बल्कि प्रत्येक जाति में जो उसका भय मानता और धार्मिकता के कार्य करता है, वह उसे ग्रहणयोग्य होता है।
रोमियों 2:14 - नवीन हिंदी बाइबल फिर जब गैरयहूदी लोग जिनके पास व्यवस्था नहीं, स्वभाव से ही व्यवस्था की बातों का पालन करते हैं, तो उनके पास व्यवस्था न होने पर भी वे स्वयं ही अपने लिए व्यवस्था हैं। पवित्र बाइबल सो जब ग़ैर यहूदी लोग जिनके पास व्यवस्था नहीं है स्वभाव से ही व्यवस्था की बातों पर चलते हैं तो चाहे उनके पास व्यवस्था नहीं है तो भी वे अपनी व्यवस्था आप हैं। Hindi Holy Bible फिर जब अन्यजाति लोग जिन के पास व्यवस्था नहीं, स्वभाव ही से व्यवस्था की बातों पर चलते हैं, तो व्यवस्था उन के पास न होने पर भी वे अपने लिये आप ही व्यवस्था हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब गैर-यहूदी, जिन्हें मूसा की व्यवस्था नहीं मिली, अपने आप उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो वे व्यवस्था-विहीन होते हुए भी स्वयं अपने लिए व्यवस्था हैं; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जब अन्यजाति लोग जिनके पास व्यवस्था नहीं, स्वभाव ही से व्यवस्था की बातों पर चलते हैं, तो व्यवस्था उनके पास न होने पर भी वे अपने लिये आप ही व्यवस्था हैं। सरल हिन्दी बाइबल व्यवस्था से पूरी तरह अनजान गैर-यहूदी अपनी मूल प्रवृत्ति के प्रभाव से व्यवस्था का पालन करते पाए जाते हैं. इसलिये व्यवस्था न होने पर भी वे स्वयं अपने लिए व्यवस्था हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जब अन्यजाति लोग जिनके पास व्यवस्था नहीं, स्वभाव ही से व्यवस्था की बातों पर चलते हैं, तो व्यवस्था उनके पास न होने पर भी वे अपने लिये आप ही व्यवस्था हैं। |
बल्कि प्रत्येक जाति में जो उसका भय मानता और धार्मिकता के कार्य करता है, वह उसे ग्रहणयोग्य होता है।
इसलिए अब परमेश्वर अज्ञानता के समयों को अनदेखा करके हर स्थान पर सब मनुष्यों को पश्चात्ताप करने की आज्ञा देता है,
यद्यपि वे परमेश्वर की विधि जानते हैं कि ऐसे कार्य करनेवाले मृत्यु के योग्य हैं, फिर भी न केवल वे उन्हें करते हैं बल्कि ऐसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।
इसलिए जितनों ने व्यवस्था को पाए बिना पाप किया, वे बिना व्यवस्था के नाश भी होंगे; और जितनों ने व्यवस्था के अधीन होकर पाप किया, उनका न्याय व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा।
वे व्यवस्था की बातों को अपने हृदयों में लिखा हुआ दर्शाते हैं, और उनका विवेक इसकी साक्षी देता है, और उनके विचार उन्हें दोषी या कभी निर्दोष ठहराते हैं।)
जो शारीरिक रीति से ख़तनारहित है परंतु व्यवस्था को पूरा करता है, वह तुझे जो लिखित व्यवस्था और ख़तना पाने पर भी व्यवस्था का उल्लंघन करता है, दोषी ठहराएगा।
क्या प्रकृति स्वयं तुम्हें नहीं सिखाती कि यदि पुरुष लंबे बाल रखे, तो उसके लिए अपमान की बात है,
उनके लिए जो व्यवस्थारहित हैं, मैं—जो परमेश्वर की व्यवस्था से रहित नहीं बल्कि मसीह की व्यवस्था के अधीन हूँ—व्यवस्थारहित जैसा बना कि जो व्यवस्थारहित हैं उन्हें जीत सकूँ।
और उस समय तुम मसीह के बिना, इस्राएल की नागरिकता से वंचित और प्रतिज्ञा की वाचाओं से अनजान थे, तथा जगत में आशाहीन और परमेश्वर-रहित थे।
हम सब भी पहले उन्हीं के बीच अपने शरीर की लालसाओं में जीते थे, और शरीर तथा मन की इच्छाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान ही स्वभाव से क्रोध के पात्र थे।
अंततः हे भाइयो, जो बातें सच्ची हैं, जो आदरणीय हैं, जो न्यायसंगत हैं, जो पवित्र हैं, जो सुहावनी हैं, जो सराहनीय हैं, यदि कोई सद्गुण या प्रशंसायोग्य बातें हैं, तो उन पर ध्यान लगाया करो।