‘अंधे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, तथा मृतक जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।’
लूका 5:17 - नवीन हिंदी बाइबल फिर एक दिन ऐसा हुआ कि यीशु उपदेश दे रहा था, और फरीसी तथा व्यवस्था के शिक्षक जो गलील और यहूदिया के प्रत्येक गाँव और यरूशलेम से आए थे, वहाँ बैठे थे; और स्वस्थ करने के लिए प्रभु का सामर्थ्य उसमें था। पवित्र बाइबल ऐसा हुआ कि एक दिन जब वह उपदेश दे रहा था तो वहाँ फ़रीसी और यहूदी धर्मशास्त्री भी बैठे थे। वे गलील और यहूदिया के हर नगर तथा यरूशलेम से आये थे। लोगों को ठीक करने के लिए प्रभु की शक्ति उसके साथ थी। Hindi Holy Bible और एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहां बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गांव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ उसके साथ थी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक दिन येशु शिक्षा दे रहे थे। फरीसी सम्प्रदाय के सदस्य और व्यवस्था के अध्यापक पास ही बैठे हुए थे। वे गलील तथा यहूदा प्रदेशों के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे। रोगियों को स्वस्थ करने के लिए प्रभु का सामर्थ्य येशु के साथ था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे जो गलील और यूहदिया के हर एक गाँव से और यरूशलेम से आए थे, और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी। सरल हिन्दी बाइबल एक दिन, जब प्रभु येशु शिक्षा दे रहे थे, फ़रीसी तथा शास्त्री, जो गलील तथा यहूदिया प्रदेशों तथा येरूशलेम नगर से वहां आए थे, बैठे हुए थे. रोगियों को स्वस्थ करने का परमेश्वर का सामर्थ्य प्रभु येशु में सक्रिय था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहाँ बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गाँव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ्य उसके साथ थी। |
‘अंधे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, तथा मृतक जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।’
परंतु बाहर जाकर वह इस बात का इतना अधिक प्रचार करने और फैलाने लगा कि यीशु नगर में खुलेआम प्रवेश नहीं कर सका और बाहर निर्जन स्थानों पर रहा; फिर भी लोग चारों ओर से उसके पास आते रहे।
वे साँपों को हाथों से उठा लेंगे और यदि वे कोई प्राणनाशक विष भी पी जाएँ फिर भी उन्हें हानि नहीं होगी; वे बीमारों पर हाथ रखेंगे और वे स्वस्थ हो जाएँगे।”
शास्त्री जो यरूशलेम से आए हुए थे, कहते थे, “उसमें बालज़बूल समाया है,” और “वह दुष्टात्माओं के प्रधान के द्वारा दुष्टात्माओं को निकालता है।”
यीशु ने तुरंत अपने में जान लिया कि उसमें से सामर्थ्य निकला है। उसने भीड़ की ओर मुड़कर पूछा,“मेरे वस्त्र को किसने छुआ?”
तब फरीसी और शास्त्री बुड़बुड़ाकर कहने लगे, “यह पापियों के साथ मिलता-जुलता है और उनके साथ खाता है।”
फिर ऐसा हुआ कि तीन दिन के बाद उन्होंने उसे मंदिर-परिसर में शिक्षकों के बीच बैठे, उनकी बातें सुनते और उनसे प्रश्न करते हुए पाया;
परंतु शास्त्री और फरीसी यह विचार करने लगे, “यह कौन है जो परमेश्वर की निंदा करता है? परमेश्वर को छोड़ और कौन पापों को क्षमा कर सकता है?”
तब फरीसी और उनके शास्त्री उसके शिष्यों पर कुड़कुड़ाते हुए कहने लगे, “तुम कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
परंतु फरीसियों और व्यवस्थापकों ने उससे बपतिस्मा न लेकर, अपने प्रति परमेश्वर की योजना को अस्वीकार कर दिया।)
परंतु यीशु ने कहा,“किसी ने मुझे छुआ है, क्योंकि मैंने जान लिया है कि मुझमें से सामर्थ्य निकला है।”
परंतु जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो जाए कि उसके कार्य परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।”
और साथ ही तू अपना हाथ बढ़ा कि तेरे पवित्र सेवक यीशु के नाम से चंगाई और चिह्न और अद्भुत कार्य हों।”
परंतु गमलीएल नामक एक फरीसी ने, जो व्यवस्था का शिक्षक तथा सब लोगों में आदरणीय था, महासभा में खड़े होकर उन लोगों को थोड़ी देर के लिए बाहर कर देने का आदेश दिया,