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रोमियों 15:14 - नवीन हिंदी बाइबल

हे मेरे भाइयो, मैं स्वयं तुम्हारे विषय में आश्‍वस्त हूँ कि तुम आप भी भलाई से भरे हो, और समस्त ज्ञान से परिपूर्ण हो, तथा एक दूसरे को चिता भी सकते हो।

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पवित्र बाइबल

हे मेरे भाईयों, मुझे स्वयं तुम पर भरोसा है कि तुम नेकी से भरे हो और ज्ञान से परिपूर्ण हो। तुम एक दूसरे को शिक्षा दे सकते हो।

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Hindi Holy Bible

हे मेरे भाइयो; मैं आप भी तुम्हारे विषय में निश्चय जानता हूं, कि तुम भी आप ही भलाई से भरे और ईश्वरीय ज्ञान से भरपूर हो और एक दूसरे को चिता सकते हो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मेरे भाइयो और बहिनो! मुझे दृढ़ विश्‍वास है कि आप लोग, सद्भाव और हर प्रकार के ज्ञान से परिपूर्ण हो कर, एक-दूसरे को सत्‍परामर्श देने योग्‍य हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

हे मेरे भाइयो, मैं स्वयं तुम्हारे विषय में निश्‍चय जानता हूँ कि तुम भी आप ही भलाई से भरे और ईश्‍वरीय ज्ञान से भरपूर हो, और एक दूसरे को चिता सकते हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

प्रिय भाई बहिनो, तुम्हारे विषय में स्वयं मैं भी निश्चित हूं कि तुम भी सर्वगुणसम्पन्‍न, सभी ज्ञान से भरकर तथा एक दूसरे को कर्तव्य की याद दिलाने में पूरी तरह सक्षम हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

हे मेरे भाइयों; मैं आप भी तुम्हारे विषय में निश्चय जानता हूँ, कि तुम भी आप ही भलाई से भरे और ईश्वरीय ज्ञान से भरपूर हो और एक दूसरे को समझा सकते हो।

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रोमियों 15:14
25 क्रॉस रेफरेंस  

कि तुम उसमें प्रत्येक बात अर्थात् सारे वचन और सारे ज्ञान में धनी किए गए


क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्धि का वचन, तो दूसरे को उसी आत्मा के द्वारा ज्ञान का वचन दिया जाता है,


यदि मेरे पास भविष्यवाणी करने का वरदान हो, और मैं सब भेदों और समस्त ज्ञान को समझूँ, और यहाँ तक कि मुझे पूरा विश्‍वास हो कि पहाड़ों को हटा दूँ, पर प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं।


अब मूर्तियों को चढ़ाई हुई वस्तुओं के विषय में : हम जानते हैं कि हम सब के पास ज्ञान है। ज्ञान घमंड उत्पन्‍न‍ करता है, परंतु प्रेम से उन्‍नति होती है।


यदि कोई तुझे, जिसको यह ज्ञान है, मूर्ति के मंदिर में भोजन करते देख ले, तो क्या उसके निर्बल विवेक को मूर्तियों को चढ़ाया हुआ भोजन खाने का साहस न होगा?


परंतु यह ज्ञान सब मनुष्यों को नहीं है। कुछ लोग मूर्तिपूजा के अब तक इतने आदी हो गए हैं कि वे मूर्ति को चढ़ाए गए भोजन को कुछ विशेष समझकर खाते हैं और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है।


अब जैसे तुम प्रत्येक बात में, अर्थात् विश्‍वास, वचन, ज्ञान, हर प्रकार के उत्साह, और उस प्रेम में जो हमारा तुम्हारे लिए है भरपूर होते जाते हो, वैसे ही इस दान के कार्य में भी भरपूर होते जाओ।


—ज्योति का फल हर प्रकार की भलाई और धार्मिकता और सत्य है—


तथा परमेश्‍वर की महिमा और प्रशंसा के लिए यीशु मसीह के द्वारा धार्मिकता के फल से परिपूर्ण हो जाओ।


तुम सब के विषय में ऐसा सोचना मेरे लिए उचित भी है, क्योंकि तुम मेरे मन में बसे हो, और तुम सब मेरे बंधनों में, और सुसमाचार का बचाव करने और उसकी पुष्‍टि करने में मेरे साथ अनुग्रह के सहभागी हो।


मसीह का वचन तुममें बहुतायत से वास करे। सारी बुद्धि के साथ तुम एक दूसरे को सिखाते और चेतावनी देते रहो और धन्यवाद के साथ अपने-अपने मनों में परमेश्‍वर के लिए भजन, स्तुति और आत्मिक गीत गाते रहो।


इसलिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करो और एक दूसरे की उन्‍नति करो, जैसा कि तुम कर भी रहे हो।


हे भाइयो, हम तुमसे विनती करते हैं कि जो अनुचित चाल चलते हैं उन्हें चेतावनी दो, कायरों को प्रोत्साहन दो, निर्बलों को संभालो, सब के प्रति सहनशीलता दिखाओ।


इसी कारण हम सदैव तुम्हारे लिए प्रार्थना भी करते हैं कि हमारा परमेश्‍वर तुम्हें अपनी बुलाहट के योग्य समझे और भलाई की हर एक इच्छा और विश्‍वास के हर एक कार्य को सामर्थ्य के साथ पूरा करे,


मुझे तेरा सच्‍चा विश्‍वास भी स्मरण आता है, जो पहले तेरी नानी लोइस और फिर तेरी माता यूनीके में था और मुझे निश्‍चय है कि वह तुझमें भी है।


मैंने तेरे आज्ञाकारी होने का भरोसा करते हुए तुझे लिखा है, और यह जानता हूँ कि जो मैं कहता हूँ तू उससे बढ़कर करेगा।


इस समय तक तो तुम्हें गुरु बन जाना चाहिए था, परंतु तुम्हें आवश्यकता है कि कोई तुम्हें परमेश्‍वर के वचनों के मूल सिद्धांतों को फिर से सिखाए। तुम्हें ठोस भोजन की नहीं परंतु दूध की आवश्यकता है।


हे प्रियो, यद्यपि हम ऐसा कह रहे हैं, फिर भी हमें तुम्हारे विषय में उद्धार से संबंधित और भी अच्छी बातों का निश्‍चय है।


इसलिए मैं तुम्हें इन बातों का सदैव स्मरण दिलाता रहूँगा, भले ही तुम इन्हें जानते हो और उस सत्य में जो तुम्हारे पास है, दृढ़ भी किए गए हो।


मैंने तुम्हें यह इसलिए नहीं लिखा कि तुम सत्य को नहीं जानते, परंतु इसलिए कि तुम उसे जानते हो, और इसलिए कि कोई भी झूठ, सत्य की ओर से नहीं।