तब यीशु ने उससे कहा,“हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है : तू अपने प्रभु परमेश्वर को दंडवत् कर और केवल उसी की सेवा कर।”
लूका 16:13 - नवीन हिंदी बाइबल “कोई भी सेवक दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता; क्योंकि वह या तो एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम रखेगा, या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” पवित्र बाइबल “कोई भी दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम या वह एक के प्रति समर्पित रहेगा और दूसरे को तिरस्कार करेगा। तुम धन और परमेश्वर दोनों की उपासना एक साथ नहीं कर सकते।” Hindi Holy Bible कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता: क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिल रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “कोई भी सेवक दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता; वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम परमेश्वर और धन−दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता : क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” सरल हिन्दी बाइबल “किसी भी दास के लिए दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह एक को तुच्छ मानकर दूसरे के प्रति समर्पित रहेगा या एक का सम्मान करते हुए दूसरे को तुच्छ जानेगा. तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा कर ही नहीं सकते.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “कोई दास दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता क्योंकि वह तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा; या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा: तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।” |
तब यीशु ने उससे कहा,“हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है : तू अपने प्रभु परमेश्वर को दंडवत् कर और केवल उसी की सेवा कर।”
“कोई भी दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता; क्योंकि वह या तो एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम रखेगा, या एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते।
“यदि कोई मेरे पास आता है और अपने पिता और माता और पत्नी और संतान और भाइयों और बहनों और यहाँ तक कि अपने प्राण को भी अप्रिय नहीं जानता, तो वह मेरा शिष्य नहीं हो सकता।
और यदि तुम पराए धन में विश्वासयोग्य न रहे, तो जो तुम्हारा अपना है, उसे तुम्हें कौन देगा?
और मैं तुमसे कहता हूँ, अधर्म के धन से अपने लिए मित्र बनाओ, ताकि जब वह समाप्त हो जाए तो अनंत निवासस्थानों में तुम्हारा स्वागत हो।
परंतु यीशु ने उससे कहा,“उसे मत रोको, क्योंकि जो तुम्हारे विरोध में नहीं, वह तुम्हारी ओर है।”
हे व्यभिचारिणियो, क्या तुम नहीं जानतीं कि संसार से मित्रता का अर्थ परमेश्वर से शत्रुता रखना है? इसलिए यदि कोई संसार का मित्र बनना चाहता है, तो वह स्वयं को परमेश्वर का शत्रु बनाता है।