यूहन्ना 15:7 - नवीन हिंदी बाइबल यदि तुम मुझमें बने रहो और मेरे वचन तुममें बने रहें, तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिए हो जाएगा। पवित्र बाइबल यदि तुम मुझमें रहो, और मेरे उपदेश तुम में रहें, तो जो कुछ तुम चाहते हो माँगो, वह तुम्हें मिलेगा। Hindi Holy Bible यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि तुम मुझ में रहो और मेरी शिक्षा तुम में बनी रहती है, तो चाहे जो माँगो, वह तुम्हारे लिए हो जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि तुम मुझ में बने रहो और मेरा वचन तुम में बना रहे, तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। सरल हिन्दी बाइबल यदि तुम मुझमें स्थिर बने रहो और मेरे वचन तुममें स्थिर बने रहें तो तुम्हारे मांगने पर तुम्हारी इच्छा पूरी की जाएगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा। |
तब मेरे पिता ने मुझे यह कहकर सिखाया, “तेरा मन मेरे वचनों पर लगा रहे। मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तो तू जीवित रहेगा।
तुमने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें चुना और तुम्हें नियुक्त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, ताकि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे।
उस दिन तुम मुझसे कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगोगे, वह तुम्हें देगा।
तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्होंने उस पर विश्वास किया था, कहा,“यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे तो सचमुच मेरे शिष्य ठहरोगे,
मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहम के वंशज हो। फिर भी तुम मुझे मार डालना चाहते हो, क्योंकि मेरा वचन तुम्हारे हृदय में स्थान नहीं पाता।
परंतु मैं कहता हूँ, आत्मा के अनुसार चलो, तो तुम शरीर की अभिलाषाओं को किसी भी रीति से पूरा नहीं करोगे।
मसीह का वचन तुममें बहुतायत से वास करे। सारी बुद्धि के साथ तुम एक दूसरे को सिखाते और चेतावनी देते रहो और धन्यवाद के साथ अपने-अपने मनों में परमेश्वर के लिए भजन, स्तुति और आत्मिक गीत गाते रहो।
बच्चो, मैंने तुम्हें इसलिए लिखा क्योंकि तुम पिता को जान गए हो। पिताओ, मैंने तुम्हें इसलिए लिखा क्योंकि तुम उसे जान गए हो जो आदि से है। युवको, मैंने तुम्हें इसलिए लिखा क्योंकि तुम बलवंत हो और परमेश्वर का वचन तुममें बना रहता है और तुमने उस दुष्ट पर जय पाई है।
परंतु जहाँ तक तुम्हारा संबंध है, जो अभिषेक तुमने उससे प्राप्त किया वह तुममें बना रहता है, इसलिए आवश्यकता नहीं कि कोई तुम्हें सिखाए। वह अभिषेक सब बातों के विषय में तुम्हें सिखाता है, और वह सत्य है और झूठ नहीं, इसलिए जैसे उसने तुम्हें सिखाया है, उसमें बने रहो।
और जो कुछ हम माँगते हैं, वह उससे पाते हैं, क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही कार्य करते हैं जिससे वह प्रसन्न होता है।
उसके प्रति हमारा भरोसा यह है कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ माँगें, तो वह हमारी सुनता है।