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लूका 12:11 - नवीन हिंदी बाइबल

“जब लोग तुम्हें आराधनालयों, शासकों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो तुम चिंता न करना कि अपने बचाव में कैसे और क्या उत्तर दोगे या क्या कहोगे;

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पवित्र बाइबल

“सो जब वे तुम्हें यहूदी आराधनालयों, शासकों और अधिकारियों के सामने ले जायें तो चिंता मत करो कि तुम अपना बचाव कैसे करोगे या तुम्हें क्या कुछ कहना होगा।

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Hindi Holy Bible

जब लोग तुम्हें सभाओं और हाकिमों और अधिकारियों के साम्हने ले जाएं, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

“जब वे तुम्‍हें सभागृहों, न्‍यायाधीशों और शासकों के सामने खींच ले जाएँगे, तो यह चिन्‍ता न करना कि तुम कैसे और क्‍या उत्तर दोगे अथवा अपनी ओर से क्‍या कहोगे;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“जब लोग तुम्हें सभाओं और हाकिमों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।

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सरल हिन्दी बाइबल

“जब तुम उनके द्वारा सभागृहों, शासकों और अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किए जाओ तो इस विषय में कोई चिंता न करना कि अपने बचाव में तुम्हें क्या उत्तर देना है या क्या कहना है

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“जब लोग तुम्हें आराधनालयों और अधिपतियों और अधिकारियों के सामने ले जाएँ, तो चिन्ता न करना कि हम किस रीति से या क्या उत्तर दें, या क्या कहें।

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लूका 12:11
14 क्रॉस रेफरेंस  

अब जा, मैं तेरे साथ रहूँगा और जो कुछ तुझे कहना है, वह सिखाऊँगा।”


इसलिए देखो, मैं भविष्यवक्‍ताओं, बुद्धिमानों और शास्‍त्रियों को तुम्हारे पास भेजता हूँ; उनमें से कितनों को तुम मार डालोगे और क्रूस पर चढ़ाओगे, और कितनों को अपने आराधनालयों में कोड़े मारोगे और नगर-नगर सताते फिरोगे।


“इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने प्राण के लिए चिंता मत करो कि क्या खाएँगे या क्या पीएँगे, और न ही अपनी देह के लिए कि क्या पहनेंगे; क्या प्राण भोजन से और देह वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?


तुममें से कौन है जो चिंता करके अपनी आयु में एक घड़ीभी बढ़ा सकता है?


फिर वस्‍त्र के विषय में तुम क्यों चिंता करते हो? जंगली सौसन के फूलों पर ध्यान दो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न तो परिश्रम करते हैं और न ही कातते हैं;


इसलिए यह कहकर चिंता न करो, ‘हम क्या खाएँगे?’ या ‘क्या पीएँगे?’ या फिर ‘क्या पहनेंगे?’


अतः कल की चिंता न करो, क्योंकि कल अपनी चिंता आप करेगा; आज के लिए आज ही का दुःख बहुत है।


फिर उसने अपने शिष्यों से कहा :“इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने प्राण के लिए चिंता मत करो कि क्या खाएँगे, और न ही अपनी देह के लिए कि क्या पहनेंगे।