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लूका 6:11 - नवीन हिंदी बाइबल

इस पर वे क्रोध से भर गए और आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि यीशु के साथ क्या किया जाए।

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पवित्र बाइबल

किन्तु इस पर आग बबूला होकर वे आपस में विचार करने लगे कि यीशु का क्या किया जाये?

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Hindi Holy Bible

परन्तु वे आपे से बाहर होकर आपस में विवाद करने लगे कि हम यीशु के साथ क्या करें?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वे बहुत नाराज हो गये और आपस में परामर्श करने लगे कि हम येशु का क्‍या करें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु वे आपे से बाहर होकर आपस में विवाद करने लगे कि हम यीशु के साथ क्या करें?

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सरल हिन्दी बाइबल

यह देख फ़रीसी और शास्त्री क्रोध से जलने लगे. वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि प्रभु येशु के साथ अब क्या किया जाए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु वे आपे से बाहर होकर आपस में विवाद करने लगे कि हम यीशु के साथ क्या करें?

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लूका 6:11
16 क्रॉस रेफरेंस  

संसार में जो कुछ होता है उसमें यह बुराई है कि सब मनुष्यों के अंत की दशा एक जैसी होती है; और साथ ही लोगों के मन बुराई से भरे रहते हैं और जब तक वे जीवित हैं, उनके हृदय में पागलपन समाया रहता है। उसके बाद वे मृतकों में जा मिलते हैं।


वे आपस में सोच विचार करने लगे, “हम तो रोटी नहीं लाए।”


तब मुख्य याजक और फरीसी उसके दृष्‍टांतों को सुनकर समझ गए कि यीशु उनके विषय में कह रहा है;


ये बातें सुनते ही आराधनालय में सब लोग क्रोध से भर गए,


और उसने चारों ओर उन सब को देखकर उस मनुष्य से कहा,“अपना हाथ बढ़ा।” उसने ऐसा ही किया और उसका हाथ फिर से ठीक हो गया।


उन्हीं दिनों ऐसा हुआ कि यीशु पहाड़ पर प्रार्थना करने गया, और सारी रात परमेश्‍वर से प्रार्थना करता रहा।


तब मुख्य याजकों और फरीसियों ने महासभा बुलाई और कहने लगे, “हम क्या कर रहे हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिह्‍न दिखा रहा है।


इन बातों के बाद यीशु गलील में ही फिरता रहा। वह यहूदिया में फिरना नहीं चाहता था क्योंकि यहूदी उसको मार डालने की खोज में थे।


मैं सब आराधनालयों में उन्हें यातना दे देकर यीशु की निंदा करने के लिए विवश करता रहा, और यहाँ तक कि उनके विरुद्ध क्रोध से भरकर बाहर के नगरों तक भी उनका पीछा करता रहा।


तब उन्हें महासभा से बाहर जाने का आदेश देकर वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे


परंतु पतरस और यूहन्‍ना ने उनको उत्तर दिया, “तुम ही न्याय करो। परमेश्‍वर की बात से बढ़कर तुम्हारी बात मानना क्या परमेश्‍वर की दृष्‍टि में उचित है?


जब उन्होंने यह सुना तो वे भड़क उठे और उन्हें मार डालना चाहा।


जब उन्होंने ये बातें सुनीं तो वे अपने मन में तिलमिला उठे और उस पर दाँत पीसने लगे।


परंतु वे और आगे नहीं बढ़ पाएँगे; क्योंकि जैसे उन लोगों की अज्ञानता सब पर प्रकट हो गई थी, वैसे ही इनकी भी हो जाएगी।