उस समय से यीशु अपने शिष्यों पर प्रकट करने लगा कि अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ और धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथों बहुत दुःख उठाऊँ और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ।
लूका 17:25 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु पहले अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए और इस पीढ़ी के द्वारा ठुकराया जाए। पवित्र बाइबल किन्तु पहले उसे बहुत सी यातनाएँ भोगनी होंगी और इस पीढ़ी द्वारा वह निश्चय ही नकार दिया जायेगा। Hindi Holy Bible परन्तु पहिले अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु पहले उसे बहुत दु:ख उठाना होगा और यह अनिवार्य है कि वह इस पीढ़ी द्वारा ठुकराया जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु पहले अवश्य है कि वह बहुत दु:ख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ। सरल हिन्दी बाइबल किंतु उसके पूर्व उसका अनेक यातनाएं सहना और इस पीढ़ी द्वारा तिरस्कार किया जाना अवश्य है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु पहले अवश्य है, कि वह बहुत दुःख उठाए, और इस युग के लोग उसे तुच्छ ठहराएँ। |
उस समय से यीशु अपने शिष्यों पर प्रकट करने लगा कि अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ और धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथों बहुत दुःख उठाऊँ और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ।
यीशु ने उनसे कहा,“क्या तुमने कभी पवित्रशास्त्र में नहीं पढ़ा : जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने ठुकरा दिया, वही कोने का प्रमुख पत्थर बन गया? यह प्रभु की ओर से हुआ, और हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
“देखो, हम यरूशलेम को जा रहे हैं, वहाँ मनुष्य का पुत्र मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा, वे उसे मृत्युदंड के योग्य ठहराएँगे और उसे गैरयहूदियों के हाथ में सौंप देंगे।
क्या तुमने पवित्रशास्त्र में यह नहीं पढ़ा : जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने ठुकरा दिया, वही कोने का प्रमुख पत्थर बन गया;
फिर वह उन्हें सिखाने लगा कि मनुष्य के पुत्र के लिए अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।
क्योंकि वह अपने शिष्यों को सिखाता और उन्हें बताता था,“मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथों पकड़वाया जाएगा, वे उसे मार डालेंगे और मरने के तीन दिन बाद वह फिर जी उठेगा।”
फिर यीशु ने उन बारहों को साथ लेकर उनसे कहा,“देखो, हम यरूशलेम को जा रहे हैं, और जो बातें मनुष्य के पुत्र के विषय में भविष्यवक्ताओं के द्वारा लिखी गई हैं, सब पूरी होंगी;
उसने उनसे कहा,“इस प्रकार लिखा है कि मसीह दुःख उठाएगा और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेगा,
और कहा,“अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीसरे दिन जी उठे।”
ताकि यशायाह भविष्यवक्ता का वह वचन पूरा हो जो उसने कहा : हे प्रभु, हमारे संदेश पर किसने विश्वास किया? और प्रभु का भुजबल किस पर प्रकट हुआ?