या क्या तू सोचता है कि मैं अपने पिता से विनती नहीं कर सकता? वह स्वर्गदूतों की बारह से अधिक पलटनों को मेरे लिए अभी उपस्थित कर देगा।
यूहन्ना 11:42 - नवीन हिंदी बाइबल मैं जानता था कि तू सदैव मेरी सुनता है; फिर भी चारों ओर खड़े इन लोगों के कारण मैंने यह कहा, ताकि ये विश्वास करें कि तूने मुझे भेजा है।” पवित्र बाइबल मैं जानता हूँ कि तू सदा मेरी सुनता है किन्तु चारों ओर इकट्ठी भीड़ के लिये मैंने यह कहा है जिससे वे यह मान सकें कि मुझे तूने भेजा है।” Hindi Holy Bible और मै जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं जानता था कि तू सदा मेरी प्रार्थना सुनता है। किन्तु मैंने आसपास खड़े लोगों के कारण ऐसा कहा है, जिससे वे विश्वास करें कि तूने मुझे भेजा है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं जानता था कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उनके कारण मैं ने यह कहा, जिससे कि वे विश्वास करें कि तू ने मुझे भेजा है।” सरल हिन्दी बाइबल मैं जानता हूं कि आप हमेशा मेरी सुनते हैं किंतु यहां उपस्थित भीड़ के कारण मैंने ऐसा कहा है कि वे सब विश्वास करें कि आपने ही मुझे भेजा है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस-पास खड़ी है, उनके कारण मैंने यह कहा, जिससे कि वे विश्वास करें, कि तूने मुझे भेजा है।” |
या क्या तू सोचता है कि मैं अपने पिता से विनती नहीं कर सकता? वह स्वर्गदूतों की बारह से अधिक पलटनों को मेरे लिए अभी उपस्थित कर देगा।
तब जो यहूदी मरियम के साथ घर में थे और उसे सांत्वना दे रहे थे, यह देखकर कि मरियम शीघ्र उठकर बाहर चली गई, उसके पीछे चल दिए; क्योंकि उन्होंने सोचा कि वह कब्र पर रोने के लिए जा रही है।
तब वे लोग साक्षी देने लगे, जो उस समय उसके साथ थे जब उसने लाज़र को कब्र से बुलाया और उसे मृतकों में से जिलाया था।
कि वे सब एक हों, जैसे, हे पिता, तू मुझमें है और मैं तुझमें, वैसे ही वे भी हममें एकहों, ताकि संसार विश्वास करे कि तूने मुझे भेजा है।
हे धर्मी पिता, यद्यपि संसार ने तुझे नहीं जाना, परंतु मैंने तुझे जाना, और इन्होंने भी जाना कि तूने मुझे भेजा,
क्योंकि जिन वचनों को तूने मुझे दिया, मैंने उन्हें उन तक पहुँचा दिया है, और उन्होंने उन्हें ग्रहण किया और सचमुच जान लिया कि मैं तेरी ओर से आया हूँ, और विश्वास किया कि तूने ही मुझे भेजा है।
परंतु ये इसलिए लिखे गए हैं, ताकि तुम विश्वास करो कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र मसीह है, और विश्वास करके उसके नाम से जीवन पाओ।
परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा कि वह जगत को दोषी ठहराए, परंतु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
और यदि मैं न्याय करूँ भी तो मेरा न्याय सच्चा है, क्योंकि मैं अकेला नहीं हूँ बल्कि इसमें मैं हूँ और पिता है जिसने मुझे भेजा है।
जिसने मुझे भेजा वह मेरे साथ है। उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा क्योंकि मैं सदैव वही कार्य करता हूँ, जिनसे वह प्रसन्न होता है।”
यीशु ने उनसे कहा,“यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझसे प्रेम रखते, क्योंकि मैं परमेश्वर की ओर से आया और यहाँ हूँ; मैं अपने आपसे नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।
जो कार्य शरीर के दुर्बल होने के कारण व्यवस्था से असंभव था, उसे परमेश्वर ने किया अर्थात् अपने पुत्र को पापमय शरीर की समानता में और पापबलि होने के लिए भेजकर शरीर में पाप को दोषी ठहराया,
परंतु जब समय पूरा हुआ तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुआ,
यीशु ने अपनी देह में रहने के दिनों में ऊँचे स्वर से पुकारकर और आँसू बहा बहाकर, उससे जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थनाएँ और विनतियाँ कीं; और भक्ति के कारण उसकी सुनी गई।
अतः जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उनका सदा के लिए उद्धार करने में समर्थ है, क्योंकि वह उनकी ओर से विनती करने के लिए सर्वदा जीवित है।