आयी और येशु के चरणों पर गिर कर उसने सब लोगों के सामने बताया कि उसने क्यों उनका स्पर्श किया और वह कैसे उसी क्षण स्वस्थ हो गयी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब स्त्री ने देखा कि मैं छिप नहीं सकती, तब काँपती हुई आई और उसके पाँवों पर गिरकर सब लोगों के सामने बताया कि उसने किस कारण से उसे छुआ, और कैसे तुरन्त चंगी हो गई। सरल हिन्दी बाइबल जब उस स्त्री ने यह समझ लिया कि उसका छुपा रहना असंभव है, भय से कांपती हुई सामने आई और प्रभु येशु के चरणों में गिर पड़ी. उसने सभी उपस्थित भीड़ के सामने यह स्वीकार किया कि उसने प्रभु येशु को क्यों छुआ था तथा कैसे वह तत्काल रोग से चंगी हो गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब स्त्री ने देखा, कि मैं छिप नहीं सकती, तब काँपती हुई आई, और उसके पाँवों पर गिरकर सब लोगों के सामने बताया, कि मैंने किस कारण से तुझे छुआ, और कैसे तुरन्त चंगी हो गई। |
हे परमेश्वर का भय माननेवाले सब लोगो, आओ और सुनो, मैं बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या-क्या किया है।
तब वे भय और बड़े आनंद के साथ शीघ्र कब्र से लौटीं और उसके शिष्यों को समाचार देने के लिए दौड़ीं।
तब वह स्त्री यह जानकर कि उसके साथ क्या हुआ है, डरती और काँपती हुई आई और उसके सामने गिर पड़ी, और उसे सारी बात सच-सच बता दी।
परंतु यीशु ने कहा,“किसी ने मुझे छुआ है, क्योंकि मैंने जान लिया है कि मुझमें से सामर्थ्य निकला है।”
जब वह तुम सब की आज्ञाकारिता को स्मरण करता है कि तुमने कैसे डरते और काँपते हुए उसे ग्रहण किया तो उसका प्रेम तुम्हारे प्रति और भी बढ़ता जाता है।
अतः हे मेरे प्रियो, जिस प्रकार तुमने सदैव आज्ञा मानी, उसी प्रकार केवल मेरी उपस्थिति में ही नहीं बल्कि अनुपस्थिति में भी, उससे और भी अधिक डरते और काँपते हुए अपने-अपने उद्धार का कार्य पूरा करो;
अतः जब हमें ऐसा राज्य मिल रहा है जो अटल है, तो आओ, हम आभारी रहें, और भय और आदर के साथ परमेश्वर की ऐसी आराधना करें जो उसे ग्रहणयोग्य हो।