क्योंकि वह अपनी इतनी प्रशंसा करता है कि उसे अपने अधर्म को देखने और उससे घृणा करने का बोध नहीं होता।
लूका 6:41 - नवीन हिंदी बाइबल तू क्यों अपने भाई की आँख के तिनके को देखता है, परंतु अपनी आँख के लट्ठे पर ध्यान नहीं देता? पवित्र बाइबल “तू अपने भाई की आँख में कोई तिनके को क्यों देखता है और अपनी आँख का लट्ठा भी तुझे नहीं सूझता? Hindi Holy Bible तू अपने भाई की आंख के तिनके को क्यों देखता है, और अपनी ही आंख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जब तुम्हें अपनी ही आँख के लट्ठे का पता नहीं, तो तुम अपने भाई की आँख का तिनका क्यों देखते हो? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू अपने भाई की आँख के तिनके को क्यों देखता है, और अपनी ही आँख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता? सरल हिन्दी बाइबल “तुम भला अपने भाई की आंख के कण की ओर उंगली क्यों उठाते हो जबकि तुम स्वयं अपनी आंख में पड़े लट्ठे की ओर ध्यान नहीं देते? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू अपने भाई की आँख के तिनके को क्यों देखता है, और अपनी ही आँख का लट्ठा तुझे नहीं सूझता? |
क्योंकि वह अपनी इतनी प्रशंसा करता है कि उसे अपने अधर्म को देखने और उससे घृणा करने का बोध नहीं होता।
शिष्य अपने गुरु से बड़ा नहीं होता, परंतु प्रत्येक जो पूर्ण रूप से प्रशिक्षित होगा, वह अपने गुरु के समान बन जाएगा।
तू अपने भाई से कैसे कह सकता है, ‘हे भाई, आ, मैं तेरी आँख से तिनका निकाल दूँ,’ जबकि तुझे स्वयं अपनी आँख में लट्ठा दिखाई नहीं देता? अरे पाखंडी, पहले अपनी आँख में से लट्ठा निकाल, और तब अपने भाई की आँख से तिनका निकालने के लिए तू स्पष्ट देख पाएगा।
जब वे उससे पूछते ही रहे तो उसने उठकर उनसे कहा,“तुममें से जो निष्पाप हो वही पहले उस पर पत्थर फेंके।”
अतः हे दोष लगानेवाले, तू जो भी हो, निरुत्तर है; क्योंकि जिस बात में तू दूसरे पर दोष लगाता है, उसी में स्वयं को भी दोषी पाता है, इसलिए कि तू जिस बात का दोष लगाता है वही करता है।