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यूहन्ना 14:13 - नवीन हिंदी बाइबल

13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वह मैं करूँगा, जिससे पुत्र में पिता की महिमा हो।

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पवित्र बाइबल

13 और मैं वह सब कुछ करूँगा जो तुम लोग मेरे नाम से माँगोगे जिससे पुत्र के द्वारा परम पिता महिमावान हो।

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Hindi Holy Bible

13 और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोंगे, मैं उसे पूरा करूँगा, जिससे पुत्र के द्वारा पिता की महिमा प्रकट हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 जो कुछ तुम मेरे नाम से माँगोगे, वही मैं करूँगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 मेरे नाम में तुम जो कुछ मांगोगे, मैं उसे पूरा करूंगा जिससे पुत्र में पिता की महिमा हो.

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यूहन्ना 14:13
36 क्रॉस रेफरेंस  

जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्‍वास से माँगोगे, वह सब तुम्हें मिल जाएगा।”


“माँगो और तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो और तुम पाओगे; खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा।


इस कारण मैं तुमसे कहता हूँ कि जो कुछ तुम प्रार्थना करके माँगते हो, विश्‍वास करो कि वह तुम्हें मिल गया और तुम्हारे लिए वही हो जाएगा।


“मैं तुमसे कहता हूँ, माँगो और तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो और तुम पाओगे; खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा।


मैं और पिता एक हैं।”


यीशु ने पुकारकर कहा,“जो मुझ पर विश्‍वास करता है, वह मुझ पर नहीं बल्कि मेरे भेजनेवाले पर विश्‍वास करता है;


जब वह चला गया तो यीशु ने कहा,“अब मनुष्य के पुत्र की महिमा हुई है, और उसमें परमेश्‍वर की महिमा हुई है।


यदि तुम मेरे नाम से कुछ भी मुझसे माँगोगे, तो मैं उसे करूँगा।


यीशु ने उससे कहा,“मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई भी पिता के पास नहीं पहुँचता।


तुमने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें चुना और तुम्हें नियुक्‍त किया कि तुम जाकर फल लाओ और तुम्हारा फल बना रहे, ताकि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगो, वह तुम्हें दे।


यदि तुम मुझमें बने रहो और मेरे वचन तुममें बने रहें, तो जो चाहो माँगो और वह तुम्हारे लिए हो जाएगा।


उस दिन तुम मुझसे कुछ नहीं पूछोगे। मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से माँगोगे, वह तुम्हें देगा।


उस दिन तुम मेरे नाम से माँगोगे, और मैं तुमसे नहीं कहता कि मैं तुम्हारे लिए पिता से विनती करूँगा;


परंतु मैं तुमसे सच कहता हूँ, मेरा चला जाना तुम्हारे लिए लाभदायक है। क्योंकि यदि मैं नहीं जाऊँगा, तो तुम्हारे पास सहायक नहीं आएगा; परंतु यदि मैं जाऊँगा, तो उसे तुम्हारे पास भेजूँगा।


यीशु ने उसे उत्तर दिया,“यदि तू परमेश्‍वर के वरदान को जानती और यह भी कि वह कौन है जो तुझसे कहता है, ‘मुझे पीने के लिए पानी दे’, तो तू उससे माँगती और वह तुझे जीवन का जल देता।”


परंतु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह अनंत काल तक कभी प्यासा न होगा, बल्कि जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें अनंत जीवन के लिए उमड़नेवाला जल का सोता बन जाएगा।”


इस पर यीशु ने उनसे कहा,“मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, पुत्र अपनी ओर से कुछ नहीं कर सकता, केवल वही जो पिता को करते देखता है, क्योंकि जो कार्य पिता करता है, उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है।


अब पर्व के अंतिम दिन जो मुख्य दिन था, यीशु खड़ा हुआ और पुकारकर कहा,“यदि कोई प्यासा हो तो वह मेरे पास आए और पीए।


इसलिए जो अन्य भाषा में बोलता है वह प्रार्थना करे कि उसका अनुवाद भी कर सके।


क्योंकि उसी के द्वारा हम दोनों की एक ही आत्मा में पिता के पास पहुँच होती है।


उसी में और उस पर विश्‍वास करने के द्वारा हमें भरोसे के साथ परमेश्‍वर के पास आने का साहस होता है।


इस कारण मैं उस पिता के सामने घुटने टेकता हूँ,


मैं मसीह में, जो मुझे सामर्थ्य देता है, सब कुछ कर सकता हूँ।


वचन से या कार्य से तुम जो कुछ भी करो, सब प्रभु यीशु के द्वारा परमेश्‍वर पिता को धन्यवाद देते हुए उसके नाम से करो।


अतः हम उसके द्वारा परमेश्‍वर को स्तुति रूपी बलिदान निरंतर चढ़ाते रहें, अर्थात् उन होंठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं।


क्योंकि हमारा महायाजक ऐसा नहीं है जो हमारी निर्बलताओं में हमसे सहानुभूति न रख सके। वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, फिर भी निष्पाप निकला।


अतः जो उसके द्वारा परमेश्‍वर के पास आते हैं, वह उनका सदा के लिए उद्धार करने में समर्थ है, क्योंकि वह उनकी ओर से विनती करने के लिए सर्वदा जीवित है।


तुममें से यदि किसी को बुद्धि की कमी हो तो वह परमेश्‍वर से माँगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और वह उसे दी जाएगी।


इसलिए आपस में अपने-अपने पापों को मान लो और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो कि तुम स्वस्थ किए जाओ। धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।


तुम भी स्वयं जीवित पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो कि याजकों का पवित्र समाज बनकर ऐसे आत्मिक बलिदानों को चढ़ाओ जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर को ग्रहणयोग्य हों।


और जो कुछ हम माँगते हैं, वह उससे पाते हैं, क्योंकि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं और वही कार्य करते हैं जिससे वह प्रसन्‍न होता है।


उसके प्रति हमारा भरोसा यह है कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार कुछ माँगें, तो वह हमारी सुनता है।


हमारे पर का पालन करें:

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